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तो लोग समझे
Javed Qamer
दुनिया में अब वो लोग निराले नहीं रहे।
Javed Qamer
घर का चराग़ घर के उजाले को खा गया।
Javed Qamer
कुछ तो बुरा हुआ है मिरे दिल के साथ आज
Javed Qamer
तुम ही ग़ालिब रहोगे
Javed Qamer
नये साल पर।
Javed Qamer
"दुनिया तिरे मिज़ाज का बन्दा नहीं हूँ।"
Javed Qamer
आवामी क़तअ
Javed Qamer
आमद ही नहीं है कोई।
Javed Qamer
दरमान आज मेरे ग़मों का करे कोई।
Javed Qamer
दिल पे कैसा भार।
Javed Qamer
तलाश मुझ को करेगी ये ज़िन्दगी इक दिन।
Javed Qamer
दिल तोङ दिया उस ने
Javed Qamer
हुकूमत छीन लेते हैं।
Javed Qamer
चारागर मैंने माना कि तू चारासाज़ी को तैय्यार है।
Javed Qamer
हमारे हाल की दुनिया को है ख़बर लेकिन।
Javed Qamer
अल्लाह क्या नसीब बनाया ग़रीब का।
Javed Qamer
क़ाइम कहाँ किसी का सदा रह सका सितम।
Javed Qamer
मुझ से तो अब ये नज़ारा नहीं देखा जाता।
Javed Qamer
बेवफ़ाई
Javed Qamer
बुलाता है ये घर आंगन चले आओ चले आओ।
Javed Qamer
कुछ ख़त मुहब्बत के
Javed Qamer
कहता है कौन हो गईं कम बेक़रारियाँ।
Javed Qamer
चर्चा अब उस का एक भी लब पर नहीं रहा।
Javed Qamer
फिर यूँ हुआ कि साथ समंदर का छोङ कर।
Javed Qamer
ग़ज़ल
Javed Qamer
कहीं हैं दूर कहीं हैं क़रीब आवाज़ें।
Javed Qamer
सब ये तेरा करम यार है
Javed Qamer
क्या सितम है कि मुलाक़ात नहीं कर सकते।
Javed Qamer
ग़ज़ल
Javed Qamer