अरविन्द राजपूत 'कल्प' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- वो बेहद हठधर्मी थी... वो बेहद हठधर्मी थी। या उसकी बेशर्मी थी।। हमबिस्तर थी वो मेरे। तो सर्दी में गर्मी थी।। बहशीपन था आँखों में। पर साँसों में नरमी थी।। अकड़ मकड़ सब टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 20 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- राख को बारूद कर आतिश न कर... राख को बारूद कर आतिश न कर। यूँ ज़रा सी बात पर नाज़िश न कर।। हूॅं अभी मैं पारदर्शक काँच ही। बन न जाऊॅं आइना पॉलिश न कर।। अक़्ल का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें... नई ग़ज़लों में ख़याल अब भी पुराने होंगें। रोज महफ़िल में नये शे’र सुनाने होंगे।। कुछ रदीफों से नहीं काम चलेगा अपना। जाब़िया नेक नये क़ाफिये लाने होंगे।। रखे दुनिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 252 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नज़र जहाँ भी दौड़ाई नज़र जहाँ भी दौड़ाई। इक तस्वीर उभर आई।। घर भी तो वीरान हुआ। खो गई घर की रानाई।। मातम पसरा है घर में वापिस आजा सौदाई।। आस पिता की अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 207 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गुलशन में कंगाली है... गुलशन में कंगाली है। माली ही तो जाली है।। अच्छे दिन कब आयेंगे। हर घर में बदहाली है।। भूख मिटेगी कैसे अब। थाली ही तो खाली है।। तांडव हाकिम मचा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 531 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 27 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- समझो हमको शूल हैं हम... समझो हमको शूल हैं हम। इस गुलशन के फूल हैं हम।। मज़हब जाति में मत बांटो। भारत के अनुकूल हैं हम।। प्यार मोहब्बत भूल गये। लड़ने में मशगूल हैं हम।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- बात जुबा से रहने दो... बात जुबा से रहने दो। आँखों को ही कहने दो।। मैल अगर मन का जाये। आँसू झर-झर बहने दो।। मिलने का सुख मिला नही। दर्द-ए-जुदाई सहने दो।। ठौर-ठिकाना पता नही।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 265 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 25 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े... सूरज के डूबते ही ये तारे निकल पड़े। जो छुप गये थे माद में सारे निकल पड़े।। दम भूख से निकल गया इक़ बदनसीब का। उसकी रसोई करने को सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 272 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए... जिसमें हो रूहानियत ऐसी कहानी चाहिए। शादमानी के लिए अब इक़ दीवानी चाहिए।। प्यार करने, के लिये फिर से ज़वानी चाहिए। रात हो गुलज़ार ख़ुशबू रात-रानी चाहिए। मौज़-ए-रानाई फरिश़्ता ख़ूबसूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 702 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम... पिया मिलन की घड़ी है विदाई का आलम। ज़रा ज़रा सी ख़ुशी है ज़रा ज़रा सा ग़म।। मिली ख़ुशी या मिला ग़म, अज़ीब है दरहम। विदा का ज़ख्म तो साजन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 475 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नित नये आयाम की तैयारी रख... नित नये आयाम की तैयारी रख। जीत लेगा जंग अपनी जारी रख। पक गये हैं बाल तो पक जाने दे। दाड़ी छुलवा मूछ अपनी कारी रख।। पैर काँपे सर हिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 292 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 15 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- युग युगों तक जो सुनें जग वो कहानी चाहिए। युग युगों तक जग सुनें ऐसी कहानी चाहिए। जो रहे अक्षुण हमेशा वो जवानी चाहिए।। दोस्त हमको कर्ण जैसा देहदानी चाहिए। दुश्मनी भी राम-रावण सी निभानी चाहिए।। मत चखो अमरित... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 14 Feb 2020 · 1 min read अभिनन्दन *अभिनन्दन* बनी दुल्हन मेरी बेटी, प्रभु की मेहरबानी है। किशन राधा सी ये जोड़ी, ये पावन है सुहानी है।। मिलन अम्बर धरा का है, ख़ुशी से झूमती दुनिया। सुलक्षण है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 342 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं... भारत के नक्शे में ये, जापान ढूँढते हैं। विज्ञानी आज वेदों, में ज्ञान ढूँढते हैं।। माँ-बाप मत विसारो, भगवान हैं धरा पर। क्यों लोग पत्थरों में, भगवान ढूँढते हैं। जिनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 271 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 12 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ... क़द नापिये न आप मेरा आसमान हूँ। दुनिया की हर बला का मैं ही इक़ निदान हूँ।। अस्तित्व में सिफ़र हूँ, ज़माना ये मानता। मत शून्य मुझको समझो , मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 549 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 11 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये... वो साथ छोड़कर मेरा शायद भटक गये। मंज़िल थी आसमां पे ज़मीं पर अटक गये।। ऐ सोच कर बुज़ुर्ग है करते रहे अदब़। बच्चों सी करते हरक़तें वो क्या सटक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- दिल में मिलन की आस रहने दो... दिल में मिलन की आस रहने दो। सूखे लबों पे प्यास रहने दो।। वो तेरा है तू उसका है सच है। छोड़ो उसी को खास रहने दो।। जब भूख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 503 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर... रहे जो दिल में वही हमको भूलते अक़्सर। बसा के दिल मे किराया बसूलते अक़्सर। क़दम-क़दम पे जिसे खुशियां मिली जन्नत सी। ज़रा ज़रा से ग़मों में वो कूल्हते अक़्सर।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 277 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में नही सुगंध मिलेगी तुझे ज़माने में। बदन महकता पसीने से ही नहाने में।। बहाते खून पसीना महल बनाने में। लगे हैं लोग वहीं झुग्गियां जलाने में।। ज़मने भर की ख़ुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 4 Feb 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं... तड़पता छोड़ के अक़्सर वही तो जाते हैं। कि जिनको प्यार का हम आसरा बनाते हैं।। बुला के पास हमें ख़ुद ही दूर जाते हैं। ख़ुदा के वास्ते इल्जाम ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 190 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं... मेरे अज़ीज मेरा चीर खींच लेते हैं। ज़रा सी बात पे शमशीर खींच लेते हैं।। दिखावा करते रहे रात भर अकेले में। भरी सभा में ही तौक़ीर खींच लेते हैं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 228 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल:- खुद पर ही शर्मिंदा हैं.. ख़ुद पर ही शर्मिंदा हैं। आज तलक क्यों जिंदा हैं।। कालख मुहँ पर पोत रखी। फ़िर भी हम ताबिंदा हैं।। ठौर-ठिकाना पता नहीं। हम दिल के वाशिंदा हैं।। भूल न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 237 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 31 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला... लगा के दाग़ मुझे माहताब कर डाला। कि दाग़ों ने ही मुझे लाज़वाब कर डाला।। जलो न मुझसे मेरे यार मैं तो छोटा हूँ। तेरी जलन ने ही तो आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 203 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 28 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल - जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं.... जिसे हक़ीम समझ नब्ज़ हम दिखाते हैं। वही दवा के बहाने ज़हर पिलाते हैं।। दिखा के ख़्वाब-ए-ख़ुशी ग़म परोस जाते हैं। शिकारी ज़ाल मे अपने हमें फँसाते हैं।। पहाड़ लोग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 256 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- गमों की रात है काली घना अंधेरा है.. ग़मों की रात है काली घना अंधेरा है। इसी के बाद ख़ुशी का नया सबेरा है।। ये तेरी भूल है नादा कि चाँँद तेरा है। हरेक बाम़ पे अब चाँद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 237 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ.. तेरे हर इक ख्वाब को ताबीर कर दूँ। नाम तेरे दिल की ये जागीर कर दूं।। गर मुहब्बत तू करे मुमताज़ बनकर। आशिक़ी में ताज़ भी तामीर कर दूँ।। इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 300 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Jan 2020 · 1 min read ग़ज़ल- हो रहा बदनाम तो अब होने दो... हो रहा बदनाम तो अब होने दो। होगी चर्चा आम तो अब होने दो।। हार कर घर बैठने से तो अच्छा है हो रहा जो काम तो अब होने दो।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 342 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 30 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- इस क़दर नैना कटीले हो गये... इस क़दर नैना कटीले हो गये। अधपके से फ़ल रसीले हो गये।। आपसे तो कुछ कहा हमने नही। आप क्यों गुस्से में पीले हो गये।। बेअसर काँटे हुये अब शर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 311 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- आज सब का हिसाब कर दूँगा... आज सब का हिसाब कर दूँगा। सबको मैं बेनकाब कर दूँगा।। है गुमा जिनको इल्म पर अपने। उनको मैं लाजबाब कर दूँगा।। मुझको कमतर न आंकिये साहिब। जुगनू को आफ़ताब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 233 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Dec 2019 · 1 min read हज़ल- गप्पों में मेरी दर्शक तल्लीन हो गए हैं गप्पों में मेरी दर्शक तल्लीन हो गए हैं। दारू के साथ वाला नमकीन हो गये हैं।। उतरा नशा तुम्हारा ठुमकों का यार कब से। कविता के आज सारे शौकीन हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 24 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- आप काटोगे वही जो कभी बोया होगा। एक ताजातरीन ग़ज़ल आपकी नज़र?? बह्रे रमल मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन 2122 1122 1122 22 आप काटोगे वही जो कभी बोया होगा।। आज मिलता भी वही जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 191 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे जोड़कर इन सरफिरों को क्या करोगे। तोड़ कर इतने दिलों को क्या करोगे।। एक घर अपना सम्हलता है नही तो। जीत कर सारे किलों को क्या करोगे।। बाँट कर हिंदू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 19 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल:-तुम हमारे हम तुम्हारे हो गए हैं आज से... तुम हमारे हम तुम्हारे हो गए हैं आज से। एक दूजे के सहारे हो गये हैं आज से।। मिल गईं खुशियां हमें अब कष्ट सारे मिट गए। दुःख भरे पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 284 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 8 Dec 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जल रही है नारियां पद्मावती के भेष में.. जल रही है नारियां पद्मावती के भेष में। टूटती मर्यादा नित क्यों राम तेरे देश में।। लुट रही अस्मत सभा में, बेटियों की अब यहाँ। मूक बन बैठे सभासद, आपसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 341 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Nov 2019 · 1 min read ग़ज़ल- दागदा दामन था जिसका, आज वो मशहूर है दागदा दामन था जिसका, आज वो मशहूर है। चाँद पर धब्बे बहुत हैं फिर भी वो पुरनूर है।। आज के इस दौर में, खाने को तो भरपूर है। आदमी आदम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 365 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 22 Oct 2019 · 1 min read गजल- आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो.. *ग़ज़ल* आप ही हमराज मेरे, आप ही सरकार हो। आपसे खुशियां हमारी, खुशियों का संसार हो।। गीत गज़लों में तुम्हीं हो, सप्त सरगम आपसे। गीत हो तुम जिंदगी का, राग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 404 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Oct 2019 · 1 min read गजल - न छोड़े साथ जीवन भर वो जीवन संगनी हो तुम न छोड़े साथ जीवन भर, वो जीवन संगनी हो तुम।। अधूरी जिंदगी तुम बिन, मेरी अर्धांगिनी हो तुम।। सदा सुख दुःख का इक साथी, दिया मैं वो मेरी बाती। दुःखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 552 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 17 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा... इक़ ख़्वाब दिल में पल रहा। हर दौड़ में अब्बल रहा।। अब जीतता है बस वही। वैसाखियों पे चल रहा। मत बोलिये अब सच यहाँ। बस झूठ ही तो फल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 299 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 9 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तस्वीर तुम्हारी में, इक़ हूर नज़र आये ग़ज़ल? तस्वीर तुम्हारी में, इक़ नूर नज़र आये। अब दिल के आईने में, इक़ हूर नज़र आये।। लगता है तुम्हे रब ने, फुरसत से बनाया है। ये हुस्न बनाकर रब,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी..... महबूब ही ख़ुदा मेरा महबूब बंदगी। महबूब ख़ूबरू मेरा महबूब सादगी।। महबूब मेरा बन गया पहचान अब मेरी। तेरे बग़ैर जिंदगी लगती है खस्तगी।। जुल्मों सितम किये तेरी अस्मत को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 447 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 7 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है... अदब की ज़िंदगी मे क्या कमी है। अकड़ में टूट जाना लाज़मी है।। नही छोटा बड़ा कोई ज़हाँ में। मुकद्दर का खिलौना आदमी है।। दिखाता ख़्वाब खुशियों के शहंशाह। वतन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 375 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 6 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल - न मस्जिदों में खुदा शिव नहीं शिवालों में *ग़ज़ल* ?? न मस्जिदों में खुदा है न है शिवालों में। खुदा मिलेगा कबीरा के ही खयालों में।। नशा शराब न दौलत न रूप के मद से। नशा रहेगा सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 220 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 5 Oct 2019 · 1 min read ग़ज़ल- जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब *ग़ज़ल* जमाना देखिये कितना बिगड़ गया साहिब। हमारी जान के पीछे ही पड़ गया साहिब।। बड़े ही शौक से इक़ आशियां बनाया था। ज़रा से शक मे ये गुलशन उजड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 531 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 26 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम हुई... ??? *ग़ज़ल* ??? *वज़्न* - 1212 1122 1212 22 *अर्कान* - मुफ़ाइलु फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन *बह्र* - मुज्तस मुसम्मन मख़्बून महज़ूफ मक़्तूअ ?????????? वफ़ा के नाम पे अब बेवफाई आम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 287 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 18 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में तीर अब बाकी नही हैं अर्जुनी तूणीर में। धार पैनी भी नहीं अब राणा की शमशीर में।। अब नही दीवानगी है इश्क़ की तासीर में। रब नज़र आता नहीं अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 382 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 10 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- देखकर शोहरत मेरी क़ातिल जमाना हो गया देखकर शोहरत मेरी क़ातिल जमाना हो गया। नाम के सिक्के चले ग़ाफ़िल जमाना हो गया।। ख़ून कत्लेआम ने टुकड़े ज़मीं के कर दिए। प्यार से दिल जीतकर वासिल जमाना हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल:- मेरी दौलत मेरी शौहरत, रब की ही सौग़ात है मेरी दौलत मेरी शौहरत, रब की ही सौग़ात है। कर रहा मेरा ख़ुदा सब, मेरी क्या औकात है।। हुस्न पर इतना तक्कब़ुर क्यों तुझे ए नाज़नीं। चार दिन की चाँदनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 1 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल- प्यार के दरिया में रहकर प्यार की ही प्यास थी दूरियां थी दरमियां लेकिन मिलन की आस थी। प्यार के दरिया में रहकर प्यार की ही प्यास थी।। फ़ासले हों दरमियाँ, कोशिश सभी की ही रही। लाख बंदिश थी ज़माने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 23 Aug 2019 · 1 min read ग़ज़ल:- मुझको यकीं उस पर बहुत, मेरा सनम बस एक है.. मुझको यकीं उस पर बहुत, मेरा सनम बस एक है। दुनिया में हैं मज़हब बहुत, मेरा धरम बस एक है।। ख़तरा नही दुश्मन से अब, ग़द्दार यारों से सदा। करता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share अरविन्द राजपूत 'कल्प' 21 Aug 2019 · 1 min read ग़ज़ल- हुआ मददा बहुत व्यापार साहब। हुआ मद्दा बहुत व्यापार साहब। नये आये हैं थानेदार साहब।। ख़बर सूबों में फैला दीजिएगा। बड़े सच्चे हैं सूबेदार साहब।। बपौती नौकरी अपनी समझते। बने अनपढ़ भी दावेदार साहब।। खबर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 247 Share Previous Page 2 Next