सुरेश जी की नई विधा कि यह उनकी ” वर्ण पिरामिड ” नई विधा है , यह जानकर प्रसन्नता हुई कि काव्य – सृजन में नये- नये प्रयोग किये जा रहे हैं । हम भी हाइकू के स्थान पर ” शिखरिनी ” , व वैदिक संस्कृत छंदों जैसे गीत्यार्या व गायत्री जैसे छंदों का भी प्रयोग हिंदी कविता में कर रहे हैं।
—– जितेन्द्र कमल आनंद
२-११-१६
सुरेश जी की नई विधा कि यह उनकी ” वर्ण पिरामिड ” नई विधा है , यह जानकर प्रसन्नता हुई कि काव्य – सृजन में नये- नये प्रयोग किये जा रहे हैं । हम भी हाइकू के स्थान पर ” शिखरिनी ” , व वैदिक संस्कृत छंदों जैसे गीत्यार्या व गायत्री जैसे छंदों का भी प्रयोग हिंदी कविता में कर रहे हैं।
—– जितेन्द्र कमल आनंद
२-११-१६