लक्ष्मी सिंह Tag: ग़ज़ल/गीतिका 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next लक्ष्मी सिंह 24 Dec 2020 · 1 min read सर्दी गीतिका आधार छंद : बरवै मात्रिक विधान : १९ मात्राएँ, १२ एवं ७ नित्य दिवस सर्दी का, ऐसा वार। चलती रहती तन पर, ज्यों तलवार। मोजे, स्वेटर, पहने, सारे लोग,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 304 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2020 · 1 min read कभी चाहो मुझे भी तुम विधाता छंद 1222 1222 1222 1222 कभी चाहो मुझे भी तुम, कभी मेरे लिए सोचो । हमारा दिल बड़ा नाजुक ,इसे ऐसे नहीं नोचो। बिखर कर टूट जाती हूँ, सँभल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · प्रेम · विधाता छंद 4 4 238 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read लेखनी विधा-विधाता छंद उठाकर लेखनी अपनी हृदय का प्यार लिखती हूँ| विरह की वेदना संवेदना श्रंगार लिखती हूँ| नहीं मैं पंत ,दिनकर ,कोकिला की बोल-सी प्यारी, मगर जो भावना उर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 3 325 Share लक्ष्मी सिंह 30 Mar 2020 · 1 min read बंशी बजाये मोहना हरिगीतिका छंद बंशी बजाये मोहना नव रस सुरीली गीत रे। है बाँसुरी जादू भरी फैली जगत में प्रीत रे। सुन बावली होने लगी कितना मधुर संगीत रे। रसराज रसिया की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · स्तुति · हरिगीतिका छंद 6 1 417 Share लक्ष्मी सिंह 22 Mar 2020 · 1 min read जनता कर्फ्यू वीर छंद आधारित गीतिका ★★◆◆◆●●★★◆◆◆●●●★★◆◆◆★★ रोग भयानक कोरोना का, मचा रहा जग में उत्पात| त्राहि-त्राहि है जनमानस में, बिगड़े है सबके हालात| मंदिर-मस्जिद चर्च दुकानें, बंद हुए सारे बाज़ार, विद्यालय,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 389 Share लक्ष्मी सिंह 8 Mar 2020 · 1 min read होली [ गीतिका ] ~~~~~~~~ आधार छंद -द्विगुणित चौपाई मात्राएँ - 32 चरणान्त -22 समान्त- अर पदान्त- से [गीतिका] होली का त्योहार निराला,रंग बरसता है अंबर से। इन्द्रधनुष धरती पर उतरा,है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share लक्ष्मी सिंह 8 Feb 2020 · 1 min read चपले तोटक छंद ११२-११२-११२-११२ चमके दमके नभ में चपले। दिखला कर रूप छटा मचले। यह बादल में छिपती रहती। बतियाँ उससे कितना करती। डरता रहता मन चंचल है। नभ से करती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तोटक छंद · प्रेम 4 1 327 Share लक्ष्मी सिंह 6 Feb 2020 · 1 min read विहान तोटक छंद मापिनी 112112 112112 जब सूरज नित्य विहान करे। चहके चिड़िया मधु गान करें। यह कोमल ,मंजुल-सी कलियाँ। खिलती तरु की सुमनावलियाँ। अवसाद मिटें भ्रम जाल कटे। नव सूर्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तोटक छंद 3 1 363 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2020 · 1 min read राम का नाम लो विमोहा छंद मापिनी 212 - 212 राम का नाम लो। भोर लो शाम लो। जिंदगी में सदा, धैर्य से काम लो। बात मीठी करो, शील को थाम लो। भीख मांगो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 259 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2020 · 1 min read वक्त का मार है _विमोहा_छंद_ मापिनी 212 212 वक्त का मार है। आज बीमार है। क्या करे वो भला, आप लाचार है। भोग पाया नहीं, जीभ में लार है। चीखने वो लगा, जिंदगी खार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 404 Share लक्ष्मी सिंह 28 Jan 2020 · 1 min read आ चले गाँव में _विमोहा_छंद_ मापिनी 212 212 ******************* आ चले गाँव में, प्रीत की ठाँव में। पेड़ पौधे वहाँ, शांति हैं छाँव में। पायलें डालती, गोरियां पाँव में। घूम आये वहाँ बैठ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 168 Share लक्ष्मी सिंह 24 Dec 2019 · 1 min read है नहीं मुश्किल ज़रा तुम प्यार कर देखो। 2122 2122 21222 है नहीं मुश्किल ज़रा तुम प्यार कर देखो। जीत कर भी प्यार में तुम हार कर देखो। हो भरा मन में अहं तो प्रेम कैसे हो, यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 173 Share लक्ष्मी सिंह 14 Dec 2019 · 1 min read शब्द रंगोंली गम खुशियों की खेले होली। शब्दों से बनती रंगोली। कभी हृदय में शूल चुभातें , कभी कर्ण में मिश्री घोली। अंतर मन को छलनी कर दे, जब चलती शब्दों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 276 Share लक्ष्मी सिंह 6 Dec 2019 · 1 min read दीनानाथ विधा-बरवै छन्द ****************** बहुत दीन अनाथ हूँ, दीनानाथ। सिर पर अब रख दो प्रभु ,अपना हाथ।। दुनिया रंग बिरंगी,मिले न मीत। पैसे के सब संगी,जग का रीत।। आज शरण में... Hindi · -बरवै छन्द · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · वंदना 450 Share लक्ष्मी सिंह 4 Dec 2019 · 1 min read जय श्री राम। विधा-बरवै छन्द ****************** नित्य जपो मन मेरे,जय श्री राम। प्यारा प्रभु की नगरी, प्यारा नाम।। जीवन छोटी नैया, प्रभु पतवार। जो जपा प्रभु नाम को,भव से पार।। प्रभु नाम में... Hindi · -बरवै छन्द · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · वंदना 206 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read बचपन रूपमाला छंद +++++++++- बाल मन निर्मल बहुत है,और हैं मासूम। रूठते पल में मनाते, खिलखिलाते झूम। रूप है भगवान जैसा, है, हृदय अनमोल। कर्ण में रस घोलते मुख, से निकलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · बचपन · रूपमाला छंद 1 425 Share लक्ष्मी सिंह 24 Nov 2019 · 1 min read बजरंग बली तिलका छंद विधान-दो सगण सूत्र पर आधारित। ★★★★★ बजरंग बली। दर आज चली। जयकार भली । रिपु तोड़ नली । हृद राम-सिया। गुणगान किया। प्रभु नाम लिया सब काम किया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तिलका छंद · भजन · वंदना 302 Share लक्ष्मी सिंह 24 Nov 2019 · 1 min read प्रेम -तिलका छंद ★★★★★★ जब प्रेम किया। बस प्रेम किया। मुख मोड़ लिया। जग छोड़ दिया। मन फूल खिला। जब प्रेम मिला। किस राह चला। मन ये पगला। मुख मूक रहा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · तिलका छंद · प्रेम 295 Share लक्ष्मी सिंह 21 Sep 2019 · 1 min read कर्म गीतिका छन्द 2122,2122,2122,212 कर्म दैविक रूप है, तो कर्म ही आकार है। कर्म दैविक संपदा है ,मुक्तियों का द्वार है। कर्म जो भी श्रेष्ठ करता, ईश का अवतार है। कर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · गीतिका छंद 3 1 356 Share लक्ष्मी सिंह 7 Sep 2019 · 1 min read रोटी रूप माला छंद मापनी-21222122. 212221 एक रोटी फूल-सी, फूली हुई जो आग। आग में जिसको पकाने, से लगे कुछ दाग। एक रोटी गोल, थाली से रही है झाँक। चाँद-सी सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · रूपमाला छंद 3 3 220 Share लक्ष्मी सिंह 6 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना .रक्ता छंद सृजन मापनी....२१२ १२१ २ श्री गणेश बोलिये। भक्ति भाव घोलिये। आरती उतार लो। देव को निहार लो। श्री महेश लाल हो। दीन के दयाल हो। सूंड़ एक दंत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन · रक्ता छंद · वंदना 2 1 414 Share लक्ष्मी सिंह 4 Sep 2019 · 1 min read गणेश वंदना _आनंद_वर्धक_छंंद_ मापनी_2122_2122_212 बाल गणपति! भाल पर चंदा सजे। शोकहारी! जग तुम्हेँ ज्यादा भजे।। हो सदाशुभ लाभ के दाता तुम्हीं। कामगति! ब्रह्मांड के ज्ञाता तुम्हीं। थाल में मोदक लगाया भोग है।... Hindi · आनंद वर्धक छंद · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · भजन 2 1 207 Share लक्ष्मी सिंह 1 Sep 2019 · 1 min read प्रेम मनमनोरम छंद? मापनी-2122 2122 ****************** प्रेम का रस घोल देना। मूक हो पर बोल देना। प्रेम का सपना सजाना। हाँ नई दुनिया बसाना। सोच लो जब प्यार होगा। मौत पथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share लक्ष्मी सिंह 31 Aug 2019 · 1 min read विरह इन्द्रवज्रा छंद मापनी-२२१ २२१ १२१ २२ पातीं लिखूँगी हर रोज ऐसे। तेरी करूँगी नित खोज ऐसे। यादें सताती दिन रात तेरी। आँखें भिगाती हर बात तेरी। आओ सुनाये मन की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 126 Share लक्ष्मी सिंह 19 Aug 2019 · 1 min read सदा तुम्हारी झोली में सदा तुम्हारी झोली में खुशियों की सौगात हो। गम से कोशों दूर रहो फूलों की बरसात हो। हँसी-खुशी हर दिन बीते,मंगलमय हो कार्य सब , चाँद-सितारों से रौशन सुखद सुहानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read जीत कर भी हार जाना चाहिए। ? ? ? ? जीत कर भी हार जाना चाहिए। फासले ऐसे मिटाना चाहिए। बात छोटी जो करे कोई भूलकर, दिल बड़ा अपना बनाना चाहिए। खून के रिश्ते बड़े अनमोल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 462 Share लक्ष्मी सिंह 18 Aug 2018 · 1 min read मोहब्बत एक ऐसी बीमारी है। ? ? ? ? ? मोहब्बत एक ऐसी बीमारी है। जो सबके दिलों पर पड़ता भारी है। जिन्दा जलाकर जिस्म जो राख कर दे, मोहब्बत एक ऐसी चिंगारी है। जगता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 383 Share लक्ष्मी सिंह 4 Aug 2018 · 1 min read मैं मायूस हूँ पर बेचारा नहीं हूँ। मैं मायूस हूँ पर बेचारा नहीं हूँ। अब तक मुश्किलों से मैं हारा नहीं हूँ। मोहब्बत ने जालिम निकम्मा बनाया, मैं मजबूर हूँ पर नाकारा नहीं हूँ। ये कठिन रास्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 258 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read बात-बात पर क्यों रोती हो? ? ? ? ? बात-बात पर क्यों रोती हो? द्युति प्राण की क्यों खोती हो? दर्द छुपा कर दिल में रखना, सजल नयन में क्यों मोती हो? सुख-दुख तो आना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 170 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। ? ? ? ? ऐसे ना मुझको तुम तड़पाया करो। याद आने से पहले आ जाया करो। देख आया है सावन रंगीला सनम, करके वादा यूँ तुम ना भुलाया करो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 210 Share लक्ष्मी सिंह 3 Aug 2018 · 1 min read मैं मतवाला मस्त फकीरा मैं मतवाला मस्त फकीरा, कोई हमारा नहीं है। इस जग का हमें मोह माया , तनिक भी प्यारा नहीं है। धरती पर मनुज का जन्म तो, मिलता बहुत ही भाग्य... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 175 Share लक्ष्मी सिंह 29 Jul 2018 · 1 min read मैं दिल से सिर्फ तुमको तुमको ही चाहती हूँ। मैं दिलसे सिर्फ तुमको तुमको ही चाहती हूँ। तुमको ख़ुदा की मैं तो परछाई मानती हूँ। तेरी ये बेरूख़ी भी मेरी तो जान लेगी, तेरे ख़याल में ही सोती न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 159 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jun 2018 · 1 min read छम-छम बदरा बरस रहा है ? ? & & ? ? छम-छम बदरा बरस रहा है। विरहन मन ये तरस रहा है। शीतल पवन चले आरी-सी, बूंद-बूंद फिर विहस रहा है। आग कलेजे में धधकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share लक्ष्मी सिंह 24 Jun 2018 · 1 min read साजन तेरे इश्क़ की खुमारी ? ? ? ? साजन तेरे इश्क़ की खुमारी। अब नहीं उतरेगी उम्र सारी। कुछ कहे अनकहे अल्फाजों से, जिंदगी सँवरने लगी हमारी। बिना तुम्हारे कभी आती नहीं , अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 178 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read जागती रात अकेली-सी लगे। ? ? ? ? जागती रात अकेली-सी लगे। दर्द तन्हाई सहेली-सी लगे। जब से छोड़ कर तुम गये जाना। रूह विरान हवेली-सी लगे। तुम बिन जीना भी क्या जीना प्रिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं। ? ? ? ? दोस्त जीवन में मिल ही जाते हैं। हदसे ज्यादा जो दिल को भाते हैं। गर समय के भँवर में फँस जाऊँ हाथ दे कर निकाल लाते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कोई भी नहीं हमारा है। ? ? ? ? कोई भी नहीं हमारा है। कविता ही एक सहारा है। गम ,बेबसी ,बगावत में भी , ये करता नहीं किनारा है। आँसू से भींगे पलकों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 261 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read खुशी जीत की नई परिभाषा का नाम है। ? ? ? ? खुशी जीत की नई परिभाषा का नाम है। जीवन जीने की चाहत का एक जाम है। गम की बेला आती है जीवन में सब के, इसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कभी झूठे कभी सच्चे लगते हो तुम। ? ? ? ? कभी झूठे कभी सच्चे लगते हो तुम। आदत से पूरे बच्चे लगते हो तुम। मौसम-सा तुम पल-पल रंग बदलते हो, पर मन के कोमल कच्चे लगते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 121 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read कुछ समझो दिल की बात प्रिय। ? ? ? ? कुछ समझो दिल की बात प्रिय। कर लो एक मुलाकात प्रिय। तपती मरू-सी प्यासी मैं, प्रेम की करो बरसात प्रिय। दम घुटता है तन्हाई में, समझो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 180 Share लक्ष्मी सिंह 17 May 2018 · 1 min read संघर्ष जीवन संघर्ष भरा है। सहर्ष इसे स्वीकारा है। हँसते हँसते इस जीवन में, दुःख से किया किनारा है। सुबह की सूर्य किरण बनकर, गम के बादल को फारा है। अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 169 Share लक्ष्मी सिंह 4 Apr 2018 · 1 min read क्रोध नहीं सिर्फ प्यार करो ? ? ? ? क्रोध नहीं सिर्फ प्यार करो। प्रेम - रस की बौछार करो। दुख संयम और विवेक से, क्रोध रूप दरकिनार करो। सम्हलो पाते ही आहट, मौन भाषा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read दिन दुनिया से बेखबर यूँ नशे का परस्तार कौन ????? दिन दुनिया से बेख़बर, यूँ नशे का परस्तार कौन है। इतनी दिलगीर अंधेरी रात में ये बेदार कौन है। पहनकर वनमानुष का खदो-खाल मुंह बिचकाये, कमर में बाँधकर मियान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 346 Share लक्ष्मी सिंह 14 Feb 2018 · 1 min read यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये। ? ? ? ? ? यूँ धीरे-धीरे दूर सब होते चले गये। हम दिल की पीड़ा अश्क से धोते चले गये।। बड़ी ही बेरहमी से जज्बातों का कत्ल कर, रिश्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 170 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read हर हर किसी बात का जवाब नहीं होता है ??????? हर किसी बात का जवाब नहीं होता है। हर नशे का नाम #शराब नहीं होता है। टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते, जो झुक जाये वो #नवाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 265 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read ना जफा कहिये ना खफा कहिये ?????? ना जफा कहिये ना खफा कहिये। कहिये - कहिये मुझे बला कहिये। बर्बाद ख्वाहिशें बिखरा सपना, दर्दे- दिल गमों से भरा कहिये। प्यार मुहब्बत सब कहाँ खो गई, दिलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 328 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read एक तरफा प्यार ?????? एक तरफा ही सही प्यार तो प्यार होता है। किसी को हो ना हो उसे बेशुमार होता है। इतना ऐतबार अपनी धड़कनों पर भी नहीं, जितना उसकी बातों पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत होती है ??????? तुम्हारी हर अदा से मोहब्बत होती है। इक तेरे रूठ जाने से मुसीबत होती है। डाल ली आदत गमों में मुस्कुराने की, जिन्दा आदमी की ही तो आदत होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read मासूम बचपन की बातें पुरानी ????? मासूम बचपन की बातें पुरानी। नहीं भूल सकता मैं वो जिन्दगानी। वो गुड़िया, खिलौना धरौंदे बनाना, वो मासूम सी चाहत की निशानी। कड़ी धूप में मेरा तितली पकड़ना, बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 309 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jan 2018 · 1 min read बदनामी के दौर में भला कौन बदनाम नहीं ?????? बदनामी के दौर में भला कौन है बदनाम नहीं। जो बदनाम करता क्या उसे और कोई काम नहीं। मायूस होकर के लौटे हैं हर इक दुकान से हम, गम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share Previous Page 2 Next