डी. के. निवातिया 403 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डी. के. निवातिया 3 May 2022 · 1 min read पिता - नीम की छाँव सा - डी के निवातिया पिता एक विश्वास *** घर आँगन में नीम की छाँव सा, जीवन सागर में बहती नाव सा, किसान बन घर परिवार सींचता, इंजन बन घर की गाडी खींचता, बच्चो का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 28 50 1k Share डी. के. निवातिया 13 Nov 2018 · 1 min read माँ की याद माँ की याद *** मिलता है बहुत कुछ आज नए जमाने में, फकत इस दिल को तसल्ली नहीं मिलती, पेट तो जैसे तैसे भर लेता हूँ हर रोज़ मगर, माँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 79 1k Share डी. के. निवातिया 2 May 2022 · 1 min read पिता एक विश्वास - डी के निवातिया पिता एक विश्वास *** घर आँगन में नीम की छाँव सा, जीवन सागर में बहती नाव सा, किसान बन घर परिवार सींचता, इंजन बन घर की गाडी खींचता, बच्चो का... Hindi · कविता 9 10 1k Share डी. के. निवातिया 12 Sep 2020 · 1 min read तुम बहुत याद आते हो - डी के निवातिया तुम बहुत याद आते हो, तुम बहुत याद आते हो,क्यों इतना सताते हो जीने देते,न मरने देते हो क्यो इतना रुलाते !! जब से तुम चले गए दुनिया हमसे छूट... Hindi · गीत 5 8 225 Share डी. के. निवातिया 12 Apr 2022 · 1 min read कामयाबी ... जरुरी नहीं जिंदगी में हर काबिल इंसान को कामयाबी मिले, हमने कई हंसो को दाना पानी और कौंवों को मोती चुगते देखा है ! डी के निवातिया Hindi · कोटेशन 5 2 366 Share डी. के. निवातिया 3 Sep 2020 · 1 min read मदारी या फ़रेबी - डी के निवातिया मदारी या फ़रेबी *** मदारी हर दफ़ा कोई नया खेला रचाता है फँसाकर जाल में अपने हमें बुद्धू बनाता है सुई की छेद में हाथी घुसाता है सुना हूँ मैं... Hindi · मुक्तक 4 361 Share डी. के. निवातिया 14 Jan 2021 · 1 min read इश्क रूहानी - डी के निवातिया इश्क रूहानी *** शाम सुहानी हो तो कुछ और बात हो, साज रूमानी हो तो कुछ और बात हो, यूँ तो दीवाने हजार मिलते है हुस्न के, इश्क रूहानी हो... Hindi · कविता 4 2 251 Share डी. के. निवातिया 11 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात क्या करूँ मैं इस बरसात निंगोड़ी का, अपनी तो ऐसी बैरन हुई, जी जान से बैर निभावे है ! जब बरसे है झूम झूम, तृप्त होता सृष्टि का रोम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 9 821 Share डी. के. निवातिया 2 Jun 2022 · 1 min read सार नियति का शेष यही है, कभी चला ना कभी चलेगा, सदा रहा ना सदा रहेगा, कब तक दानव जग छलेगा अंत समय पर हाथ मलेगा ! बल सदा ना रहा किसी का रक्त यहां पर... Hindi · कविता 4 4 248 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2022 · 1 min read आज नहीं तो कल होगा - डी के निवातिया आज नहीं तो कल होगा ! ज्यों ज्यों जग पाप बढ़ेगा कलयुग का प्रताप बढ़ेगा, अधर्म का युग भावी होगा, हैवान सर पर हावी होगा असत्य परिपूर्ण शिक्षा होगी सच... Hindi · कविता · गीतिका 4 6 1k Share डी. के. निवातिया 3 Aug 2017 · 1 min read काव्य रो रहा है काव्य रो रहा है *** साहित्य में रस,छंद,अलंकारो का कलात्मक सौंदर्य खो रहा है, काव्य मंचो पर कविताओं की जगह जुमलो का पाठ हो रहा है, हास्य के साथ व्यंग... Hindi · मुक्तक 3 2 718 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 1 min read गुनगुनी सी धूप — डी के निवातिया गुनगुनी सी धूप शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूप कुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूप फुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछी अच्छा लगे अलसायी बेलो... Hindi · मुक्तक 3 411 Share डी. के. निवातिया 10 Aug 2020 · 1 min read तब तुम कविता बन जाती हो तब तुम कविता बन जाती हो *** *** *** झरनें की कल कल में, खग चहके जल थल में, सूर्य किरण तेज़ फैलाये पवन भीनी सुगंध बहाये जब प्रकृति सुंदरता... Hindi · कविता 3 6 467 Share डी. के. निवातिया 9 Feb 2021 · 1 min read झुको तो जाने !! झूठ को झूठ सच को सच लिखो तो जाने अपनी बात पर अडिग खुद रुको तो जाने ये दोहरा लिबास ओढ़े घूमते हो ज़माने में अकड़ छोड़ कभी अदब से... Hindi · कविता 3 6 281 Share डी. के. निवातिया 25 Feb 2021 · 1 min read क्या लिखूँ - डी के निवातिया क्या लिखूँ *** ऐ हुस्न-ए-कातिल, तेरी मचलती अदाओ की शान में क्या लिखूँ I किसी चमन में खिलता सुर्ख गुलाब,या तेरे चहरे का रुआब लिखूँ I I टूटा जो दर्पण... Hindi · शेर 3 406 Share डी. के. निवातिया 23 Jul 2021 · 5 min read दिखावे की रस्म - डी. के. निवातिया {{ दिखावे की रस्म }} आज घर में बड़ी चहल पहल थी I और हो भी क्यों न ! घर में मेहमान जो आने वाले थे, वो भी घर की... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 4 496 Share डी. के. निवातिया 21 Mar 2022 · 1 min read नज्म अधूरी रहती है - डी के निवातिया नज्म अधूरी रहती है *** वायदे जब तक पूरे न हो हर कसम अधूरी रहती है दो दिल जब तक न मिले हर रस्म अधूरी रहती है, शेर कितने भी... Hindi · मुक्तक 3 2 306 Share डी. के. निवातिया 11 Jul 2022 · 1 min read आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, ! आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, हम अपनी ही दुनिया लुटाये बैठे है, वादा किया था रोशन तुम्हे करने का इसलिए... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 3 2 222 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2022 · 1 min read कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो हर मन तिरंगा हो, हर तन तिरंगा हो !! जवानो के खून की, रवानी कहती है, किसानो के खेत की हराली कहती है,... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 3 2 792 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read दिखावे का दौर दिखावे का दौर दिखावे का दौर प्रदर्शन अभिनय दिखावे का आया कैसा दौर जिसपे बसी सारी दुनिया बोलबाला चहुँ और भक्ति हो या शक्ति हो सब पर इसका राज सब... Hindi · कविता 2 649 Share डी. के. निवातिया 2 Jan 2017 · 1 min read जी लो हर लम्हे को न रोको जाते हुए लम्हो को न टोको आते हुए लम्हो को हार सुख दुःख के मनको का बस जी लो हर एक लम्हे को !! ! ! ! डी.... Hindi · कविता 2 4 531 Share डी. के. निवातिया 1 Mar 2017 · 1 min read मन की बाते आवश्यक सूचना (यह राजनितिक हालातो के परिपेक्ष्य पर लिखी गयी है इसका किसी व्यक्ति विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं है ) (मन की बाते) कभी जनता को मन की बातों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 1k Share डी. के. निवातिया 31 May 2017 · 2 min read मेरे घर को बाँट दिया मेरे घर को बाँट दिया *** मेरे घर को बाँट दिया है, धर्म के कुछ ठेकेदारो ने ! मातृभूमि से छल किया है, वतन के ही गद्दारो ने !! नेताओ... Hindi · कविता 2 2 1k Share डी. के. निवातिया 21 Jul 2017 · 1 min read रोमांच रोमांच बदन संगमरमर है या तराशा हुआ टुकड़ा कांच सा शबनम की बूँद ढले तो लगे है तपता कनक आंच सा नजर है की उसके उत्कृष्ट बदन पर ठहरती ही... Hindi · मुक्तक 2 1 605 Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2017 · 1 min read नमस्कार मै हिंदी हूँ नमस्कार मै हिंदी हूँ मेरा दिवस के रूप में उत्सव मनाकर सम्मान देने के लिये आपकी आभारी हूँ ?? वैसे मुझे किसी दिवस की आवश्यकता नही यदि वास्तविक रूप में... Hindi · कविता 2 2 769 Share डी. के. निवातिया 12 Oct 2017 · 1 min read दो दूना बाईस दो दूना बाईस --- बेवजह में वजह ढूंढने की गुंज़ाइश चाहिये ! काम हो न हो पर होने की नुमाइश चाहिये !! कौन कितना खरा है, किसमे कितनी खोट !... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 835 Share डी. के. निवातिया 3 Nov 2017 · 1 min read आला-रे-आला आला-रे-आला *** आला-रे-आला, सुन मेरे लाला, लगा ले अपनी जुबान पे ताला जो बोलेगा सच्ची सच्ची बाते, किया जायेगा उसका मुँह काला वतन व्यवस्था का टूटा पलंग है चरमारती अर्थव्यवस्था... Hindi · कविता 2 2 818 Share डी. के. निवातिया 21 Dec 2017 · 3 min read दिवंगतों को मत बदनाम करो दिवंगतों को मत बदनाम करो *** अपने पूर्वजो की गैरत कटघरे ला दी तुमने आकर मीठी बातो में ! सत्तर साल की कामयाबी मिटा दी तुमने आकर के जज्बातो में... Hindi · कविता 2 241 Share डी. के. निवातिया 17 Jan 2018 · 2 min read शिक्षा ही वरदान है – डी के निवातिया शिक्षा ही वरदान है *** कल ही की बात है गावं से मैं गुज़र रहा था बुजर्गो की जमात से चौपाल जगमगा रहा था चर्चा बड़ी आम चली थी सबके... Hindi · कविता 2 317 Share डी. के. निवातिया 24 Jan 2018 · 1 min read हाँ मैं वही बसंत हूँ हाँ मैं वही बसंत हूँ ...... जो कभी नई कोंपलो में दिखता था कलियों में फूल बनकर खिलता था हवाओ संग ख़ुशबू लिए फिरता था चेहरों पे नई उंमग लिए... Hindi · कविता 2 448 Share डी. के. निवातिया 28 Mar 2018 · 1 min read धैर्य की परीक्षा – डी के निवातिया धैर्य की परीक्षा *** अब न खाली हो किसी माँ की गोद, कोई लाल अब न फ़ना हो कब तक देनी होगी धैर्य की परीक्षा, अब कोई नियम बना दो... Hindi · कविता 2 380 Share डी. के. निवातिया 4 Apr 2018 · 1 min read ज़रा खुलने तो दो - डी के निवातिया शेर सारे पढ़े जायेंगे तुम्हारे मतलब के ज़रा खुलने तो दो बाते तमाम होंगी वफ़ा संग बेवफाई की ज़रा घुलने तो दो !! हर रंग के गुलों से सजायेंगे, ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 290 Share डी. के. निवातिया 21 May 2018 · 1 min read ज़लवा दिखाओ तो जाने ज़लवा दिखाओ तो जाने *** आज भी पहले सा मुस्कराओ तो जाने फिर से वही ज़लवा दिखाओ तो जाने !! मुहब्बत को तरस गयी है प्यासी निगाहें फिर उसी मंज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 215 Share डी. के. निवातिया 27 Jun 2018 · 1 min read काम बाकी है अभी बहुत से काम बाकी है जुड़ना नाम से नाम बाकि है ! अपने हौसलों को उड़ान दे अभी पाना मुकाम बाकी है ! लुटाई है जो नेमत बेपनाह मिलना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 459 Share डी. के. निवातिया 14 Jul 2018 · 1 min read “पायल” “पायल” *** तुम जितना धीरे चलती हो, पायल उतना शोर करती है ! धड़कने दिल कि बहक जाती है, ये गज़ब का जोर करती है !! रह-रहकर यूँ सताती है,... Hindi · मुक्तक 2 296 Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2018 · 1 min read लिख नहीं पाता हूँ - डी के निवातिया लिख नहीं पाता हूँ *** लिखना चाहता हूँ पर लिख नहीं पाता हूँ आँखों के सामने तैरते कुछ ख्वाब, कुछ अनकहे अल्फ़ाज़ आते है क्षण भर के लिए फिर गुम... Hindi · कविता 2 185 Share डी. के. निवातिया 19 Sep 2018 · 1 min read कैसे कह दूँ - डी के निवातिया कैसे कह दूँ *** *** *** कैसे कह दूँ उसको मै बेवफा, नब्ज चलती है हर पल मेरी उसका नाम पर ! कभी मुलाकात नही हुई तो क्या, मेरे दिल... Hindi · कविता 2 222 Share डी. के. निवातिया 17 Oct 2018 · 1 min read विजय पर्व - डी. के. निवातिया रावण का अंत… सदियों पहले हो गया था उसके अनगिनत पुतले हम वर्ष दर वर्ष जलाते है .. पर वो मरा कहाँ ? आज भी जीवित है ! हम इंसानो... Hindi · कविता 2 191 Share डी. के. निवातिया 19 Jun 2019 · 1 min read प्यारे प्यारे पापा जी प्यारे प्यारे पापा जी *** मुझको परी बुलाता कौन प्यार से गले लगाता कौन आसमान की दुनिया के मुझे स्वप्न दिखाता कौन पापा जी, हमारे प्यारे प्यारे पापा जी !!... Hindi · कविता 2 326 Share डी. के. निवातिया 22 Oct 2019 · 1 min read प्रेम कविता प्रेम कविता *** जिसका प्रदर्शन हो, वो प्रेम नहीं, नयनों से दर्शन हो, वो प्रेम नहीं !! ! जो हम-तुम करते है, प्रेम वो नही, जो मन मे विचरते है,... Hindi · कविता 2 4 459 Share डी. के. निवातिया 3 Aug 2020 · 1 min read रिश्ते रिश्ते *** *** रिश्ते वही मगर, रिश्तो में रिश्तो की वो बात नहीं है, सम्बन्ध वही, मगर सम्बन्धो में ज़ज्बात नहीं है, घर में बैठे, चार प्राणी अपनी गर्दन झुकाये,... Hindi · कविता 2 4 492 Share डी. के. निवातिया 18 Aug 2020 · 1 min read ताटंक छंद ताटंक छंद *** *** *** चले गए गोरे भारत से, डोर थाम ली कालो ने, गोरो ने था इस को लूटा, खूँ चूसा घरवालों ने !! खाकी खादी मिलकर चलते,... Hindi · कविता 2 4 489 Share डी. के. निवातिया 24 Aug 2020 · 1 min read मातृभूमि का श्रृंगार करो आज़ादी के पावन दिन पर, मातृभूमि का श्रृंगार करो देश ध्वजा का संदेश यहीं, वैर भाव का संहार करो।। जो मिट गए, जो खो गए, हाथ थाम तिरंगा सो गए,... Hindi · गीत 2 2 255 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2020 · 3 min read गुरु चालीसा - डी के निवातिया ।।दोहा।। गुरु चरणों में शीश रख, करता हूँ प्रणाम। कृतज्ञ मुझको कीजिये, आया तुमरे धाम।। मूरख मुझको जानके, गलती जाना भूल। झोली फैला मैं खड़ा, पाने पग की धूल।। ।।चौपाई।।... Hindi · दोहा 2 5 646 Share डी. के. निवातिया 22 Sep 2020 · 1 min read गिला कैसा सभी को यार मन माफिक नहीं मिलते, अगर धोखा दे जाए तो गिला कैसा ! तुझे समझा खुदा मैंने, खता मेरी, मेरी किस्मत मुझे साथी मिला कैसा !! ! डी... Hindi · मुक्तक 2 243 Share डी. के. निवातिया 16 Dec 2020 · 1 min read हुनर - डी के निवातिया हुनर *** छोटी छोटी बातों पर अपनों से गिला क्या, इश्क मुहब्बत में हुई बातों का सिला क्या, झुकने का हुनर जरूरी है यहां जीने के लिए, अड़कर पर्वत के... Hindi · कविता 2 6 445 Share डी. के. निवातिया 28 Jul 2021 · 1 min read शरारत कमाल करती है - डी के निवातिया शरारत कमाल करती है *** आँखों की शरारत, होठो की लाली, कमाल करती है, चाँद से चेहरे से बरसती खूबसूरती बवाल करती है !! कातिल जवानी, लुभाती अदाओं से छलकाती... Hindi · कविता 2 243 Share डी. के. निवातिया 17 Mar 2022 · 1 min read हैप्पी होली मिठाई से मीठी रहे सदा आपकी बोली, सुख समृद्धि से भरी रहे आपकी झोली, ईश्वर की कृपा से बने रहे सकल काज, इस कामना के संग आपको हैप्पी होली !!... Hindi · कविता 2 4 165 Share डी. के. निवातिया 22 Mar 2022 · 1 min read हँसो तो -डी के निवातिया हँसो तो हँसो तो किसी को हँसाने के लिए, रोना नहीं किसी को रुलाने के लिए, कभी झुकना भी पड़े तो झुक जाना, किसी अपने रूठे को मनाने के लिए... Hindi · कविता 2 2 381 Share डी. के. निवातिया 26 Mar 2022 · 1 min read रोटी - डी के निवातिया रोटी *** कोई मरता है, कोई किसी को मारता रोटी के लिए, दिन-रात हर इंसान, दौड़ता-भागता रोटी के लिए, फिर भी किसी किसी को यह नसीब नहीं होती, जो, दर-दर... Hindi · कविता 2 2 147 Share Page 1 Next