डी. के. निवातिया Tag: कविता 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 2 min read पिता पिता *** पिता नहीं परमेश्वर कहो जीवन का आधार है जो ! शाखा फूल पत्तिया हम, जीवन का करतार है वो !! दुःख में सुख की छाया बन कष्टो का... Poetry Writing Challenge · कविता 307 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read माँ क्या होती है माँ क्या होती है *** *** *** किसी ने पूछा मुझसे माँ क्या होती है मैंने कहा मुझे पता नहीं क्या होती है जो मैंने जाना और समझा है अब... Poetry Writing Challenge · कविता 205 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read मुझको मेरा हक दो मुझको मेरा हक दो *** *** *** मुझको मेरा हक दो पापा, बहुत कुछ कर दिखलाऊँगी ! लेने दो खुली हवा में सांसे, बेटे से ज्यादा फर्ज निभाऊंगी !! उड़ने... Poetry Writing Challenge · कविता 385 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम *** जिसका प्रदर्शन हो, वो प्रेम नहीं, नयनों से दर्शन हो, वो प्रेम नहीं !! ! जो हम-तुम करते है, प्रेम वो नही, जो मन मे विचरते है, प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 191 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read चाँद ।। चाँद ।। चाँद को नजर लगाता चाँद, नूर को चमक दिखाता चाँद !! कैसे करूँ इस पर भरोसा मैं, झूठ को असल बताता चाँद !! मैं भी टुकड़ा हूँ... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 114 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read हर मुश्किल का हल मिलेगा, कविता ******* हर मुश्किल का हल मिलेगा, *** हर मुश्किल का हल मिलेगा, आज नहीं तो कल मिलेगा ! रखे राम सा धीरज मन में पड़े भटकना चाहे वन में... Poetry Writing Challenge · कविता 213 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read क्षणिकाएं क्षणिकाएं (१) आधे अधूरे से उपजे तुम आधे अधूरे से खिले हम जैसे मिटटी में बीज मिला मिलकर पूर्ण हो गए हम !! (२) चहुँ और शोर है विज्ञान का... Poetry Writing Challenge · कविता 176 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ ***** चेहरे का नूर लबों की मुस्कान होती है बेटियाँ, एक बाप के लिए सारा जहान होती है बेटियाँ ! सिर्फ जिम्मेदारी का बोझ नहीं ढोती बल्कि, आत्मीय की... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 105 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read लोग समझदार हो गए, मेरे घर के सभी लोग समझदार हो गए, मुझे छोड़ बाकि सब मुलजमात हो गए ! मैं ही शामिल हूँ नकारो की फेहरिश्त में, वरना सब मेहनतकश जिम्मेदार हो गए... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 102 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है माना के बदलाव के लिये बदलाव का होना जरुरी है ! पर क्यों इसमें आमजन को ही फ़ना होना जरूरी है !! ! क्यों नही जलते शोलो में हाथ आग... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 98 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read चिड़िया रानी ………..बाल कविता चिड़िया रानी ………..बाल कविता ***** सुबह सवेरे वो आती है मुझको रोज जगाती है सुर में जब वो गाती है मुझको बहुत लुभाती है अजब गजब उसकी भाषा अजब गज़ब... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 274 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read रावण बदल के राम हो जायेंगे रावण बदल के राम हो जायेंगे खुली अगर जुबान तो किस्से आम हो जायेंगे। इस शहरे-ऐ-अमन में, दंगे तमाम हो जायेंगे !! न छेड़ो दुखती रग को, अगर आह निकली... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 143 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read मातृभूमि का श्रृंगार करो मातृभूमि का श्रृंगार करो आज़ादी के पावन दिन पर, मातृभूमि का श्रृंगार करो देश ध्वजा का संदेश यहीं, वैर भाव का संहार करो।। जो मिट गए, जो खो गए, हाथ... Poetry Writing Challenge · कविता · गीत 191 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, आजकल सच्चाई और उसूलो की कदर नहीं होती ! घर, साज-ओ-सामान का बंटवारा हुआ तो ये जाना, खाली बड़ा दिल रखने... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण पर हाइकू पर्यावरण पर हाइकू ******* १ ) प्रदूषण से दम तोड़ती धरा, मांगती वृक्ष !! २) जंगल कटे, नित प्रदुषण बढे, समझे कौन !! ३) बहता देख, आँचल पे तेज़ाब, धरा... Poetry Writing Challenge · कविता · हाइकु 245 Share डी. के. निवातिया 5 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण पर हाइकू पर्यावरण पर हाइकू ******* १ ) प्रदूषण से दम तोड़ती धरा, मांगती वृक्ष !! २) जंगल कटे, नित प्रदुषण बढे, समझे कौन !! ३) बहता देख, आँचल पे तेज़ाब, धरा... Hindi · कविता · हाइकु 166 Share डी. के. निवातिया 9 May 2023 · 1 min read हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, हमने हिमायती के हाथो में खंजर देखा है, खिलते गुलशन को होते हुए बंजर देखा है ! अपने अपनों के हाथो से खायी है शिकस्त, हमने घूमिल होते ख्वाबो का... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका · मुक्तक 176 Share डी. के. निवातिया 25 Mar 2023 · 1 min read नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है *** नजदीक होकर भी बहुत दूर होते है, जिंदगी में लोग कितने मजबूर होते है ! दिखने में सब साथ नजर आते है मगर, सब अपनी-अपनी मस्ती में चूर होते... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 118 Share डी. के. निवातिया 6 Mar 2023 · 1 min read ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया, ऐसे रंग लगाए गयो रे, मोहे बालम सांवरिया, अरे होली में हुड़दंग मचाये गयो रे सांवरिया !! पीकर भंग जालिम खाई के पान, लेकर आयो जे रंग अबीर गुलाल, तन-मन... Hindi · कविता · गीत · गीतिका · हास्य 281 Share डी. के. निवातिया 7 Jan 2023 · 1 min read सादगी - डी के निवातिया घर का साज-ओ-सामान मांग उधार ले जाए, महलो के सपनें दिखा लूट घरसंसार ले जाए, इतनी सादगी भी खुदा न किसी को बख्शे, कोई कपड़ो संग संग चमड़ी उतार ले... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 1 160 Share डी. के. निवातिया 7 Jan 2023 · 1 min read वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती, आजकल सच्चाई और उसूलो की कदर नहीं होती ! घर, साज-ओ-सामान का बंटवारा हुआ तो ये जाना, खाली बड़ा दिल रखने... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 266 Share डी. के. निवातिया 24 Dec 2022 · 1 min read हे, मनुज अब तो कुछ बोल, हे, मनुज अब तो कुछ बोल, *** *** *** मसल रहे है, कुचल रहे है, पंख कलियों के जल रहे है, उजड़ रहा है यह हरा भरा, चमन अमन का... Hindi · कविता · गीत 1 186 Share डी. के. निवातिया 16 Dec 2022 · 1 min read आखों में इतना पानी है इस ज़िन्दगी की भी कितनी अजीब कहानी है, चाहत होती है जिस चीज़ की वो ही बेगानी है, मुस्कुराते हम इस दुनिया को हंसाने के लिए, वरना दुनिया डूबा दूँ... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर 245 Share डी. के. निवातिया 15 Dec 2022 · 1 min read आत्मा बिक रही है ज़मीर बिक रहा है आत्मा बिक रही है ज़मीर बिक रहा है, रईसों के बाजार में ग़रीब बिक रहा है ! किसान बिक रहा, जवान बिक रहा है, पटवारी के हाथो से जरीब बिक... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 1 2 141 Share डी. के. निवातिया 14 Dec 2022 · 1 min read स्वाद अच्छा है - डी के निवातिया चूम कर मेरे गाल कुछ यूँ बताया उसने, स्वाद अच्छा है मीठा तेज जताया उसने ! चाय पीता है कोई चुस्की ले-लेकर जैसे, मिलकर इस तरह बहुत सताया उसने !!... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर · हास्य 159 Share डी. के. निवातिया 13 Dec 2022 · 1 min read अधूरी रात अधूरी रात *** एक रात, उतरी थी उंगली उस बंजर मन के रेगिस्तान में, जिसमे धधक रही थी ज्वाला समर्पण की मगर, छू नहीं पाई थी, उस पुष्प को जो... Hindi · कविता · कोटेशन 1 234 Share डी. के. निवातिया 12 Nov 2022 · 1 min read सिंदूर की एक चुटकी सिंदूर की एक चुटकी ने, रंग दिया मुझे, सिर्फ तन ही नहीं मन भी रंग दिया, बांध कर सात वचनो में मुझे बाँध दिया सम्पूर्ण, नख से लेकर शिखर तक... Hindi · कविता · कोटेशन 163 Share डी. के. निवातिया 7 Nov 2022 · 1 min read कड़वी गोली या मीठी बोली एक तरफ डाक्टर की गोली, एक तरफ है मित्रो की टोली, देखना असर ज्यादा किसका कड़वी गोली या मीठी बोली !! ! डी के निवातिया Hindi · कविता · कोटेशन 1 2 159 Share डी. के. निवातिया 20 Aug 2022 · 1 min read प्यार करते हैं जी जान से - डी के निवातिया प्यार करते हैं जी जान से, मगर जताना नहीं आता, बस इतना पता है हमको तुम बिन रहना नहीं आता। ! डी के निवातिया Hindi · कविता · कोटेशन 1 174 Share डी. के. निवातिया 12 Aug 2022 · 1 min read हर घर तिरंगा प्यारा हो - डी के निवातिया हर घर तिरंगा प्यारा हो , घर घर तिरंगा प्यारा हो, फ़क़त इतना तो याद रहे, हर पल उतना प्यारा हो पंद्रह अगस्त के बाद ना, ये पड़ा सड़क किनारा... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका 1 428 Share डी. के. निवातिया 12 Aug 2022 · 1 min read विचित्र प्राणी - डी के निवातिया इस दुनिया का सबसे विचित्र प्राणी, मनुष्य है इस धरा पर, जो स्त्री पर तंज कसता है लेकिन, माँ के लिए भावुक, बेटी के नाम पर संवेदन, बहन पर आक्रामक... Hindi · कविता · कोटेशन 1 298 Share डी. के. निवातिया 11 Aug 2022 · 1 min read राखी त्यौहार बंधन का - डी के निवातिया राखी त्यौहार बंधन का *** चन्दन का न वंदन का, राखी त्यौहार बंधन का ! बहना का, ना भाई का, ये त्यौहार सच्चाई का ! भई रोली का न मोली... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 381 Share डी. के. निवातिया 30 Jul 2022 · 1 min read कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो हर मन तिरंगा हो, हर तन तिरंगा हो !! जवानो के खून की, रवानी कहती है, किसानो के खेत की हराली कहती है,... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 3 2 996 Share डी. के. निवातिया 28 Jul 2022 · 1 min read शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है - डी के निवातिया शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है, ! शिक्षा पर अशिक्षा हावी होना चाहती है, विराजमान सत्ता में भावी हों चाहती है, युगो युगो में जो कभी संभव न हो... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 1 664 Share डी. के. निवातिया 27 Jul 2022 · 1 min read सजा मुस्कराने की क्या होगी - डी के निवातिया सजा मुस्कराने की क्या होगी, बता रजा ज़माने की क्या होगी, अगर मैं रो भी लूँ कुछ देर तक, तुझे वजह बताने की क्या होगी !! ! डी के निवातिया Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 249 Share डी. के. निवातिया 23 Jul 2022 · 1 min read कलयुग की माया हे ! कलयुग की माया ! जो थे मानव मर्यादित, उनको अपना हथियार बनाया, भक्त बन राम को पूजा, फिर उन को ही व्यापार बनाया, जो थे कपटी कलुषित, लोभी... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत 1k Share डी. के. निवातिया 15 Jul 2022 · 1 min read जिंदगी की फरमाइश - डी के निवातिया जिंदगी की फरमाइश ! जिंदगी की फरमाइश यही कुछ ख़ास कर मेहनत पर जोर दे मुफ्त की न आस कर मत बैठ भरोसे किस्मत के कुछ न होगा, चमकेगा सितारा... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 2 2 686 Share डी. के. निवातिया 13 Jul 2022 · 1 min read याद बीते दिनों की - डी के निवातिया याद बीते दिनों की *** बिताई न जाए रात बीते दिनों की, छुपाई न जाए बात बीते दिनों की, लौटकर न आएंगे फिर से वो दिन, मिटाई न जाए याद... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 2 1k Share डी. के. निवातिया 11 Jul 2022 · 1 min read आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, ! आँखों में पूरा समंदर छिपाये बैठे है, हम अपनी ही दुनिया लुटाये बैठे है, वादा किया था रोशन तुम्हे करने का इसलिए... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक 3 2 251 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read अब उठना होगा - डी के निवातिया अब उठना होगा ! बहुत सो चुका मैं मुझे अब उठना होगा, शिद्द्त से काम में फिर से जुटना होगा, आजमा चुका इस दुनिया को अच्छे से, खुद के लिए... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · मुक्तक 1 181 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read मिलना सीखो - डी के निवातिया मिलना सीखो ! जो खिल नहीं सकते उनके लिए खिलना सीखो, जो चल नहीं सकते उनके लिए चलना सीखो, जरुरी नहीं है, सब तुम जैसे हो इस दुनिया में जो... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 1 132 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read मजबूर कर दूंगा - डी के निवातिया मजबूर कर दूंगा ! खुद को तेरी दुनिया से दूर कर दूंगा, यादों को तेरी मैं चकनाचूर कर दूंगा पल पल तरसेगी, मुहब्बत को मेरी, मैं, तुझको इतना मजबूर कर... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 162 Share डी. के. निवातिया 9 Jul 2022 · 1 min read दुनिया छोड़ सकते है - डी के निवातिया दुनिया छोड़ सकते है ! उफनती हुई लहरों का रुख मोड़ सकते है, हम फूल की चोट से पत्थर तोड सकते है, यकीन न हो तो तू आजमाकर देख लेना,... Hindi · कविता · कोटेशन · गीतिका · मुक्तक 171 Share डी. के. निवातिया 7 Jul 2022 · 1 min read आज नहीं तो कल होगा - डी के निवातिया आज नहीं तो कल होगा ! ज्यों ज्यों जग पाप बढ़ेगा कलयुग का प्रताप बढ़ेगा, अधर्म का युग भावी होगा, हैवान सर पर हावी होगा असत्य परिपूर्ण शिक्षा होगी सच... Hindi · कविता · गीतिका 4 6 2k Share डी. के. निवातिया 4 Jul 2022 · 1 min read दिन बड़ा बनाने में दिन बड़ा बनाने में ! साहस जुटाना होता दिल कड़ा बनाने में, मिटटी को मथ-मथ कर, घड़ा बनाने में, यूँ ही नहीं आती है बहारें इस जिंदगी में रात खर्चनी... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 2 4 367 Share डी. के. निवातिया 25 Jun 2022 · 1 min read भूल जा - डी के निवातिया भूल जा ! जो हुआ, सो हुआ, भूल जा अच्छा था, या बुरा भूल जा !! वक्त कब ये किसी का रहा, आज उस का रहा भूल जा !! जिंदगी... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 2 1 339 Share डी. के. निवातिया 18 Jun 2022 · 1 min read जुबान काट दी जाएगी - डी के निवातिया जुबान काट दी जाएगी, ! सच बोलॉगे तो जुबान काट दी जाएगी, सजा ऐ काला पानी की बांट दी जाएगी, सोच समझकर हिलाना अपने लबों को, वरना तुम्हारी भी श्रेणि... Hindi · कविता · कोटेशन · मुक्तक · शेर 2 641 Share डी. के. निवातिया 11 Jun 2022 · 1 min read गिरते-गिरते - डी के निवातिया गिरते-गिरते हम कहाँ से कहाँ आ गए गिरते-गिरते, जग सारे में सारे छा गए गिरते-गिरते !! ! काबिल जरा न थे जो जहन्नुम के भी, जन्नत यहां पर पा गए... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · नज़्म · शेर 1 2 579 Share डी. के. निवातिया 2 Jun 2022 · 1 min read सार नियति का शेष यही है, कभी चला ना कभी चलेगा, सदा रहा ना सदा रहेगा, कब तक दानव जग छलेगा अंत समय पर हाथ मलेगा ! बल सदा ना रहा किसी का रक्त यहां पर... Hindi · कविता 4 4 275 Share डी. के. निवातिया 3 May 2022 · 1 min read पिता - नीम की छाँव सा - डी के निवातिया पिता एक विश्वास *** घर आँगन में नीम की छाँव सा, जीवन सागर में बहती नाव सा, किसान बन घर परिवार सींचता, इंजन बन घर की गाडी खींचता, बच्चो का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 28 50 1k Share Previous Page 2 Next