Shivkumar Bilagrami 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shivkumar Bilagrami 24 May 2022 · 2 min read हम अपने मन की किस अवस्था में हैं हमारा स्थूल शरीर जन्म से मृत्यु तक 5 अवस्थाओं से गुजरता है - (1) बाल्यावस्था (2) किशोरावस्था (3) युवावस्था (4) प्रौढ़ावस्था और (5)वृद्धावस्था । ये पांचो अवस्थाएं शरीर के क्रमिक... Hindi · लेख 5 2 2k Share Shivkumar Bilagrami 17 Jun 2023 · 1 min read लहू जिगर से बहा फिर लहू जिगर से बहा फिर किसी की यादों का इन्हें बुझा दो अभी काम क्या चराग़ों का सज़ा-ए-हिज्र से बढ़कर सज़ा नहीं कोई मुझे पता तो चले कुछ मेरे गुनाहों... Hindi · ग़ज़ल 3 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 30 Jul 2022 · 1 min read सर्वश्रेष्ठ गीत - जीवन के उस पार मिलेंगे जब हम तन में नहीं रहेंगे तब हम अगणित बार मिलेंगे जीवन के इस पार नहीं तो , जीवन के उस पार मिलेंगे जहां चिताएं जलें न जल्दी उस मरघट... Hindi 11 6 1k Share Shivkumar Bilagrami 23 Jun 2023 · 1 min read ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए ध्यान में इक संत डूबा मुस्कुराए कैसे दुनिया को नई दुनिया दिखाए एक भंवरा रोज़ अपना सर खपाए फूल को वापस कली कैसे बनाए कागज़ों की तितलियों में रंग भर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 28 Apr 2023 · 1 min read हमारे दोस्त कभी हज़ार कभी दो हज़ार मांगेंगे जहां मिलेंगे ये तुमसे उधार मांगेंगे इन्हें पता है कि इनको तलब है बीड़ी की मगर ये आप से मंहगी सिगार मांगेंगे चिकन खरीदेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 11 Mar 2023 · 4 min read तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई तक्षशिला विश्वविद्यालय को विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय कहा जाता है । इसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व हुई थी । वर्तमान में तक्षशिला पाकिस्तान... Hindi · लेख 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 8 Apr 2023 · 1 min read बदनाम होने के लिए ज़िन्दगी की दौड़ में नाकाम होने के लिए लिख रहा हूं यह ग़ज़ल बदनाम होने के लिए हर किसी को चाहिए अब ज़िन्दगी आराम की हर कोई बेसब्र है गुलफ़ाम... Hindi · ग़ज़ल 4 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 23 Jul 2023 · 3 min read आलोचना - अधिकार या कर्तव्य ? - शिवकुमार बिलगरामी कई बार हम टीवी और सोशल मीडिया पर लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि सरकार की आलोचना करना हमारा अधिकार है ...और यह सच भी है कि अभिव्यक्ति... Hindi · लेख 5 6 1k Share Shivkumar Bilagrami 29 Jul 2023 · 1 min read नसीहत राह चलते हुए तक़रार नहीं करने का सबसे, आ बैल मुझे मार नहीं करने का अपने परिवार को दें वक़्त उसे ख़ुश रक्खें हर घड़ी दुनिया का उद्धार नहीं करने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 5 Apr 2023 · 1 min read हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग वक़्त की अंगड़ाइयों से लड़ रहे हैं लोग हर तरफ़ तन्हाइयों से लड़ रहे हैं लोग आंख में आंसू हैं दिल में है कोई अपना प्रेम की गहराइयों से लड़... Hindi · ग़ज़ल 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 18 Jul 2022 · 1 min read पैसा बना दे मुझको चाहे तमाम दुनिया ऐसा बना दे मुझको दुनिया बनाने वाले पैसा बना दे मुझको सब हैं तेरे मुरादी सबको तेरा सहारा सबकी ख़ुशी हो जिसमें वैसा बना दे मुझको मुझको... Hindi 6 8 1k Share Shivkumar Bilagrami 2 Apr 2022 · 1 min read जयति जयति जय , जय जगदम्बे जयति जयति जय , जय जगदम्बे असुर मर्दिनी जय मां दुर्गे सिद्धिदायिनी मां शतरूपा परम सुंदरी रूप अनूपा कृष्णा गौरी चंद्रघटा तुम तुम ही देवी आदि स्वरूपा जगत प्रिया शिव... Hindi · कविता 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Mar 2023 · 1 min read लाख दुआएं दूंगा मैं अब टूटे दिल से कितनी बातें की हैं मैंने अपने दिल से समझाया है दिल को मैंने किस मुश्किल से तुमने भी तो मेरे दिल को तोड़ा कैसे जैसे कोई शीशा फेंके दस मंज़िल... Hindi · ग़ज़ल 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 23 Aug 2022 · 1 min read सबके अपने अपने मोहन भारत में हर घर वृंदावन सबके अपने-अपने मोहन कोई कहे वो कृष्ण कन्हैया कोई कहे वो रास रचैया कोई माखन चोर बतावे कोई कहे हलधर का भैया सबके अपने नामकरण... Hindi · गीत 4 1 1k Share Shivkumar Bilagrami 6 Feb 2023 · 1 min read शुकराना मुझे ताउम्र तिल तिल कर जलाया आप ने शरर था मैं मुझे शोला बनाया आप ने ज़रूरत थी नहीं इसकी मगर ऐसा हुआ कभी इस दर कभी उस दर नचाया... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 3 2 1k Share Shivkumar Bilagrami 11 Feb 2023 · 4 min read शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र न तो अक्स हूं न वजूद हूं मैं तो जश्न हूं किसी रूह का मुझे आईनों में न देख तू मुझे ख़ुशबुओं में तलाश कर ********************************** कई बरसों से तेरा... Hindi · शेर 3 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 4 Jul 2022 · 1 min read सागर ही क्यों सागर में आख़िर ऐसा क्या जंतर मंतर होता है सागर ही क्यों इन बहते दरियाओं का घर होता है हद से बाहर जाने वाले दरिया जैसे बहते हैं अपनी हद... Hindi 10 5 1k Share Shivkumar Bilagrami 21 Mar 2023 · 1 min read बुलेटप्रूफ गाड़ी बुलेटप्रूफ गाड़ी में बन्दूक धारी बड़ी शानो-शौकत से निकली सवारी बड़ी देर तक रोक रक्खा सड़क पर कहां जाये आखिर ये पब्लिक बेचारी ये गाड़ी ये कोठी ये शोहरत ये... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 1k Share Shivkumar Bilagrami 17 Nov 2022 · 1 min read हो गए हम बे सफ़र बाप को है रंज लेकिन कह न पाया फोन पर लौट आ वापस वतन तू , ऐ मेरे लख़्ते जिगर ! दूसरों पर हर घड़ी रखते हैं जो पैनी नज़र... Hindi · ग़ज़ल 4 1 944 Share Shivkumar Bilagrami 5 Jun 2022 · 2 min read धार्मिक बनाम धर्मशील धर्म को लेकर समाज में बहुत अधिक भ्रांतियां हैं। प्रबुद्ध वर्ग की धारणा है कि आधुनिक समाज में धर्म झगड़े की जड़ है। इसी के कारण समाज में दंगे फ़साद... Hindi · लेख 4 1 920 Share Shivkumar Bilagrami 18 Mar 2022 · 1 min read ज़िन्दा रहना है तो जीवन के लिए लड़ अपने घर में बड़े आंगन के लिए लड़ अपनी बस्ती में खुलापन के लिए लड़ माल प्लाज़ा की ज़रूरत तुझे क्या है फूल खिलते हुए उपवन के लिए लड़ बैठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 896 Share Shivkumar Bilagrami 17 Apr 2023 · 1 min read बुराइयां हैं बहुत आदमी के साथ मेरी तो उम्र कटी लेखनी के साथ तेरी भी उम्र कटे शायरी के साथ फ़रेबियों की ज़रा बात क्या सुनी फ़रेब ख़ूब हुए ज़िन्दगी के साथ जहां में सब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 885 Share Shivkumar Bilagrami 2 Feb 2023 · 1 min read ज़रूरी था कंटीली थी मगर उस रा'ह पे चलना भी ज़रूरी था औ'र इन पांवों से कांटों का निकलना भी ज़रूरी था ज़रूरी था कि काली रात के साये सिमट जाते मगर... Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 884 Share Shivkumar Bilagrami 24 May 2022 · 2 min read भक्त और अंधभक्त कई बार निरर्थक शब्द भी बहुतायत में उपयोग के कारण समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण बन जाते हैं । इसके विपरीत अत्यधिक अर्थवान शब्द भी अपने अनुपयोग /दुरुपयोग के कारण अपनी... Hindi · लेख 3 2 953 Share Shivkumar Bilagrami 20 Mar 2022 · 1 min read गीत - कौन चितेरा चंचल मन से कौन चितेरा चंचल मन से अन्तर मन में झाँक रहा है कौन हमारे मन की ताक़त अपने मन से आँक रहा है कौन पथिक है अति उत्साही पथ के जो... Hindi · गीत 4 2 709 Share Shivkumar Bilagrami 11 Jul 2022 · 1 min read सफ़र में रहता हूं किसी के दिल में बसा हूं न घर में रहता हूं मैं सुब्ह-ओ-शाम मुसलसल सफ़र में रहता हूं कहीं पनाह मिले तो मैं जा के छुप जाऊं मुझे है फ़िक्र... Hindi 7 9 701 Share Shivkumar Bilagrami 29 Mar 2023 · 1 min read अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग हर किसी को हर किसी से प्रॉब्लम है अब सिर्फ लड़ने का बहाना चाहते हैं लोग ऐटमी हथियार के साए में रहकर भी हर तरफ मौसम सुहाना चाहते हैं लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 757 Share Shivkumar Bilagrami 21 Mar 2022 · 1 min read शिव स्तुति कौन दिशा में छुपकर बैठा ओ गंगाधर पर्वतवासी एक झलक दिखला जा मुझको ढूँढ रही हैं अंखियाँ प्यासी भव विरुपाक्ष जटाधर तारक तेरे नाम लगें अति सुन्दर तू ही सोम... Hindi · कविता 1 716 Share Shivkumar Bilagrami 26 Mar 2023 · 1 min read हे प्रभू ! कैसे -कैसे कलयुगी हैं इस धरा पर हे प्रभू ! किस तरह ख़ुद को रखूँ इनसे बचाकर हे प्रभू ! सच न देखें ,सच न बोलें,सच श्रवण से भी बचें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 663 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jun 2022 · 2 min read बुद्धिमान बनाम बुद्धिजीवी संसार में दो तरह के लोग होते हैं- बुद्धिमान और बुद्धिजीवी। बुद्धिमान लोग वो होते हैं जो सदैव कुछ सीखने, जानने और उसे अपने जीवन में उतारने के लिए तत्पर... Hindi · लेख 1 701 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read तो मुझे अच्छा लगे कोई चिड़िया चहचहाये तो मुझे अच्छा लगे कोई भँवरा गीत गाये तो मुझे अच्छा लगे घास का मैदान सुन्दर लग रहा बेहद मगर फूल कोई मुस्कुराये तो मुझे अच्छा लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 681 Share Shivkumar Bilagrami 17 Mar 2022 · 1 min read डर इतना अच्छा आप से मिलकर लगे हिज्र की बातें सुनूं तो डर लगे मुस्कुराहट भी तुम्हारी कम नहीं पर हंसी तो और भी सुन्दर लगे धड़कनों में तेरा कारोबार है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 601 Share Shivkumar Bilagrami 13 Jul 2022 · 3 min read अच्छा मित्र कौन ? लेख - शिवकुमार बिलगरामी जीवन में मित्रों की बहुत अधिक अहमियत है। मित्र हमारा एकाकीपन बांटते हैं और अवसाद के क्षणों में हमें संबल प्रदान करते हैं । जो बातें हम अपने मित्रों के... Hindi 5 6 600 Share Shivkumar Bilagrami 6 Aug 2022 · 1 min read जय हिन्द , वन्दे मातरम् कोई भी पंथ हो अपना कोई भी हो धरम सभी मिलकर कहो जय हिन्द वन्दे मातरम् वतन पर जो हुए कुर्बान उनकी सोचिए शहीदों ने वतन पर प्राण अपने क्यों... Hindi 4 2 627 Share Shivkumar Bilagrami 12 Jul 2017 · 1 min read जहाँ भर में जहां भर में अमन का ग्राफ़ नीचे जा रहा है जिसे देखो वही तलवार खींचे जा रहा है क़लम से काटनी थी नफ़रतों की पौध जिसको वही अब नफ़रतों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 567 Share Shivkumar Bilagrami 3 Aug 2021 · 1 min read Ghar / घर जिधर देखूं उधर ही घर सजा संवरा लगे तेरे घर में मुझे सब कुछ बहुत अच्छा लगे नफ़स में घुल रही हैं मीठी मीठी खुशबुएं यहां का ईंट पत्थर चांदी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 562 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read غزل میری یہ لے جائے اِدھر گئیں اُدھر گئیں ابھی تنہا جو بیٹھے ہیں، انھیں وہ بزم میں آئیں غزل میری یہ لے جائیں ادھر گائیں ادھر گائیں نہ آنے کے بہانے سو بناتے آپ ہیں ہر دن مگر... Urdu · غزل 544 Share Shivkumar Bilagrami 8 Aug 2021 · 1 min read हमदर्द हमदर्द कैसे-कैसे हमको सता रहे हैं कांटो की नोक से जो मरहम लगा रहे हैं मैं भी समझ रहा हूं मजबूरियों को उनकी दिल का नहीं है रिश्ता फिर भी... Hindi · मुक्तक 529 Share Shivkumar Bilagrami 24 Feb 2022 · 1 min read غزل - نیت ہمارے پاؤں ڈرتے ہیں تمہارے ساتھ چلنے میں ذرا سا وقت لگتا ہے کبھی نیت بدلنے میں تمہیں شاید پتا ہو یا نہ ہو شاید پتا تم کو کہ سالوں... Urdu · غزل 1 551 Share Shivkumar Bilagrami 19 Mar 2022 · 1 min read मां के बिन क्या ज़िन्दगी ऐसे सताती है माँ मुझे अपनी क़सम अक्सर खिलाती है ख़ुद कभी मेरी क़सम हरगिज़ न खाती है हर कोई मुझको बुरा कहता ज़माने में एक माँ है जो मुझे अच्छा बताती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 454 Share Shivkumar Bilagrami 29 Mar 2022 · 1 min read कितने रूप तुम्हारे देखे गीत अन्धकार के आह्वाहन पर दौड़ लगाते तारे देखे ..... कितने रूप तुम्हारे देखे क्षिप्त चित्त की तमस भूमि पर एकाग्र चित्त का सम्मेलन उत्कर्ष हृदय के वेगों पर अधिकार... Hindi · गीत 3 1 515 Share Shivkumar Bilagrami 22 Jul 2017 · 1 min read युद्ध के उन्माद न जाने कौन सा आनन्द इस अतिवाद में है जिसे देखो वही अब युद्ध के उन्माद में है कभी भी युद्ध से होती नहीं है हल समस्या समर्थक युद्ध का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 497 Share Shivkumar Bilagrami 30 Jul 2017 · 1 min read बड़े भाई मेरी उलझन को इतना क्यों बढ़ाते हो बड़े भाई तुम अपना दर्द मुझसे क्यों छुपाते हो बड़े भाई अकेले में तुम्हे पाया है मैंने सिसकियाँ भरते सभी के सामने तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 484 Share Shivkumar Bilagrami 22 Mar 2022 · 1 min read प्यार करते हो मुझे तुम तो यही उपहार देना प्यार करते हो मुझे तुम तो यही उपहार देना मैं तुम्हारा हो न पाऊँ , फिर भी मुझको प्यार देना तुम अगर मेरे सुहृद हो तो मुझे तुम प्यार करना... Hindi · गीत 3 1 476 Share Shivkumar Bilagrami 13 Feb 2022 · 1 min read श्री हनुमत् ललिताष्टकम् वदनम् ललितम् , वर्णम् ललितम् वक्त्रम् ललितम् , वस्त्रम् ललितम् रूपम् ललितम् , दृष्टम् ललितम् रघुनाथ-प्रियम् सर्वम् ललितम् (1) केशा: ललिता: भेषा: ललिता: हस्तौ ललितौ , पादौ ललितौ हृदयम् ललितम्... Sanskrit · गीत 2 447 Share Shivkumar Bilagrami 19 Mar 2022 · 1 min read ماں ماں مجھے اپنی قسم اکثر کھلاتی ہے خود کبھی میری قسم ہرگز نہ کھاتی ہے ہر کوئی مجھ کو برا کہتا زمانے میں ایک ماں ہے جو مجھے اچھا بتاتی... Urdu · غزل 1 466 Share Shivkumar Bilagrami 9 Jul 2017 · 1 min read मेरी सोच मेरी सोच मेरी हदों का निशां है मगर इसके आगे भी कोई जहां है सितारों को शायद पता हो न इसका सितारों से आगे नई कहकशां है न निकले कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share Shivkumar Bilagrami 1 Apr 2022 · 1 min read हो पाए अगर मुमकिन तुम मेरी ख़ताओं की ख़ुद को न सज़ा देना हो पाए अगर मुमकिन तो मुझको भुला देना मैं याद अगर आऊं , रातों के अंधेरों में तुम ग़म न मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 438 Share Shivkumar Bilagrami 2 Jun 2022 · 1 min read चराग़ों को जलाने से इनके धूएं से तेरे ताक़ तो काले होंगे पर , चराग़ों को जलाने से उजाले होंगे फ़िक्रे दुनिया में मिटाया है जिन्होंने ख़ुद को ऐसे लोगों के ख़यालात निराले होंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 12 428 Share Shivkumar Bilagrami 3 Mar 2022 · 1 min read कौन है मेरी ग़ज़ल जो रात भर गाता रहा कौन है मेरी ग़ज़ल जो रात भर गाता रहा सुब्ह तक जगता रहा, आता रहा, जाता रहा क्या कहूँ मैं हाल उसकी बेख़ुदी का आप से आँख में आँसू भरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 458 Share Page 1 Next