Jitendra Anand Language: Hindi 150 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read वृक्ष की उपादेयता: वृक्ष केवल अचल,हेते नहीं:: जितेंद्रकमलआनंद ( ४७) घनाक्षरी :: क्रमॉक ४७ वृक्ष केवल अचल होते नहीं जडवत, सुनो वत्स! यह तो विश्व जीवन आधार हैं ,। प्राणियोंके रक्षक तरु मीत हैं समाज के , इनसे भी होता... Hindi · मुक्तक 733 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read एकता के गीत गायेंं, हो परस्पर प्यार इतना( गीत)पोस्ट २९ एकता के गीत गायें **************** हम रचाने आ गये संसार फिर स्वप्निल धरा पर हो परस्पर प्यार इतना एकता के गीत गायें ।। सत्यता हो मूल्य शाश्वत , हो समय... Hindi · गीत 1 665 Share Jitendra Anand 29 Oct 2016 · 1 min read सुरभि,सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला :: जितेंद्रकमलआनंद (१२३) घनाक्षरी :: गौ माता ----------------------- सुरभि, सुभद्रा,नन्दा,बहुला,सुशीला गायें-- क्षीर- सिंधु-- मंथन से लिए| अवतार| है । जो हैं चन्द्र, रवि और इन्द्र की भी इष्ट शक्ति, करते उन्हें भी हम... Hindi · कविता 615 Share Jitendra Anand 21 Oct 2016 · 1 min read चाहते न थोपना पर, हम ज्ञान :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७३) राजयोगमहागीता: घनाक्षरी छंद क्रमॉक७/२१!!सारात्सार-- **********चाहते न थोपना पर, हम ज्ञान इसका, वेद अतिरिक्त भी है, और उसको कहा , होकर समदर्शी जो आत्म- अनुभूति हुई , उसको ही मैं यह... Hindi · कविता 551 Share Jitendra Anand 23 Oct 2016 · 1 min read कवि का केवल कर्म नहीं हैं ,कविता ::: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८५) कवि का केवल कर्म नहीं है कविता करना ( गीत ) राष्टृ - सुरक्षा हेतु उसे भी आगे बढ़ना । उठो ! बहा दो , कोटि जनों तक मधुरिम धारा... Hindi · गीत 593 Share Jitendra Anand 9 Nov 2016 · 1 min read युग निर्माण करें सब मिलकर::-- जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १३८) युग निर्माण करें सब मिल कर, मानवताके पथ पर चलकर । परम अपेक्षित है गीताके ,परमतत्व को फिर पाने की । आवश्यकता है भारतको , कर्म- मार्ग पर फिर जाने... Hindi · गीत 521 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: पीने को शिव इष्ट रामकी हाला:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ३२) जयबालाजी:: पीनेको शिव इष्ट रामकी दीप्ति माधुरी की हाला । दशरथ प्रांगणमें पहुँचे धर रूप मदारी का आला । संग चपल सुंदर बंदर ले, खेल दिखाते वे सबको । एक... Hindi · मुक्तक 634 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read जो वतन से प्यार करतीं ,वो हमारी वेटियॉ हैं ( गीत) पोस्ट२१ जो वतन से प्यार करतीं वो हमारी वेटियॉ हैं सम नहीं अनुपात इनका , वेटियॉ सब ही पढायें हो नहीं इनकी उपेक्षा , वेटियॉ सबकी बचाएँ । अवतरित होतीं धरा... Hindi · गीत 1 478 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read सूर्य अग्रसर उत्तर दिशि में :: जितेंद्रकमलआनंद ( ९७/ १०२) नव्य वर्ष शुभ मंगलमय है ( गीत का शेष भाग ) ********************** साथ राम गंगा , यमुना है, प्रयागराज सुतीर्थ हुआ है । गढ़मुक्तेश्वर , हरिद्वार का नाम कमल उत्कीर्ण... Hindi · गीत 1 475 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए ( ग़ज़ल) पोस्ट १९ ग़ज़ल ::: फूल - सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए जोड़ दे जो दो दिलों को सादगी ले आइए तब कहेंगे मत मिटो अपने वतन पे दोस्तों जो यहॉ आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read मुक्तक : सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो ( पोस्ट १६) सूर्य का जग में नवल उन्मेष हो । भ्रांति का कोई न मग अब शेष हो । हो सुशासन देश में संदेश यह -- मुस्कराता उल्लसित परिवेश हो ।।२!! -----... Hindi · मुक्तक 482 Share Jitendra Anand 19 Oct 2016 · 1 min read राजयोगमहगीता: गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५४)घनाक्षरी घनाक्षरी : प्रभु प्रणाम ३ ------------,गोविंद भी नाम जिनका है गोवर्धनधारी , नित्यरूप, नित्यगुण, नित्य- लीलाधाम हैं । सभीके हैं मूल उत्स , परम आनंद हैं जो , कारणों के... Hindi · कविता 431 Share Jitendra Anand 29 Apr 2017 · 1 min read कविता : हुआ अपेक्षित है आवश्यक हुआ अपेक्षित है आवश्यक,सद् मारग पर तुमको चलना। परहितार्थ जीवन यापन हो,सद् आचरण बनाये रखना ।।३!! सुस्थिरप्रग तुम्हें रहना है,घबराहट तुमसे घबराये विजय तुम्हारी होगी निश्चित ,चक्रव्यूह तुमसे चकराये ।।४!!... Hindi · कविता 509 Share Jitendra Anand 17 Oct 2016 · 1 min read प्यार को पावन बनाओ , प्यार को पूजा फलित भावन बनाओ( गीत ) पोस्ट ३२ प्यार को पावन बनाओ ********************* साध्य अपने प्यार को पावन बनाओ । प्यार को पूजा , फलित भावन बनाओ ।। सूर्य हो या चन्द्रमा या व्योम -- तारे , प्यार... Hindi · गीत 456 Share Jitendra Anand 13 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: प्रभु प्रणाम ( घनाक्षरी ) पोस्ट५ विभु राम ,नृसिंहादि रूपों में जो व्यक्त हुए , भगवान गोविंद का करता भजन हूँ , प्रभु कृष्ण रूप में जो स्वयं ही प्रकट हुए , उन परमब्रह्म को मैं... Hindi · कविता 398 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: पंक राशि में अनासक्त रह कमल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( ४४) ताटंक छंद क्रमॉक ४४ पंक- राशि में अनासक्त रह ,कमल कलुष उरका धोता खिल जाती तब भक्ति कली - सी , रश्मि अवतरण जब होता । देती मधु मकरंद -... Hindi · मुक्तक 434 Share Jitendra Anand 19 Oct 2016 · 1 min read राजयोगमहागीता: वासुदेव,केशवकीमाधवकीमोहिनीसी:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट५३) घनाक्षरी प्रभु प्रणाम: घनाक्षरी - २ ---------------------------- वासुदेव, केशव की, माधव की मोहिनी - सी , मोहती जो मोहन की छवि अति प्यारी है । अजर, अव्यग्र, अज, देवकी के वत्स... Hindi · कविता 416 Share Jitendra Anand 30 Apr 2017 · 1 min read रंग सारे छोडकर ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद रंग सारे छोडकर , हम हंस हो गये । रंग सारे ग्रहण कर तुम श्याम हो गये ।। आयीं भले ही ऑधियॉ,आयीं रुकावटे । विचलित न हो कर हम तो... Hindi · गीत 404 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read यहॉ - वहॉ , जहॉ- तहॉ सब ही जगह वह: जितेनà¥à¤¦à¥à¤° कमल आनंद ( पोसà¥à¤Ÿà¥¯à¥¨) घनाकà¥à¤·à¤°à¥€ ( पोसà¥à¤Ÿ ९२) ------------------------ यहॉ वहॉ , जहॉ तहॉ , सब ही जगह वह , अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€ अंतस में वह विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है । कà¤à¥€ टूटने न पाये विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ उसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿... Hindi · कविता 406 Share Jitendra Anand 23 Oct 2016 · 1 min read खोलो उर के द्वार ,बंद ऑखों को खोलो :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८१) गीत; -------खोलो उर के द्वार , बंद ऑखों को खोलो ! िनखिलल विश्व का प्यार , तुमंहारे घर आता है ।। दिखता है अब सूर्य विहग - कुल कलरव करते... Hindi · गीत 446 Share Jitendra Anand 23 Oct 2016 · 1 min read देश हमारा भारत सुंदर ::: जितेंद्र कमल आनंद ( पोस्ट ८४) देश हमारा भारत सुंदर| ( गीत ) **************************** अपना यश जो गाता आया , परचम लहराकर , वह है प्यारा देश हमारा भारत यह सुंदर ।। कंचन जंगा , विंध्याचल... Hindi · गीत 411 Share Jitendra Anand 25 Oct 2016 · 1 min read अनेक एक हो जाते हैं ! -----जितेन्द्र कमलआनंद ( ११३) प्रिय आय्मन ! जब स्वयं का चोला ही रंग जाता है उसके रंग में , तब -- अनिवार्यता नहीं रहती गैरिक वस्त्रों की अथवा बाघम्बर की / माला जाप के... Hindi · कविता 1 377 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read समर्पण:::: जो कलमकार पीते रहे हैं गरल ( ग़ज़ल) पोस्ट १८ समर्पण ::: ग़ज़ल जो कलमकार पीते रहे हैं गरल है समर्पित उन्हीं को सुमन ये कमल राह तकते रहे आज तक जो चरण उनके छालों का रिसना हुआ है सफल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 383 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read ये फोज़ी हर बार लड़ा करते हैं-- जितेन्द्र कमल आनंद ( ५१) रुबाई :: ----------- ये फौज़ी हर बार लड़ा करते हैं । हथियारों पर धार धरा करते हैं । कब करते परवाह ' कमल ' जीवन की। ये वीर गति को... Hindi · मुक्तक 1 394 Share Jitendra Anand 21 Oct 2016 · 1 min read जीवन से जन्म हुआ,जीवन ही तो लक्ष्य है:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट७१) राजयोगमहागीता:: सारात्सार::: घनाक्षरी ५/२१ --------------, जीवनसे जन्म हुआ,जीवनही तो लक्ष्य है जीवनको सत्य शिव सुंदर बनाना है । होकर निर्द्वंद्ध और होकर विदेही - सम राजयोग से ही मन --... Hindi · कविता 1 367 Share Jitendra Anand 15 Oct 2016 · 1 min read मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) पोस्ट -२३ मंजरी को चाहता हूँ ( गीत ) तुम कली की मौत पर खुशियॉ मना लो भले ही पर, मैं खिले फूलों महकतीं मंजरी को चाहता हूँ ।। लहलहाते पादपों का... Hindi · गीत 399 Share Jitendra Anand 19 Oct 2016 · 1 min read राजयोगमहागीता: गोकुलका धामप्यारा, नारायण- सतनाम: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट५८) घनाक्षरी::: ----------गोकुल का धाम प्यारा , नारायण सतनाम जिनका सच्चिदानंद घन नाम प्यारा है । चिन्मय कमल कर्णिका में जो निवास करें , परम पुरुष उन्हें वेदों ने उच्चारा है... Hindi · कविता 348 Share Jitendra Anand 30 Apr 2017 · 1 min read मेरे स्वर संगम सँग वीणा अंतरमन ने ( गीत) जितेंद्रकमलआनंद मेरे स्वर संगम सँग वीणा अन्तर्मन ने आज बजायी । तेरे अंतस के पृष्ठों पर स्वर्णिम- स्वर्णिम पावन अपने । लिखे गीत गाऊँ हरषाऊँ,सतरंगी दृग - सम्मुख सपने । देख-... Hindi · गीत 384 Share Jitendra Anand 2 Dec 2016 · 1 min read घनाक्षरी:: मेरे लिए कुछ भी न दूर और : जितेंद्र आनंद( पो १६३) मेरे लिए कुछ भी न दूर और समीप ही, मेरा प्रतिबिम्ब ही तो होता अवलोकित है । दृष्टि में न भेद|वाह्य, आंतरिक जगत् में, सर्वत्र ही समदर्शी मेरी स्थिति शोभित... Hindi · कविता 392 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read शांत और मुक्त भी मैं ,निर्भय हूँ निराश्रय:: जितेंद्रकमलआनंद( पोस्ट१०३) राजयोगमहागीता: घनाक्षरी : अधंयाय२ छंद १८ -------------------------- शांत और मुक्त भी मै , निर्भय हूँ निराश्रय , न ही मोक्षाकांक्षी हूँ , न ही हूँ मैं बंधन में । मैं... Hindi · कविता 339 Share Jitendra Anand 22 Oct 2016 · 1 min read जब से धरती बनी ,प्रकटे तारक चंद्र। जितेंद्र आनंद( पोस्ट ७८) तुम्हारे नाम ( गीत ) --------------------- अस्फुट काव्योद्गार, व्यक्त तुम्हारे नाम ! जबसे धरती बनी , प्रकटे तारक चन्द्र ! जब से गंगा पही, तट घर - घाट अरन्थ्र ।... Hindi · गीत 1 341 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read मॉ तो मॉ, मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है( पोस्ट ३०) गीत मॉ तो मॉ , मॉ ही होती है ************************( गीत ) मॉ तो मॉ , मॉ ही होती है , बच्चों का कल्मष धोती है जब भी होता है अँधियारा... Hindi · गीत 1 349 Share Jitendra Anand 25 Oct 2016 · 1 min read कुछ कह न सका अथरों से तभी:: जिते द्रकमलआनंद( पोस्ट१०७) जब कुछ कह न सका अथरों से तभी लेखनी कर में आयी ।। कुछ ऐसा हो गया हमारा तुमसे -- यह सम्बन्ध प्यार का , शब्दो् में अव्यक्त रहे जो... Hindi · गीत 379 Share Jitendra Anand 20 Oct 2016 · 1 min read राजयोगमहागीता: गुरुप्रणाम:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट६५) गुरुप्रणाम::: ( घनाक्षरी छंद ६) -------------------------------------- सुख दुख शीत, उष्णादि द्वन्दों से रहित जो-- व्योम के समान , सूक्ष्म , नित्य अविराम हैं । निर्मल अचल और हैं ध्यान गुरु... Hindi · कविता 381 Share Jitendra Anand 30 Apr 2017 · 1 min read हिंदी है भारत की बिंदी ( गीत) जितेंद्र कमल आनंद हिंदी है भारत की बिंदी, इसको लाल चमकने दें हिंदी है गरिमा भारत की, माता का सम्मान है । एकरूपता यही राष्टृ की, भावों का परिधान है जैसे फहरे ध्वजा... Hindi · गीत 356 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी :: बने न मन वृन्दावन- कानन :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट ४२) ताटंक छंद बने न मन वृन्दावन - कानन , भक्ति नहीं कहलाती है मिले इष्ट जिससे मनभावन , भक्ति वही कहलाती है भक्ति सुमति है, भक्ति सुगति है, भक्ति प्रणय... Hindi · मुक्तक 334 Share Jitendra Anand 2 Nov 2016 · 1 min read काव्य से अमृत झरे,वेदका वह सार दें:- जितेंद्र कमल आनंद ( पो १३०) सरस्वती -- वंदना ----------------------- काव्यसे अमृत झरे, वेद का वह सार दें! मॉ मेरी वरदायिनी साधकों को प्यार दें । ऑधियों से लड़ सके , भोर तक जो जल सके,... Hindi · कविता 1 365 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read समय बदलते सूखी धरती मुस्काती:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट ५१) मुक्तक समय बदलते सूखी धरती मुस्काती जैसे बाला । नयी नवेली ओढ़ चुनरिया मदमाती जैसे बाला । सृष्टि -- चक्र का घूर्णन निश्चित सुखद समय भी लाता यों नवल प्रकृति... Hindi · मुक्तक 1 330 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read परमब्रह्म सबको चाहता भरपूर हैैैै :: जितेन्द्रकमल आनंद ( ९३) घनाक्षरी छंद ------------------- परमब्रह्म सबको चाहता भरपूर है , उनकी कृपा से होता भक्त सिंधु -- पार है । खोल दो बस खिडकियॉ अपने मकान की , उनका तो खुला... Hindi · कविता 1 370 Share Jitendra Anand 22 Oct 2016 · 1 min read शिखरिनी छंद( हाइकू ) जितेंद्रकमलआनंद: गुरु सकाश( पोस्ट७६) शिखरिनी छंद: ------------------ गुरु सकाश ( ध्यान ) करिए प्रात: शाम । पायें प्रकाश ।। १ ।। अक्षराक्षर शिखरिनी छंद है । सत्राहाक्षर ।।२ ।। नहीं अलभ्य परम पुरुष है... Hindi · हाइकु 336 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी: पानी बहते रहने से ही,सरित- सलिल:: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३८) पानी बहते रहने से ही सरित सलिल बनता निर्मल । जैसे दूँज- चॉद चलने से पूर्ण इन्दु बनता उज्जवल । " कमल" संत भी विमल हंसवत् मोतीको चुगनेवाला चलता रहता... Hindi · मुक्तक 333 Share Jitendra Anand 25 Oct 2016 · 1 min read कवि रामकिशोर वर्मा जी! कवि रामकिशोर वर्मा जी! सप्रेम नमस्कार । क्या आप साहित्य पीडिया से जुड़े हैं। यदिनहीं तो उससे जुड़े । इस से अधिकतर अच्छे साहित्यकार जुड़े हुए हैं । हमारी रचनाएँ... Hindi · कविता 348 Share Jitendra Anand 21 Nov 2016 · 1 min read हम मानव हैं हरित धरा के :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट १५९) हम मानव हैं हरित धरा के ,मानवता से नाता है । भारत भाग्य विधाता है ।। महारथी कवि काव्यप्रज्ञ ये स्वर्णिम रथ दौडाते हैं। काव्यकलश में मधुरस भरकर ,सबको रस... Hindi · गीत 1 309 Share Jitendra Anand 29 Oct 2016 · 1 min read दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ : जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट१२५) मुक्तक --------- आओ मिलकर मनायें दीपावली । ज्योतिर्मयी दीप-- मालाएँ हों ! मात-- पिता ,भाई- बहनों के संग, सँग बच्चे, सँग बालाएँ हों ! आओ मिलकर मनाएँ दीपावली !!१!! नेह... Hindi · मुक्तक 362 Share Jitendra Anand 16 Oct 2016 · 1 min read जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान( गीत)पोस्ट २८ जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान ****************************गीत********** तुम सोये तो भाग्य सो गया ,बहुत हो चुका है अपमान। यह सोने क् समय नहीं है,जागो- जागो हिंदुस्तान ।।... Hindi · गीत 1 323 Share Jitendra Anand 25 Oct 2016 · 1 min read मन सुमन को चाहिए लब मुस्कराते: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट११२) दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ::: मुक्तक ----------------+---+------+;+++-+++- मन सुमन को चाहिए, लब मुस्कराते । कवि रसिक को चाहिए ये गीत गाते । हों ऋचाएँ छंद के सँग में मधुरतम| ।... Hindi · मुक्तक 345 Share Jitendra Anand 14 Oct 2016 · 1 min read राजयोग महागीता:: तू अपनेसे करले अलग निज देह को घनाक्षरी : अध्याय १ :: गुरुक्तानुभव : पोस्ट:: १० तू अपने से कर ले अलग निज देह को , तब अभी ही सुखी, बंध- मुक्त हो जायेगा । वीतराग होकर... Hindi · कविता 332 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी:: वृक्ष- मूल- सिंचनसे जैसे तृप्त :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट४३) ताटंक छंद : क्रमॉक ४३ वृक्ष- मूल - सिंचन से जैसे तृप्त ' कमल ' पल्लव होते भक्तिवान - अर्चनसे वैसे तुष्ट प्रफुल्लित प्रभु होते । भक्ति छंद है ,... Hindi · मुक्तक 389 Share Jitendra Anand 24 Oct 2016 · 1 min read वह स्वयं में व्याप्त है ::: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट९५) वह स्वयं में व्याप्त है ( मुक्त छंद कविता ) -------------------------------------- प्रिय आत्मन ! घड़ा तो एक दिन फूटना ही है जल का पूरक , कुम्भक , रेचक, सभी पीछे... Hindi · कविता 319 Share Jitendra Anand 18 Oct 2016 · 1 min read जयबालाजी; चक्र सुदर्शन ने जब रोका :: जितेन्द्र कमल आनंद ( पोस्ट३४) ताटंक ३४ चक्र सुदर्शन ने जब रोका उसको मुखमें ग्रहण किया पूर्व गरुणके ,पहुँच द्वारिका , अहम् चूर कर सबक दिया मुदित हुए तब राम अापके, कृष्ण और को थे,... Hindi · मुक्तक 301 Share Page 1 Next