लक्ष्मी सिंह Tag: दोहा 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 31 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज "सत्य की खोज” मनुज का,है अद्भुत प्रयास। अंधकार से निकलकर,पाता सुखद प्रकाश।। चिंतन-मंथन कीजिए , अन्तर्मन से रोज । दिव्य दृष्टि होगी प्रखर,सहज सत्य की खोज ।। पाप तिमिर सब... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · दोहा 6 44 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2024 · 1 min read भव्य भू भारती भव्य भूमि भव भारती,नतशिर बारंबार। भक्ति-भाव से आरती,तेरा रहें उतार।। भूमि भवानी भाविनी,क्षीर सुधा रसधार। अर्पित है श्रद्धा सुमन,कुसमित कोमल हार।। रत्नाकर धोये चरण,गिरिवर सिर श्रृंगार। सदा नमस्ते वत्सले,करो नमन... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 109 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2024 · 1 min read संविधान दुनिया की सबसे बड़ी, ऐसी एक किताब। संविधान कहते जिसे,हक का जहाँ हिसाब।। भीमराव आंबेडकर,इसके रचनाकार। अथक परिश्रम से लिखें,सब मौलिक अधिकार।। क्या करना है क्या नहीं, संविधान से जान... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 82 Share लक्ष्मी सिंह 11 Feb 2024 · 1 min read प्राण-प्रतिष्ठा(अयोध्या राम मन्दिर) मंगल ही मंगल हुआ, मंगलमय सब काज। प्राण प्रतिष्ठा हो रही,राम लला की आज।। सत्य सनातन धर्म की,बहुत बड़ी है जीत।। पूरे भारत वर्ष में,गूंज उठा यह गीत।। पावन बेला... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 75 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2024 · 1 min read जी20 “वसुधैव कुटुम्बकम्” का, हुआ स्वप्न साकार। जी20(ट्वेंटी)ने विश्व को,दिया नया आकार।। “वसुधैव कुटुम्बकम्”है,महामंत्र का मंत्र।। भाईचारा शांति का,सुख समृद्धि का तंत्र।। पूरी धरती एक है,विश्व एक परिवार। सबका एक भविष्य... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 93 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2024 · 1 min read युद्ध नहीं अब शांति चाहिए विश्व शांति साधक बने,रोके सारे जंग। रहे प्रेम-सौहार्द से,मेल-जोल के संग।। महाविनाशक युद्ध है,कहे वेद-इतिहास। मिले सफलता शांति से,समृद्धि और विकास।। नहीं फायदा युद्ध से,केवल करे विनाश। चुनो शांति का... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 98 Share लक्ष्मी सिंह 7 Feb 2024 · 1 min read युद्ध के बाद मंजर बिलकुल ही अलग दिखे युद्ध के बाद। बस्ती है उजड़ी हुई,टूटा घर बर्बाद।। कैसी लपटें उठ रहीं,विभीषिका की आग। मिटे कभी मिटता नहीं,ऐसा गहरा दाग।। जर्रा-जर्रा कांपता,बहुत भयावह हाल।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 76 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2024 · 1 min read दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा मै था भारत देश का,वीर सिपाही एक। पर मेरी मजबूरियाँ,लगा रहीं हैं टेक।। कभी देश के वास्ते,खूब लड़ा था जंग। मगर हाल मेरा अभी,ज्यों टूटी हुई पतंग।। धूम मचाया युद्ध... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 102 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2024 · 1 min read फौजी की पत्नी फौजी की पत्नी बनी,सात वचन के साथ।। नींद गवाईं मैं पिया,जगी तुम्हारे साथ।। अपने सपने छोड़ कर,रँगी तुम्हारे रंग। लेकिन तुम लड़ते रहे,मुझे छोड़ कर जंग।। डटे रहे तुम देश... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 97 Share लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2024 · 1 min read वापस आना वीर वापस आना लौट कर,जाने वाले वीर। भर देना फिर से सभी,आहत मन का पीर।। जो वादा माँ से किया,उसे न जाना भूल। आकर आँचल में भरो,फिर ममता का फूल।। राह... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 84 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read हटा 370 धारा भारत माँ के शीश से, हटा पुरातन पीर। लहर तिरंगा कह रहा,अपना है कश्मीर।। सपना अखण्ड हिन्द का , अब होगा साकार। आज राष्ट्र को मिल गया, इक नूतन आकार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 94 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read सर्जिकल स्ट्राइक बंद कलम को मिल गई, ताजी नई खुराक। कानों में जैसे पड़ा, छप्पन इंची धाक।। मंगल ही मंगल रहा, शुभ मंगल है आज। गढ़ दुश्मन का हिल गया, ढ़ाया कहर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 71 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 2 min read पुलवामा अटैक आँखों से आँसू बहे, कलम रक्त की धार। हुआ आज कश्मीर में, वीरों का संहार।। काँप रहा धरती गगन, चहुँ दिश हाहाकार। रँगा हिमालय रक्त से,गूंज उठा चित्कार।। टोली वीर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 81 Share लक्ष्मी सिंह 3 Feb 2024 · 1 min read माँ भारती की पुकार उठो वीर जागो सुनो,माँ की करुण पुकार। तड़प-तड़प माँ भारती,तुम से करे गुहार।। अब रणभेरी बज उठी,चिर निन्द्रा को त्याग। माँ की पीड़ा बढ़ रही,देशभक्त अब जाग।। उठो त्याग आलस्य... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 72 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read हम कितने आजाद आजादी के पर्व पर,सुन माँ की फरियाद। चीख-चीख कर कह रही, हम कितने आजाद।। पूर्ण रूप से है नहीं, अभी देश आजाद। जाति-धर्म के नाम पर, दंगा कहीं फसाद।। तड़प... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 73 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read आजादी दिवस आया आजादी दिवस, है आज पन्द्रह अगस्त। भेद-भाव को भूल कर, हो जाये सब मस्त।। जन-गन-मन के गान से, झंकृत मन का तार। आज सजी माँ भारती, कर सोलह श्रृंगार।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 46 Share लक्ष्मी सिंह 1 Feb 2024 · 1 min read तिरंगा तीन रंग से है सजा,अपना राष्ट्र निशान। केसरिया सफेद हरा,है इसकी पहचान।। केसरिया मस्तक सजा,अध्य हरा का रंग। श्वेत हृदय के मध्य में,अशोक चक्र के संग।। केसरिया बलिदान का,सत्य शांति... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 61 Share लक्ष्मी सिंह 31 Jan 2024 · 2 min read भारत देश बसा प्रकृति की गोद में,भारत देश महान। जिसके पावन भूमि पर,जन्म लिये भगवान।। सागर धोता है चरण, बना हिमालय ताज। ऐसे भारत देश पर, हमे बड़ा है नाज़।। गंगा ,जमुना,प्रेममय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 73 Share लक्ष्मी सिंह 30 Jan 2024 · 1 min read बलिदान मातृ भूमि के वास्ते , हो जाऊँ कुर्बान। कफन तिरंगा से बने, इतनी-सी अरमान।। जो करते हैं देश हित, सुख सुविधा बलिदान। ऐसे वीर जवान से, भारत बना महान।। हर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 73 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read वीर-जवान जब भी आया देश में,आतंकी तूफान। माँ की रक्षा के लिए,हुए वीर कुर्बान।। रणभेरी बजते उठे,मोह निद्रा को त्याग। चले वीर सन-सन करें, देश-भक्ति की आग।। "भारत ही सर्वस्व मम”,कहकर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 1 120 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jan 2024 · 1 min read सीमा प्रहरी सरहद जिसका घर बना, जंग बना त्योहार। माथे मिट्टी का तिलक,करे शत्रु संहार।। सरहद पर तैनात है,खोए अपना चैन । नींद त्याग कर जागते, सैनिक सारी रैन।। रहते सरहद पर... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2024 · 1 min read जाति-धर्म अलग-अलग हर खोपड़ी, बोल रहा इक मंत्र। सब धर्मों को मान दो,तभी देश गणतंत्र।। अपना ये संसार है, अपने हैं सब लोग। फिर क्यों अंतस में भरा, भेद-भाव का रोग।।... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 100 Share लक्ष्मी सिंह 27 Jan 2024 · 1 min read सरहद विहग पवन स्वच्छंद है, और नदी की धार । खींच लिये खुद ही मनुज,सरहद की दीवार।। दो देशों के बीच में,खींची एक लकीर। जिसका सरहद नाम है,मानवता का पीर।। सरहद... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 113 Share लक्ष्मी सिंह 26 Jan 2024 · 1 min read गणतंत्र आज बहुत पावन दिवस, आया है गणतंत्र। अमर तिरंगा देश का,गाओ गौरव मंत्र।। आज दिवस गणतंत्र है, जिस पर हमको गर्व। देशभक्ति बलिदान की ,यह वीरों का पर्व।। हम सब... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 94 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 1 min read देश- विरोधी तत्व साँप-सपोलों की तरह, देश विरोधी लोग। करो शीघ्र उपचार कुछ, खतरनाक यह रोग।। खत्म जड़ों से कीजिये,देश विरोधी तत्व। धर्म जाति के नाम पर, मिटा रहे अपनत्व।। देश विरोधी तत्व... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 90 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jan 2024 · 2 min read भारत और इंडिया तुलनात्मक सृजन भाव, ताल औ”राग से, निकला भारत देश। आज बना है इंडिया, बदल गया परिवेश।। देवों ने जिसको रचा, अपना भारत धाम। बदल दिया अंग्रेज ने, रखा इंडिया नाम।। भारत भावों... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share लक्ष्मी सिंह 26 Oct 2023 · 1 min read अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात। अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात। अंतहीन सीमा रहित,गम की गहन बिसात।। -लक्ष्मी सिंह Hindi · Quote Writer · कोटेशन · दोहा 1 102 Share लक्ष्मी सिंह 6 Oct 2023 · 1 min read वर्षा ऋतु के बाद छाई हरियाली बहुत,वर्षा ऋतु के बाद। गूँज उठा चारों तरफ,अद्भुत मंगल नाद। बूँदें पड़ते ही धरा,देती जीवन दान। अंतर अंकुर फूटता,स्वंभू ब्रह्म समान। फैली मधुमय चाँदनी,नील गगन के तीर। बिखर... Hindi · दोहा 1 2 257 Share लक्ष्मी सिंह 3 Oct 2023 · 1 min read राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी प्यारे बापू का रहा, सीधा सादा वेश। राष्ट्र पिता के नाम से,जाने पूरा देश।। देश प्रेम के वास्ते, छोड़ें अपना ठाठ । सत्य अहिंसा शांति का, दिये सभी को पाठ।।... Hindi · दोहा 181 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2023 · 1 min read चौमासा विरहा चैत्र हृदय को चीरता,बढा रहा है पीर। पिया रहे परदेश में,कैसे पाऊँ धीर।। बना दिया है बावली,ये जालिम बैशाख। सुलग रहा है तन बदन,कहीं न कर दे राख।। जेठ जलाये... Hindi · दोहा 104 Share लक्ष्मी सिंह 16 Sep 2023 · 1 min read मिलेट/मोटा अनाज मिलेट एक प्रकार का,है प्राचीन अनाज। छुपे हुए हैं स्वास्थ्य के, जिसमें सारे राज़।। कोदो कुटकी काँगणी,चीना रागी ज्वार। अब मिलेट के नाम से, आया है बाज़ार।। साँवा,कोदो, बाजरा,झंगोड़ा,जौ,ज्वार। इसको... Hindi · दोहा 2 1 260 Share लक्ष्मी सिंह 15 Sep 2023 · 1 min read हिन्दी ब्रह्म कमंडल से बही,हिन्दी की रसधार। वरदहस्त वागेश्वरी,वीणा की झंकार।। वंदनीय निज मात सम,ईश्वर की वरदान। भारतवासी के लिए,हिन्दी है अभिमान।। मात भारती भाल पर,शोभित शुभ श्रृंगार। कालजयी भाषा रही,हिन्दी... Hindi · दोहा 2 1 113 Share लक्ष्मी सिंह 1 Aug 2023 · 1 min read महादेव का भक्त हूँ महादेव का भक्त हूँ,पिया हलाहल रोज। नयनों में आँसू भरा,मुख मंडल पर ओज। दुख ताण्डव करता रहा,रही मुसीबत साथ। मगर शीश पर रख दिया, महादेव ने हाथ।। भोले भाले हैं... Hindi · दोहा 4 1 343 Share लक्ष्मी सिंह 25 Jul 2023 · 1 min read बरखा रानी बरखा रानी आ गई,कर सोलह श्रृंगार। बिजली की पायल पहन,करे मधुर झंकार।। काली चुनरी ओढ़ कर,बरसे धन बौछार। आगे आगे नाचती,गाती चले बयार।। इन्द्रधनुष का आभरण,बहुरंगा मनियार। नीलगगन में टाँक... Hindi · दोहा · बरसात 3 1 356 Share लक्ष्मी सिंह 19 Jul 2023 · 1 min read पंचतत्व धूमकेतु,धनरस,धरा,अंबर और बयार। पंचतत्व के रूप में, ईश्वर का उपहार।। पंचतत्व से है बना,जग के सकल पदार्थ। भव बंधन को खोलता,परम पूण्य परमार्थ।। पंचतत्व मिलकर बना,मनुज तूम्हारा देह। पंचतत्व में... Hindi · दोहा 4 1 488 Share लक्ष्मी सिंह 14 Jul 2023 · 1 min read अति वृष्टि अति वृष्टि में सृष्टि फँसी,जग में हाहाकार। आई विपदा की घड़ी,पड़ी प्राकृतिक मार।। पहले प्यासी मृत धरा,थी सूखे की मार। अब बरसी है क्रोध में,करने लगी प्रहार।। होती रहती रात... Hindi · दोहा · बरसात 4 1 453 Share लक्ष्मी सिंह 22 Jun 2023 · 1 min read योग धर्म आस्था से प्रथम,बना योग विज्ञान। योग विधा में थे निपुण,शिव शंकर भगवान।। शिव शंकर के बाद ही,हुआ योग प्रारंभ। वैदिक कालों से रहा,विदित वृहत स्तंभ।। गीता वेद पुराण में,भरा... Hindi · दोहा 2 3 296 Share लक्ष्मी सिंह 21 Jun 2023 · 1 min read योग आज विश्व को चाहिए,ऐसा एक विज्ञान। हितकारी सबके लिए,योग शक्ति संधान।। सामाजिक कल्याण की,एक विधा है योग। भौतिकवादी दौड़ में,जिससे रहे निरोग।। योग एक तकनीक है, मन को करे ससक्त।... Hindi · दोहा 4 4 160 Share लक्ष्मी सिंह 13 Jun 2023 · 1 min read लक्ष्य लक्ष्य हीन है जो मनुज, पड़े उसे क्या फर्क। रहा भटकता दर बदर, बेमतलब का तर्क।। यूँ ही अपनी जिंदगी, करो नहीं तुम व्यर्थ। उस मकसद को ढ़ूंढ़ लो, जिसका... Hindi · दोहा 5 6 257 Share लक्ष्मी सिंह 12 Jun 2023 · 1 min read रुचि पूर्ण कार्य असल जिंदगी में हमें,तब आता आनंद। जब करते हैं हम वही,जो होता हमें पसंद।। कभी खत्म होती नहीं,पा लेने की दौड़। सोच-समझ कर कीजिये, पहले खुद पर गौर। लाभ कमाने... Hindi · दोहा 3 4 289 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jun 2023 · 1 min read जल से निकली जलपरी जल से निकली जलपरी, श्वेत सुनहरा रंग| अंग-अंग जादू भरा,मादकता के संग।। मुख रंजित ज्यों चंद्रमा,काया कनक किशोर। रजत किरण की रश्मियाँ, छिटक रही चहुँ ओर।। मुदित मदिर मंदाकिनी,उज्ज्वल स्वर्ण... Hindi · दोहा 2 2 420 Share लक्ष्मी सिंह 7 Jun 2023 · 1 min read जलपरी सच में होती जलपरी,या होती है ख्वाब। लेकिन इसकी बात तो,करते कई किताब।। दंतकथा में जलपरी,काल्पित जलीय जीव। रूप लावण्य से भरा,है सौन्दर्य अतीव।। कलाबाजियों से भरी,अद्भुत आकर्षक रूप। बीच... Hindi · दोहा 2 4 486 Share लक्ष्मी सिंह 4 Jun 2023 · 1 min read जो पड़ते हैं प्रेम में... जो पड़ते हैं प्रेम में,उसे कहाँ है चैन। हाय नींद आती नहीं,जगते सारी रैन।। अपना मन छलता रहा,छल कर किया तमाम। बेचैनी दिन रात की,मिले नहीं आराम।। आँखों में आराध्य... Hindi · दोहा · प्रेम 2 2 166 Share लक्ष्मी सिंह 1 Jun 2023 · 1 min read सोशलमीडिया जादू सोशल मीडिया, फँसा हुआ इंसान। अगर दिया है फायदा,काफी है नुकसान।। अब तो सोशल मीडिया,लगता सबसे खास, बूढ़े बच्चे सब यहाँ,करते टाइम पास। घर बैठे ही कर रहें,इस दुनिया... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 468 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read क्रोध क्रोध पतन का रास्ता, महा तीक्ष्ण तलवार। खुद की गर्दन पर करें, खुद ही मनुज प्रहार।। तीर क्रोध का जब चले, खुद का करे विनाश। मन में आने दो नहीं,... Poetry Writing Challenge · दोहा 3 545 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read चूड़ियाँ आदि काल से चूड़ियाँ, संस्कृति का आघार। खुशहाली की चिन्ह यह, प्रमुख कर अलंकार।। खनके हाथों में सदा, चूड़ी वृत्ताकार। रिक्त कलाई हो नहीं, भरी रहे दो-चार।। पहने बेटी हाथ... Poetry Writing Challenge · दोहा 5 240 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read मरीचिका गर्म हवा की हूँ लहर, जिसमें बढ़ती प्यास। केवल दरिया रेत की, मरीचिका आभास।। बनकर मायावी छले, मरीचिका रत्नार। मन मृग-सा आतुर फिरे, पछताता हर बार।। भरा हुआ है वेदना,... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 336 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read अखबार अखबारों की सुर्खियाँ, मचा रहें हैं शोर। अपराधों से हैं भरे,भींगे नयना कोर।। कत्ल,डकैती,चोरियाँ, हिंसा, भ्रष्टाचार। दिखता अब अखबार में, लाशों का बाजार।। झूठ कपट पाखंड से,,भरा हुआ है अंक।... Poetry Writing Challenge · दोहा 2 146 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read प्रिय विरह करवट-करवट रात ये, करती गई उदास। अंतस बसता विरह का,ये कठोर आभास।। जैसे मछली जल बिना, तुम बिन मैं निष्प्राण। बरसो घन बन प्रीत का, दे दो जीवन त्राण।। अद्भुत... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 3 1 171 Share लक्ष्मी सिंह 29 May 2023 · 1 min read आ जाओ घर साजना बिन साजन सुना लगे, ये मेरा घर-द्वार। आ जाओ घर साजना, कब से पंथ निहार।। सहना है मुश्किल बहुत, तेज विरह की डंक। रही प्राण तन से निकल, प्रिय भर... Poetry Writing Challenge · दोहा · विरह 2 128 Share Page 1 Next