लक्ष्मी सिंह Tag: दोहा 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read सरस्वती वंदना ????? शांत-सजल -शीतल-सरल, ज्ञान दायिनी मात। वर दे माँ पाये तुझे, भजे तुझे दिन-रात।। १ साहस, संयम, विमल मति, उर में भर दो ज्ञान। हे माँ हमको शक्ति दो, दो... Hindi · दोहा · वंदना · स्तुति 2 3k Share लक्ष्मी सिंह 12 Mar 2018 · 1 min read अनुप्रास अलंकार युक्त दोहे ? ? ? ? मदमाती मनमोहनी, मनहर मोहक रूप। मृगनयनी मायावती, मुस्काती मुख धूप।। १ सुखद सुगंधित सुमन सम, सृष्टि सृजक श्रृंगार। सरल समर्पित स्नेह से, सुखद सुधा संसार।। २... Hindi · दोहा 4 4 2k Share लक्ष्मी सिंह 18 Feb 2019 · 1 min read श्रृंगार रस विधा-दोहा 20/7/2019 श्रगार-रस ******** भाव रूप उर में बहे, जो बनकर रस धार। सभी रसों का मूल रस, रसपति है श्रृंगार।।१ कविता में श्रृंगार रस, मर्म हृदय का घोल। जो... Hindi · दोहा 1 1 1k Share लक्ष्मी सिंह 16 Apr 2018 · 1 min read महानगरीय जीवन महानगर में गुमशुदा, है मेरी पहचान। हिस्सा हूँ बस भीड़ का, हर कोई अनजान।। घर से बेधर हो गई, दो रोटी की चाह। जंगल मानव का यहाँ, अंजानी-सी राह।। भीड़... Hindi · दोहा 1k Share लक्ष्मी सिंह 24 Mar 2018 · 1 min read जल संरक्षण ? ? ? ? जल से ही जीवन बना, जल जीवन आधार। रखो बचाकर जल सदा, जल जीवन का सार।।१ जल से ही होता सदा, अपना सारा काम। जल संरक्षण... Hindi · दोहा 978 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jul 2017 · 1 min read राख ?????? तन पे राख लपेट कर , बसहा बैल सवार। शिव के दम पे है खड़ा, ये पूरा संसार।। 1 दुर्बल नारी जान के, मत करना अपमान। चिंगारी है राख... Hindi · दोहा 2 939 Share लक्ष्मी सिंह 17 Aug 2017 · 1 min read तुलसी महिमा ???? तुलसी भारत देश में, पूजनीय कहलाय। युग-युग से तुलसी यहाँ, देवी मानी जाय।। 1 तुलसी हिंदू धर्म में, जग जननी कहलाय। आँगन की शोभा बनी, घर-घर पूजी जाय।। 2... Hindi · दोहा 1 1k Share लक्ष्मी सिंह 29 Dec 2020 · 1 min read जीभ/जिह्वा जिह्वा पर माँ शारदे, लब पर बसें गणेश । हर-पल शुभ-शुभ बोलिये,मिलता शुभ संदेश ।। १ मृदुल वचन रसना सरस,जीवन का श्रृंगार। जीत जीभ को लीजिए, हो उत्तम व्यवहार।। २... Hindi · दोहा 2 2 914 Share लक्ष्मी सिंह 22 Jul 2017 · 2 min read अहंकार ????? अहंकार मन में भरा, केवल एक विचार। इसमें रहता ही नहीं, कभी छुपा कुछ सार।। १ अहंकार मानव हृदय, सकारात्मकअभाव। जिसको होता है सदा, नकारात्मक लगाव।। २ घटे अहं... Hindi · दोहा 1 867 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2017 · 1 min read दुश्मन जमाना बेटी का ???? जग बैरी होता रहा, बेटी का हर बार। क्यों पहले ही जन्म के, बेटी देता मार। जीने का अधिकार दो।। 1 यहाँ मौत के बाद तो , सभी चिता... Hindi · दोहा · बेटी/बेटियां 797 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2019 · 1 min read मकरंद गुंजित सुमनों के अधर,जब नेहों के छंद। केसरिया के रंग से, झड़ते हैं मकरंद।। १ कवि वसंत पर लिख रहे, कविता दोहा छंद। हर्फ - हर्फ में है भरी, मीठा... Hindi · दोहा 695 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2017 · 1 min read वक्त ????? वक्त एक ऐसा गुरू, बिना कहे दे ज्ञान। जीवन में जीता वही, जिसे वक्त का भान।। 1 वक्त बेवक्त वक्त में, ऐसा वक्त दिखाय। जीवन भर भूले नहीं, वो... Hindi · दोहा 690 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read एक चतुर नार ????? एक नार निकली चतुर, करके सब श्रृंगार। धीरे-धीरे से धुसी, मेरे मन के द्वार।। 1 उस नारी का दास मैं, जिससे लागे नैन। भटक रहा हूँ राह में, मिल... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 1 1 719 Share लक्ष्मी सिंह 2 May 2019 · 1 min read आँसू होता दिल में दर्द जब, बढ़े हृदय की ताप। मोती बनकर बह चले,आँसू तब चुपचाप।।१ आँसू की होती नहीं, कोई भी पहचान। गम हो चाहे हो खुशी, बहते एक समान।।२... Hindi · दोहा 2 669 Share लक्ष्मी सिंह 13 Mar 2022 · 1 min read तुम पतझड़ सावन पिया, तुम पतझड़ सावन पिया, तुम ही हो मधुमास। बूँद स्वाति नक्षत्र की,तुम्हीं हृदय की प्यास।। तुम हो मन की केतकी,चंपा तुम्हीं पलास। रिक्त हृदय के कुंज में,प्रथम प्रेम आभास।। प्रेम... Hindi · दोहा · प्रेम 3 1 753 Share लक्ष्मी सिंह 4 Feb 2019 · 1 min read प्रिय विरह - २ स्मृति प्रेम की नींद में, सुख क्रीड़ा का ध्यान। सुख चपला की छटा, हर लेती है ज्ञान ।। १ अश्रु भीगते नित नयन, अविरल जल की धार। मन व्याकुल तड़पे... Hindi · दोहा · विरह 661 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2019 · 1 min read नित्य-नियम नित्य दिवस उठ कर करें, सर्व प्रथम यह काम। देख स्वयं निज हाथ को, लेना प्रभु का नाम।। १ प्रात काल उठकर करें, नित भू को स्पर्श। आश्रय, कपड़ा,अन्न, जल,... Hindi · दोहा 592 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2018 · 1 min read मात-पिता भाई-बहन मात-पिता,भाई-बहन,हरदम आते याद। मिलना मुश्किल हो गया ,जब शादी के बाद।।१ मात-पिता भाई-बहन, बचपन का अहसास। दूरी कितनी भी रहे,रहते मन के पास।। २ प्यार बहुत दिल में भरा, लब... Hindi · दोहा 577 Share लक्ष्मी सिंह 9 Nov 2017 · 1 min read खुद से प्यार बात पते की मैं कहूँ, सुन लो मेरे यार। दूजे खातिर मर लिया, खुद से कर लो प्यार।। 1 बन जाओ खुद के लिए , आप ईमानदार। सीखो तुम अपने... Hindi · दोहा · प्रेम 594 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read लक्ष्य भटक रही हूँ लक्ष्य बिन, मंजिल से अंजान। जाऊँ कैसे किस दिशा, नहीं मुझे पहचान।१। लक्ष्य हीन ऐसी दशा, ज्यों मुरझाये फूल। जीवन पग-पग पर लगे, जैसे चुभते शूल।२। लक्ष्य... Hindi · दोहा 2 521 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read बुढ़ापा कठिन बुढ़ापे की डगर, रुके नहीं पर चाल। गहन अँधेरा चीर दो, लेकर हाथ मशाल।। तन तो बूढ़ा हो गया, मन से रहो जवान। जब मन से बूढ़ा हुआ, टूट... Hindi · दोहा 577 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 1 min read दोहे मेरे मन के ????? टूट रही हैं ख्वाहिशें, बुझे हुए हालात। वक्त बताता है यहाँ, किसकी क्या औकात।। १ जब भी की हमने यहाँ, सच्ची सीधी बात। लोग हमे कहने लगे, ये औरत... Hindi · दोहा 588 Share लक्ष्मी सिंह 17 May 2018 · 1 min read माँ/रूप प्रथम गुरू माँ वैध है, माँ देवी का रूप। वात्शल्य करुणामयी, माँ का रूप अनूप। १ सारी दुनिया से लड़े, मात शक्ति स्वरूप। जीवन पथ प्रदर्शक माँ, बुद्घि- ज्ञान का... Hindi · दोहा · माँ 489 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2019 · 2 min read चूड़ियाँ युग बदला, बदला नहीं, चूड़ी का श्रृंगार। इस युग में भी चूड़ियाँ, मिलते कई प्रकार।। १ फैशन के युग में बने, नित नूतन आकार। हर युग में हरदम रही, चूड़ी... Hindi · दोहा · नारी शक्ति 521 Share लक्ष्मी सिंह 2 Apr 2021 · 1 min read आस करे तमाशा जिन्दगी, होना नहीं निराश। ऐसे में धीरज धरो ,रखों आस विस्वास।। १ आस और विस्वास को, हरदम रखना पास। जिन्दा रहता है वही,जिसमें होती आस।। २ कच्ची मिट्टी... Hindi · दोहा 8 10 461 Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2021 · 1 min read प्रियवर अंतर मन में है बसा,प्रियवर तेरा चित्र। प्रेम वासना से रहित ,पावन परम पवित्र।। तेरी बाहों में सुबह,हो बाँहों में रात। दो नयना करती रहे,अंतर मन की बात।। सीने से... Hindi · दोहा · प्रेम 2 5 549 Share लक्ष्मी सिंह 3 Mar 2021 · 1 min read श्वान हुई श्वान से दोस्ती,पकड़ लिया है हाथ। मेरे संग-संग डोलता,सदा निभाता साथ।। अपनों ने छोड़ा हमें, मिला श्वान का साथ। सदा स्नेह से चूमता,सहलाता है माथ।। बेजुबान यह जानवर,समझे मन... Hindi · दोहा 2 2 449 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2022 · 1 min read गुब्बारे वाला हाय गरीबी इस तरह,बनी गले की फाँस । गुब्बारे में कैद कर, चला बेचने साँस।।१ गुब्बारे में भर दिया, अपना सारा दर्द। बिखर गया हूँ टूट कर, जैसे पत्ते जर्द।।... Hindi · दोहा 1 511 Share लक्ष्मी सिंह 6 Aug 2019 · 1 min read अखंड भारत भारत माँ के शीश से, हटा पुरातन पीर। लहर तिरंगा कह रहा,अपना है कश्मीर।। सपना अखण्ड हिन्द का , अब होगा साकार। आज राष्ट्र को मिल गया, इक नूतन आकार।।... Hindi · दोहा 460 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2019 · 1 min read प्रियवर प्रियवर अपने हाथ से, रचे महावर पाँव। धन्य हुई मैं तो सखी, पाकर ऐसा ठाँव।। प्रेम इसी का नाम है, मिटे अहं का भाव। राधा कृष्णा की तरह, होता जहाँ... Hindi · दोहा · प्रेम 1 499 Share लक्ष्मी सिंह 10 Feb 2020 · 1 min read अखबार सुबह चाय के संग ही, पढ़ते हैं अखबार। सभी घरों में है अहम,इसका किरदार।। १ जानकारियों से भरा, रहता था अखबार। भरे हूए है अब मगर, केवल कलुष विचार। ।... Hindi · दोहा 5 4 428 Share लक्ष्मी सिंह 5 Aug 2019 · 1 min read मित्र बुरे वक्त में ही दिखे, सबके असली रंग। केवल सच्चा मित्र ही, रह जाते हैं संग।। टाँग खींचती दोस्ती, कुछ मीठी नमकीन। केवल खुशियाँ बाँटते, गम लेते हैं छीन।। राह... Hindi · दोहा 4 1 457 Share लक्ष्मी सिंह 25 Feb 2021 · 1 min read सेमल सेमल कल तक था खड़ा,यूँ ही नंग धरंग। प्रिय बसंत का आगमन,निखर उठा हर अंग।। हाड़-मांस को फोड़ कर,फूट पड़ा हर अंग। रक्त पुष्प बन कर खिला, दहक रहा है... Hindi · दोहा 3 2 532 Share लक्ष्मी सिंह 17 Jan 2018 · 2 min read शाम सुहानी विधा - दोहा छंद ?????? शाम सुहानी दे रही, प्यार भरा पैगाम। कुछ-पल बैठे साथ में, इक-दूजे को थाम।। 1 जीवन भर यूँ ही बहे, प्यार भरी यह नाव। तेरे... Hindi · दोहा · प्रेम 2 1 514 Share लक्ष्मी सिंह 15 Apr 2018 · 1 min read श्याम नाम ? ? ? ? माधव,मधुसूदन,मदन,मनहर, मोहन श्याम। कितने तेरे रूप हैं ,कितने तेरे नाम।।१ महिमा तेरे नाम की , जपते भव से पार। श्याम नाम की ज्योति से ,जीवन हो... Hindi · दोहा 425 Share लक्ष्मी सिंह 3 Apr 2019 · 1 min read तारे श्वेत धवल किरणें लिए, निकले चाँद- सितार। रोज दिवाली है गगन, सजते दीप हजार।।१ टिम-टिम कर हँसते मगन, तारों का संसार। हँस-हँस सबको बाँटते, किरणों का उपहार।।२ रात-रात भर जाग... Hindi · दोहा 462 Share लक्ष्मी सिंह 23 Aug 2022 · 1 min read गुब्बारा गुब्बारे को देखकर, आया बचपन यादl हम कितने नादान थे,कितने थे आजादll१ वो बचपन खोया कहाँ, मिले न उसकी रेख। खुश हो जाते थे बहुत, गुब्बारों को देख।। २ बचपन... Hindi · दोहा · बचपन 2 1 441 Share लक्ष्मी सिंह 2 Mar 2018 · 1 min read बाल मन जितना कोमल बाल मन, उतना मनहर बोल। उसकी मीठी बोल से, माँ जाती है डोल।। १ भोले भाले बाल मन, बहुत अधिक नादान । सुख दुख का होता नहीं, जहाँ... Hindi · दोहा · बचपन 429 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 2 min read प्रिय विरह - १ ? ? ? ? ? ? साजन मैं किससे कहूँ, अन्तर्मन की बात। पल युग जैसे बीतते, कटें नहीं दिन - रात।। १ अंतर्मन में ली सँजो , पिया मिलन... Hindi · दोहा · विरह 431 Share लक्ष्मी सिंह 17 Aug 2019 · 1 min read नीति युक्त दोहे विष अमृत सम भाव से,कर लेता जो पान। इस जग में शिव की तरह, उसको योगी मान।। ठोकर खाये हर कदम, सहा भाग्य का लेख। बाँट रहे फिर भी सुमन,... Hindi · दोहा 1 431 Share लक्ष्मी सिंह 30 Dec 2020 · 1 min read अंग ओ कृष्णा रँग लो मुझे,अब तो अपने रंग। सारे जग को भूल कर,लगी तुम्हारे अंग।। १ रंग लगा दे रे मुझे, और लगा लो अंग। फगुआ मद की है चढ़ी,... Hindi · दोहा 3 396 Share लक्ष्मी सिंह 22 Dec 2019 · 1 min read एक धर्म इंसानियत प्रदत्त चित्र पर आधारित दोहे --------------------------------------- अलग-अलग हर खोपड़ी, बोल रहा इक मंत्र। सब धर्मों को मान दो,तभी देश गणतंत्र।।१ अपना ये संसार है, अपने हैं सब लोग। फिर क्यों... Hindi · दोहा 1 444 Share लक्ष्मी सिंह 20 Feb 2018 · 1 min read वसंत ? ? ? ? कण-कण सुरभित रस भरा, मधुरिम हुए दिगंत। चहुँ दिश कुसुमित यह धरा, सुषमा सरस वसंत।। १ रंग-बिरंगे फूल के, पहने हुए लिबास। रंग बसंती आ गया,... Hindi · दोहा · वसंत 371 Share लक्ष्मी सिंह 19 Dec 2020 · 1 min read दिसंबर का ठंड माह दिसम्बर ठंड का, बहुत बुरा है हाल । गरम लबादा ओढ़ना,स्वेटर ,मफलर ,शाॉल।। १ दिवस दिसंबर दैत्य-से, बहुत अधिक है ठंड। जिस के सर पर छत नहीं,उसको लगता दंड।।... Hindi · दोहा 5 2 358 Share लक्ष्मी सिंह 10 Dec 2020 · 1 min read धान आँखों में सैलाब है, सीने में तूफान। कृष्क नित्य ही रोपता , आसमान में धान।। १ सावन की बूँदें पड़ी,खुश हैं सभी किसान। अमृत भरा है बूंद में,अब रोपेगें धान।।... Hindi · दोहा 2 3 364 Share लक्ष्मी सिंह 28 Mar 2019 · 1 min read संयम श्रम ,संयम की वंदना, करता जा तू कर्म। कर्म करे किस्मत बने, जीवन का यह मर्म।। जीवन के हर क्षेत्र में, संयम है अनिवार्य। मंजिल चूमेगी कदम, पूरे होगे कार्य।।... Hindi · दोहा 398 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read फूल, /कूल /शूल /मूल /धूल एक बात तो सत्य है, खिलकर झरते फूल। दुर्दिन आतें ही सभी, हो जाते प्रति कूल।। आज मित्र व्यवहार में, छिपा कपट का शूल। कीट -सर्प अब सेवते, मानवता का... Hindi · दोहा 1 2 351 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read श्रम ?????? श्रम का फल मिलकर रहे, लगती थोड़ी देर। फल इतना मीठा लगे, फीके लगते बेर।। श्रम के दोनों हाथ पर, नाच रहा संसार। जीवन भट्ठी में जले, इस श्रम... Hindi · दोहा 382 Share लक्ष्मी सिंह 20 Nov 2020 · 1 min read लेखनी करुण हृदय का वंदना, कमल नयन का नीर। भाव भरी हो लेखनी,बंजर भू दे चीर।।१ जब अंतर व्याकुल हुआ, फूटें भाव हजार । निज छंदों से सींच कर, बहे काव्य... Hindi · दोहा 1 380 Share लक्ष्मी सिंह 9 Sep 2019 · 1 min read मात खेल रहा है लालना, मात यशोदा गोद। हर्षित है घर आँगना, छाया मंगल मोद।। हाथ उठा कर मात जब, देती है आशीष। झुक जाते भगवान भी, रख चरणों में शीश।।... Hindi · दोहा 4 1 375 Share Page 1 Next