डी. के. निवातिया Language: Hindi 395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 4 Aug 2025 · 1 min read हरियाली तीज – चौपाई में कविता 🌿 हरियाली तीज – चौपाई में कविता 🌿 १. सावन मास सुहावन लागे । हरियाली में मन अनुरागे ॥ नाचे धरती, गाए अंबर । खुशियाँ लाया तीज सुन्दर ॥ २.... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 167 Share डी. के. निवातिया 4 Aug 2025 · 1 min read मैं और मेरा शहर शीर्षक: "मैं और मेरा शहर" मैं चल रहा हूँ, इस भीड़ में अकेला, चेहरों की इस भीड़ में कोई चेहरा मेरा नहीं लगता। गलियों से गुजरता हूँ, हर मोड़ पर... Hindi · कविता 209 Share डी. के. निवातिया 4 Aug 2025 · 1 min read मन्नत "मन्नत " *** लोग मांगते है अक्सर अपनी मन्नत में मौत....! अरे ... नादानो ...! मांग में उसका क्या चुनाव जो पूर्व निर्धारित ...अटल सत्य है ! मांगो तो कुछ... Hindi · कविता 127 Share डी. के. निवातिया 28 Jan 2025 · 1 min read मुक्तक - डी के निवातिया दिन /दिनांक - २८ जनवरी, २०२५ विद्या - मुक्तक विषय - प्रेम मात्रा भार - १२२२ X ४ *** *** *** सिवा तेरे किसी से ना निगाहें हम मिलाएंगे, ख़ुशी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 134 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2025 · 1 min read हाइकु - डी. के. निवातिया (हाइकुकार) दिन दिनांक - वीरवार, २ जनवरी-२०२५ विद्या : हाइकु विषय : सर्दी *** *** *** नए रंग में, जनवरी धमकी, ओढ़ के ठंड !! *** ठंड की धुन, बहे शीत... Hindi · कविता · हाइकु 210 Share डी. के. निवातिया 31 Dec 2024 · 1 min read ना छेड़ सखी मन भारी है दिन दिनांक - मंगलवार, ३१ दिसम्बर-२०२४ विषय - करुण रस विद्या - कविता **** ना छेड़ सखी मन भारी है, नैन निशा सारी जागी है, स्वप्न है न आस कोई... Hindi · कविता 338 Share डी. के. निवातिया 9 Dec 2024 · 1 min read सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा, जान लेता है चूड़ियों का खनकना तेरा ! महका देता है इन फिजाओं को रंगत, गुलशन के फूलों के जैसे महकना तेरा ! जब... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 343 Share डी. के. निवातिया 30 Nov 2024 · 1 min read मस्ती में चूर - डी के निवातिया हम अपनी मस्ती में चूर रहते है, मतलबी दुनिया से दूर रहते है, जब से पिया है जाम-ऐ-मुहब्बत, उसी के नशे में मगरूर रहते है ! *** डी के निवातिया Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 280 Share डी. के. निवातिया 22 Nov 2024 · 1 min read आऊंगा एक दिन, बनकर हवा का झोंका तेरे शहर में आऊंगा एक दिन, लहराते तेरे बदन पर ये तेरा पल्लू उड़ाऊंगा एक दिन, सरसरा उठेगा जब तेरा जिस्म इस अनजानी छुअन से, छूकर... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 210 Share डी. के. निवातिया 18 Nov 2024 · 1 min read तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ - डी. के. निवातिया तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ, डाली से टूटे फूल की तरह बिखर रहा हूँ ! ख़ाक से उठकर निखरने की कोशिश में, जर्रा-जर्रा जोड़कर फिर से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 208 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2024 · 1 min read मुक्तक !! मुक्तक !! मिलाये जो नज़र उससे, निगाहें वो चुराता है, ज़माने भर हमारे नाम की कसमें उठाता है ! करे किस से शिकायत अब गुनाहों की सनम के हम,... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 204 Share डी. के. निवातिया 21 Jun 2024 · 1 min read आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है दिन दिनांक : शुक्रवार, २१ जून-२०२४ विद्या : ग़ज़ल बह्र : बहरे मुतकारिब मुसमन सालिम अरकान :फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा भार : 122 122 122 122 उन्वान : आँखों... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 250 Share डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 2 257 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 2 min read माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है दिन दिनांक - रविवार, १२ मई, २०२४ विषय : मातृ दिवस विशेषांक विद्या : कविता शीर्षक : "माँ" आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है *** यशोदा-कौशल्या से ज़्यादा लाड... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 285 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 1 min read वोट करो भई वोट करो दिन दिनांक : सोमवार, १३ मई २०२४ विद्या : कविता विषय : मतदान शीर्षक: वोट करो भई वोट करो, *** वोट करो भई वोट करो, तारीख अपनी नोट करो, लोकतंत्र... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 232 Share डी. के. निवातिया 30 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी, दिन दिनांक : मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ विधा : ग़ज़ल बह्र: बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम मक़्सूर अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल मात्रा भार : १२२ / १२२ / १२२... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 237 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 374 Share डी. के. निवातिया 23 Mar 2024 · 1 min read खेलो रे होली, साथी खेलो रे - डी के निवातिया होली गीत *********** खेलो खेलो रे, खेलो खेलो रे, खेलो रे होली, साथी खेलो रे !! रंग लगाओ, सबको गले लगाओ, मौज मनाओ भाई गुंजिया खाओ, रंगो में रंगो के,... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · होली गीत 269 Share डी. के. निवातिया 20 Feb 2024 · 1 min read माहिया - डी के निवातिया माहिया *** आया फाग महीना सुन ले रे साजन, मुश्किल तन्हा जीना !! १ !! आयो घूमत घूमत फागुन बासंती, तन-मन मोरा झूमत !! २ !! पतझड़ के मौसम में,... Hindi · कविता · गीत · माहिया 300 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** सज धज के नारी खड़ी, होकर भाव विभोर ! सम्मोहन के दाँव से, खींच रही खुद ओर !! *** लब जब मुस्काने लगे, खिलने लगे कपोल ! संकेतक... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 2 353 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे ***** सृष्टि ये तुमने रची, तुम जीवन आधार । कोटि कोटि तुम्हे नमन, हे जग पालनहार ।। *** देव-दैत्य सब करम फल, तन से सब इंसान । जनम भए... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 260 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे ****** मोल तोलकर बोलिये, वचन के न हो पाँव ! कोइ कथन औषधि बने, कोइ दे घने घाव !! *** दोस्त ऐसा खोजिये, बुरे समय हो साथ ! सुख... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 325 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** पत्नी पूजा कीजिये, इनसे घर की शान ! जिस पर कृपा ये करे, हो जाए धनवान !! पत्नी घर की स्वामिनी, रखे सबका ध्यान ! इनसे सुख समृद्धि... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 236 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read दोहे - डी के निवातिया दोहे **** सृष्टि ये तुमने रची, तुम जीवन आधार । कोटि कोटि तुम्हे नमन, हे जग पालनहार ।। देव-दैत्य सब करम फल, तन से सब इंसान । जनम भए सम... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 302 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 2 min read हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है - डी. के. निवातिया हाँ हम ऐसे ही बाल दिवस मनाते है !! ************** हर वर्ष मनाते है हम बाल दिवस हर वर्ष उनके नाम के झंडे सजाते है दे नहीं सकते हम आश्रय... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · बाल कविता 290 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 2 min read लाज बचा ले मेरे वीर - डी के निवातिया देश भक्ति गीत ************** क्यों वेदना शुन्य हुई, क्यों जड़ चेतन हुआ शरीर अस्तित्व से वंचित हुए है कहाँ खो गए हो शूरवीर नही सुनी क्या चीत्कार ,क्यों सोया है... Poetry Writing Challenge-2 · Deshbhakti Geet · कविता · गीत 277 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 2 min read मेरे भारत की नारी - डी. के निवतिया मेरे भारत की नारी **************** हे जग की सूत्रधार, मेरे भारत की नारी ये क्या दशा हुई आज तुम्हारी II मात्र तेरे आने की आहट से ही क्यों सहम जाती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 315 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 3 min read वीर गाथा - डी के निवातिया वीर गाथा _____________ बहुत सुनी होंगी कहानिया रांझा और हीर की आओ तुम्हे, आज सुनाये, गाथा एक वीर की मर मिटते है जो, मातृभूमि पर हॅसते - हँसते अँखियो में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 301 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 2 min read जिस दिन से बिटिया रानी - डी के निवातिया जिस दिन से बिटिया रानी, मेरे आँगन छोड़कर चली गयी, मिलन को तरस रहे है नैना, क्यों बाबुल की गली भूल गयी !! निर्झर बरसते है मेरे नैना, जैसे सागर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · गीतिका 1 396 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read हाइकु - डी के निवातिया हाइकु *** ऊँघती धरा, भरे जो अंगड़ाई, क्रूर क्रंदन !! *** ओस की बूँद ललाट सजाकर, रिझाते पुष्प !! *** बसंत राग, गाता है जब फाग, झूमती धरा !! ***... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · हाइकु 1 262 Share Page 1 Next