Comments (5)
3 Mar 2021 10:20 AM
बहुत खूब
3 Mar 2021 08:08 AM
लक्ष्मी सिंह जी, ज़ेहन में कई चित्र उभर आये। बहुत खूब ‘प्रियवर’ दोहे! बधाई!
3 Mar 2021 08:07 AM
शीशा- ए- दिल में छुपा है, ए दिलबर तेरा प्यार ,
जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली तस्वीर- ए -यार,
श़ुक्रिया !
बहुत सुंदर रूहानी प्रेम की जीवंत परिकल्पना। बधाई।