डी. के. निवातिया Tag: ग़ज़ल/गीतिका 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 4 Aug 2025 · 1 min read हरियाली तीज – चौपाई में कविता 🌿 हरियाली तीज – चौपाई में कविता 🌿 १. सावन मास सुहावन लागे । हरियाली में मन अनुरागे ॥ नाचे धरती, गाए अंबर । खुशियाँ लाया तीज सुन्दर ॥ २.... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 167 Share डी. के. निवातिया 28 Jan 2025 · 1 min read मुक्तक - डी के निवातिया दिन /दिनांक - २८ जनवरी, २०२५ विद्या - मुक्तक विषय - प्रेम मात्रा भार - १२२२ X ४ *** *** *** सिवा तेरे किसी से ना निगाहें हम मिलाएंगे, ख़ुशी... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 134 Share डी. के. निवातिया 9 Dec 2024 · 1 min read सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा, जान लेता है चूड़ियों का खनकना तेरा ! महका देता है इन फिजाओं को रंगत, गुलशन के फूलों के जैसे महकना तेरा ! जब... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 1 343 Share डी. के. निवातिया 18 Nov 2024 · 1 min read तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ - डी. के. निवातिया तुम क्या जानो किस दौर से गुज़र रहा हूँ, डाली से टूटे फूल की तरह बिखर रहा हूँ ! ख़ाक से उठकर निखरने की कोशिश में, जर्रा-जर्रा जोड़कर फिर से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 208 Share डी. के. निवातिया 8 Nov 2024 · 1 min read मुक्तक !! मुक्तक !! मिलाये जो नज़र उससे, निगाहें वो चुराता है, ज़माने भर हमारे नाम की कसमें उठाता है ! करे किस से शिकायत अब गुनाहों की सनम के हम,... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 204 Share डी. के. निवातिया 21 Jun 2024 · 1 min read आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है दिन दिनांक : शुक्रवार, २१ जून-२०२४ विद्या : ग़ज़ल बह्र : बहरे मुतकारिब मुसमन सालिम अरकान :फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा भार : 122 122 122 122 उन्वान : आँखों... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 250 Share डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 2 257 Share डी. के. निवातिया 30 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल - वो पल्लू गिराकर चले थे कभी, दिन दिनांक : मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ विधा : ग़ज़ल बह्र: बहरे मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम मक़्सूर अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल मात्रा भार : १२२ / १२२ / १२२... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 237 Share डी. के. निवातिया 13 Apr 2024 · 1 min read लिखावट - डी के निवातिया १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ / १ २ २ पढ़ा जो उसे तो ये जाना कसम से, लिखावट में दम है खुदा के करम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 374 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है ग़ज़ल ***** तुमसे दूर रहकर जाना जुदाई क्या होती है, तन्हा रहकर ये समझे तन्हाई क्या होती है ! यूँ तो बहुत सुना था जमाने के मुख से मगर, करके... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 474 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में, ग़ज़ल ****** बड़ी मिहनत लगाते है करीने से सजाने में, कई रातें गँवा देते गजल अच्छी बनाने में ! न जाने कौन सी जादू कलम इनके लगी हाथों, नहीं देरी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read अगर कुछ हो गिला तब तो बताऊं मैं, ग़ज़ल ***** अगर कुछ हो गिला तब तो बताऊं मैं, मिरे दिल की भला क्यूँकर छुपाऊं मैं ! उसे तन-मन से माना है ख़ुदा अपना, क्यों सब कुछ न उस... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों, विधा: ग़ज़ल ********** मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों, टूटा जो फूल डाली से कभी खिलता नहीं यारों ! लगा चाहे ले जितना ज़ोर लेकिन सच... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है, ग़ज़ल ********* निगाहें मिलाकर चुराना नहीं है, मिला कर नजर अब हटाना नहीं है ! भले ही कहे जग मुहब्बत करो तो, सनम से हक़ीक़त छुपाना नहीं है ! जो... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share डी. के. निवातिया 10 Feb 2024 · 1 min read मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया विधा: ग़ज़ल बह्र का नाम: बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम अरकान: मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मुफाईलुन मात्राएँ: 1222 1222 1222 १२२२ ***** मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों,... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 334 Share डी. के. निवातिया 18 Jan 2024 · 1 min read चाँद - डी के निवातिया ।। चाँद ।। चाँद को नजर लगाता चाँद, नूर को चमक दिखाता चाँद !! कैसे करूँ इस पर भरोसा मैं, झूठ को असल बताता चाँद !! मैं भी टुकड़ा हूँ... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 234 Share डी. के. निवातिया 27 Oct 2023 · 1 min read दिल समझता नहीं दिल की बातें, - डी. के. निवातिया दिल समझता नहीं दिल की बातें, बड़ा नादाँ है चाहता है मुलाकते ! बैचैनी के आलम में जीता रहता है, काटे से कटती नहीं है अब रातें ! गुम रहता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 308 Share डी. के. निवातिया 7 Oct 2023 · 1 min read अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया पी लेंगे मिले जहर अगर तेरे हाथों से, टूटना भी मंजूर है मगर तेरे हाथों से ! ! अंजाम-ऐ-मुहब्बत है मंजूर ये भी हमे, खा लेंगे खंजर-ऐ-जिगर तेरे हाथों से... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 248 Share डी. के. निवातिया 31 Aug 2023 · 1 min read RKASHA BANDHAN यूँ तो हर घर-परिवार में मनाते आम है रक्षा बंधन, आनंद औ ख़ुशी मनाने का इंतजाम है रक्षा बंधन ! कहने के लिए तो ये भाई बहन का त्यौहार, मगर,... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 658 Share डी. के. निवातिया 14 Jul 2023 · 1 min read हँसकर दो चार बाते क्या हुई बस फ़िदा हो लिए, हँसकर दो चार बाते क्या हुई बस फ़िदा हो लिए, सोसल मिडिया मुलाक़ात पर ये इब्तिदा हो लिए ! * इस ज़माने के बच्चे क्या जाने फ़साना-ऐ-इश्क, ज़िस्म की प्यास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत से वाकिफ हूँ मैं हर चाल पहचानता हूँ फ़ितरत *** मैं किस हाल में हूँ बखूबी ये बात जानता हूँ, टूटता गिरता बार बार खुद को संभालता हूँ ! ऐसा मेरी फितरत में नहीं दोष दूँ किसी को,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · शेर 2 306 Share डी. के. निवातिया 24 Jun 2023 · 1 min read कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क, कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क, बनकर रहा गया है बस अनुपाती इश्क ! सुध बुध खो जाती चैन सुकून मिट जाता, जान पर बना देता है ये करामाती इश्क... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 346 Share डी. के. निवातिया 16 Jun 2023 · 1 min read जिंदगी की रफ़्तार - डी. के. निवातिया बेवफा है किसी पर कभी एतबार नहीं करती, बड़ी संगदिल है रहम या उपकार नहीं करती ! जिंदगी की रफ़्तार से कदम मिलाकर चलिए, पीछे छूट जाने वालो का इंतजार... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · शेर 263 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read चाँद ।। चाँद ।। चाँद को नजर लगाता चाँद, नूर को चमक दिखाता चाँद !! कैसे करूँ इस पर भरोसा मैं, झूठ को असल बताता चाँद !! मैं भी टुकड़ा हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 311 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ***** चेहरे का नूर लबों की मुस्कान होती है बेटियाँ, एक बाप के लिए सारा जहान होती है बेटियाँ ! सिर्फ जिम्मेदारी का बोझ नहीं ढोती बल्कि, आत्मीय की... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 185 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read लोग समझदार हो गए, मेरे घर के सभी लोग समझदार हो गए, मुझे छोड़ बाकि सब मुलजमात हो गए ! मैं ही शामिल हूँ नकारो की फेहरिश्त में, वरना सब मेहनतकश जिम्मेदार हो गए... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 180 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है ! पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !! ! क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read रावण बदल के राम हो जायेंगे रावण बदल के राम हो जायेंगे खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे। इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, आजकल सच्चाई और उसूलो की कदर नहीं होती ! घर, साज-ओ-सामान का बंटवारा हुआ तो ये जाना, खाली बड़ा दिल रखने... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 365 Share डी. के. निवातिया 9 May 2023 · 1 min read हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, खिलते गुलशन को होते हुए बंजर देखा है ! अपने अपनों के हाथो से खायी है शिकस्त, हमने घूमिल होते ख्वाबो का... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 273 Share Page 1 Next