Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Oct 2016 · 1 min read

खोलो उर के द्वार ,बंद ऑखों को खोलो :: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट८१)

गीत;
——-खोलो उर के द्वार , बंद ऑखों को खोलो !
िनखिलल विश्व का प्यार , तुमंहारे घर आता है ।।

दिखता है अब सूर्य विहग – कुल कलरव करते ।
प्रफुल्लित हैं वृक्ष , फूल भी झर झर झरते ।
मानो कहते , सुनो ! हमारे दि ल की धड़कन ,
कर लो अब श्रंगार ! हमारे मन भाता है ।।

गाओ लय में , ओमकार की अरणि बन्कर, मन्थन कर लो !;मधुरिम सुर में ध्यान लगाकर ,प्रकट कर महतत्व
उजाला जी भर देखो , कर लो , साक्षात् कार ।
कमल यह फिर गाता है ।।

करो साधना प्रेममयी तुम सुंदर प्रतिपल
मन को दर्पन करो ओर भी कर लो उज्ज्वल ।
हटने दो आवरण , पडा जो अंधकार का ।
देखो फिर संसार सुनहरा दिखलाता है ।
निखिल विश्व का प्यार तुम्हारे घर आता है।।
——- जितेंद्रकमलआनंद

Language: Hindi
Tag: गीत
443 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
चंचल मन चित-चोर है , विचलित मन चंडाल।
Manoj Mahato
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
वक्त मिलता नही,निकलना पड़ता है,वक्त देने के लिए।
पूर्वार्थ
संतुलित रखो जगदीश
संतुलित रखो जगदीश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
कविता: स्कूल मेरी शान है
कविता: स्कूल मेरी शान है
Rajesh Kumar Arjun
💐प्रेम कौतुक-378💐
💐प्रेम कौतुक-378💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
ज़िंदादिली
ज़िंदादिली
Dr.S.P. Gautam
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Prakash Chandra
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
Arti Bhadauria
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की   कोशिश मत करना
इस टूटे हुए दिल को जोड़ने की कोशिश मत करना
Anand.sharma
अनजान बनकर मिले थे,
अनजान बनकर मिले थे,
Jay Dewangan
कौन सुनेगा बात हमारी
कौन सुनेगा बात हमारी
Surinder blackpen
शिव तेरा नाम
शिव तेरा नाम
Swami Ganganiya
रावण का परामर्श
रावण का परामर्श
Dr. Harvinder Singh Bakshi
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
जब कभी मन हारकर के,या व्यथित हो टूट जाए
Yogini kajol Pathak
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
बात तो बहुत कुछ कहा इस जुबान ने।
Rj Anand Prajapati
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"इस्राइल -गाज़ा युध्य
DrLakshman Jha Parimal
बृद्ध  हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
होली मुबारक
होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
कोई इंसान अगर चेहरे से खूबसूरत है
ruby kumari
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
आसा.....नहीं जीना गमों के साथ अकेले में
Deepak Baweja
Loading...