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14 Jun 2022 08:51 AM

बहुत ही सार्थक और सारगर्भित रचना l एक पिता के लिए उत्तम रचना l. Keep it up.

वन्दनीय सृजन … भावपूर्ण … सुंदर कृति …आपका लेखन सराहनीय है । आदरणीय … उक्त शीर्षक पर मेरी मौलिक रचना “पिता महज एक व्यक्ति नहीं है” को अपना स्नेहाशीष प्रदान करें।
रचना पर पहुंच कर like & comment करें ।

2 Jun 2022 12:44 PM

बहुत खुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता”रचना पढकर कृतार्थ करें।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय विनोद कुमार चौहान जी

30 May 2022 07:06 PM

उत्तम रचना

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय Jyoti Khari जी

बहुत सुन्दर रचना

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय PRATIBHA ARYA जी

सटीक सार्थक रचना

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय Godambari Negi Pundir जी

25 May 2022 07:46 PM

बहुत खूब

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय रश्मि संजय जी

बहुत हघ उम्दा रचना।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय डॉ.एल. सी. जैदिया ‘जैदि’

17 May 2022 12:58 PM

बहुत ही सुन्दर रचना सर

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय भावना जी

16 May 2022 11:48 PM

अत्यंत ही सुंदर सृजन आदरणीय। मेरी कविता वो कोई और नहीं पिता है और पिता रूप एक, स्वरूप अनेक पर अपना स्नेह और आशीर्वाद प्रदान करने की महान कृपा करें

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय अदिति भारती जी ….

उत्तम सृजन, आदरणीय निवातिया जी।
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा।
साभार।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय डॉ . आशा कुमार रस्तोगी जी

बहुत सुंदर,
आदरणीय मेरे दोहा मुक्तक
का भी अवलोकन कीजिए।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम जी

पितृमहत्ता पर अतिसुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति !
साधुवाद !

डी. के. निवातिया Author
May 13, 2022 03:45 PM
तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय श्याम सुंदर सुब्रमनियन जी

बहुत ही प्रभावी रचना l बधाई l

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय अनिल कुमार गुप्ता ‘अंजुम’ जी

बहुत ही सुन्दर भाव रचना

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय रुबिचेतन शुक्ल जी

पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘ऐसे थे पापा मेरे ‘ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय कुलदीप मिश्रा जी

आदरणीय पिता विषय पर आप द्वारा रचित अति सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई! मेरी रचना ‘है पिता जिनकी धरा पर, पुत्र वह धनवान जंग में’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय संजीव शुक्ल ‘सचिन’ जी

अति सुंदर भावपूर्ण रचना, पिता के सारे दायित्वों को बखूबी दर्शाया है आपने।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय मनोज कर्ण जी

3 May 2022 05:14 PM

सुन्दर प्रस्तुति ।

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीया कंचन खन्ना जी

3 May 2022 03:15 PM

अच्छे भवो से पिता का वर्णन प्रस्तुत किया है अपने धन्यवाद

तहदिल शुक्रिया आपका आदरणीय बुद्धा प्रकाश जी

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