Meenakshi Bhatnagar 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Meenakshi Bhatnagar 22 May 2024 · 1 min read राम प्रेम का दूसरा नाम- राम 1 राम ही , भक्ति है प्रेम की , शक्ति है जीत की ,साधना प्रीति की, भावना बस एक ,नाम हो मन बसे , राम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 85 Share Meenakshi Bhatnagar 22 May 2024 · 1 min read कभी जीत कभी हार कभी जीत कभी हार जो हारे रेत के टीलों से जाओगे बिखर हिम्मत से मिलाई आंख जाओगे निखर आओ खेलो हर खेल जीते तो सिरमौर हारे तो कुछ नया सीख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read मोबाइल मोबाइल मोबाइल घनचक्कर ने सबकी थामी हुई नकेल है फेसबुक और ट्विटर दिखा रहे है अपनी शान व्हाट्सएप और मैंसंजर की हुई अनोखी आनबान मोबाइल घनचक्कर ने सबकी थामी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 91 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read तस्वीर हो 2 इंसानियत की बनी ऐसी इक तस्वीर हो काम आ सके किसी के वह तकदीर हो जो बांटता इंसान को बस जात पात में मन मिटा दे जो कही भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 63 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read बातें ही बातें खुली छतों पर मनकही बतकही कहीं खामोशियों में डूबी खिलखिलाहटो की आहटें आशाओं की डोरी से बंधी खूबसूरत सौगातें यह बातें ,वह बातें ,वह बातें ,हो बाते चाची वो मामी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 63 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read इक कविता इक कविता डूबते सूरज के साथ अंधेरों का साम्राज्य और साथ ही शुरू होता है उजालों का सफर जुगनू चाँद सितारे दिया बाती लाइट्स कोशिशें के सफर में बिखरे अंधेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 74 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read स्पेस • स्पेस. मेरी अपनी स्पेस अस्तित्व को परिभाषित करता सिर्फ मेरा है अनचाहा तो निषिद्ध है और चाहतों को भी देते मर्ज़ी का लाइसेंस दोस्ती की बरसती चांदनी कुबूल है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 120 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read मैं बसंत मैं बसंत ये दूर तलक सफर हो ख्वाहिशों का अनजानी मिलती खुशियों की बारिशों का झिलमिल करती रश्मियों की बरसात मिल जाए तुम्हें जब मिली जुली सौगात इन बातों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 97 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read इक नज़्म इक नज़्म जब भी तू नाम उसका गुनगुनाता है तुझमें चाहत का समंदर लहराता है गुम गई हो जैसे चीज तेरी कीमती तू हसरतों का दरिया नजर आता है बातों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read मेरे अंतस मे बह गए मेरे अंतस मे बह गए आज इक मुलाकात हुई समझ नहीं पाया देखूँ कि बात करूँ लगा सारे मौसम इक साथ आ गए सावन ,भादो, फागुन सब ही मन मे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 97 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी गुलज़ार कर जाती हैं ज़िंदगी गुलज़ार कर जाती हैं तारे सितारे जुगनू चिराग और मुस्कुराहटें अंधेरो से लङने को उजालो का यह सफर जारी रहता है सूरज के ढलने पर जो जल उठती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 50 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read बोगनविलिया बोगनविलिया मेरे घर और सङक के बीच कच्ची पगडंडी पर अनगढ़ से बेतरतीब उगे बोगनविलिया बेहिसाब लुटाते रंगो की रंगोली न मोल भाव बस ऐसा ही साथ तुम्हारा चाहतों का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read खिङकियां खिड़कियाँ मेरी ख्वाहिशों की खिड़कियों पर बयार बासंती दस्तक देती है सुनहरी धूप की स्याही किस्सों की बयानी करती है कुछ सपनो के बीज जो छूटे थे कही किसी पगडंडी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 72 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read प्रेम लौट आता है प्रेम लौट आता है डायरी के बीच सूखे गुलाब कुछ अशआर बस यूँ ही प्रेम लौट आता है दशकों बाद जैसे वन में सुलगते पलाश सा खामोश और घना और... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 88 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read बाते सुनाते हैं जब जागते है ख्वाब और बाते सुनाते है तनहाइयों में बहारों को यूँ आवाज देते हैं फूलों में तितलियों का अक्स दिखता है आसमान गुलाबी जमीं रंगरेज़ लगती है तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 95 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read और कितना सताएगी और कितना सताएगी मुद्दतों से बिछुङे ,वो भी सपना बाद मुद्दत के मिले वो भी सपना ज़िंदगी तू कितने रंग दिखाएगी और कितना और कितना सताएगी आँसुओ की स्याही से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 93 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read तुझको अपनी प्रीत मुबारक तुझको अपनी प्रीत मुबारक आधे और अधूरे रंग हो तेरा हिया रंगूँ रंग अपने यूँ तुझको अपना कर जाऊँ मैं तुझको अपनी प्रीत मुबारक लिए धनक के रंग सभी अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read गुलाबी स्त्रियां गुलाबी स्त्रियाँ हर रंग में जिंदगी ढूँढतीं लम्हों को त्योहार बनाती न जाने कितने रंग बिखराती ये गुलाबी स्त्रियाँ घर का हर कोना सजाती कभी खुद संवरती कभी आँखों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 49 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम वो क्या था ! वो कौन था ? अंतर्मन के गहरे सागर में सीप मे मोती बनाता वो अनजाना शिल्पकार वो क्या था ! वो कौन था ? पाषाण... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read कवि और कलम कवि और कलम नदी की अनबुझी प्यास पर लिखती दिलों में अलाव सा जलाती बाद मुद्दत जो इश्क की आग सी जलाए रखती कवि और कलम मिल रचते ऐसी कृतियाँ... Poetry Writing Challenge-3 · Poem 40 Share Meenakshi Bhatnagar 20 May 2024 · 1 min read धीरे चल ज़िंदगी थोड़ा धीरे चल जिंदगी गमों के फेरे जो थे खुशियों के कुछ घेरे है आँसू उसके इन आँखों में उतर तो जाए जरा सा जी तो लेने दो थोड़ा धीरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 83 Share Meenakshi Bhatnagar 4 May 2024 · 1 min read पगडंडियां पगडंडियां रात चांदनी गीत मधुर थे नैनों से नैन मिले थे पर मूक अधर थे यूँ ही जुड़ गई थी मन की पगडंडियां मन की रुत बदली बसंत बहार ने... Poetry Writing Challenge-3 55 Share Meenakshi Bhatnagar 4 May 2024 · 1 min read ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो झरनों का संगीत लिए पंछी का गीत मधुर लिए इक नई रागिनी बनने दो ऐसे गीत मुझे तुम रचने दो तेरी मेरी बात लिए... Poetry Writing Challenge-3 40 Share Meenakshi Bhatnagar 4 May 2024 · 1 min read खुला आसमान खुला आसमान तो है माना कि पंख कुछ कमजोर है पर है उङने का हौसला उङानो के जज्बे और जिंदगी को मिला खुला आसमान तो है रास्ते बहुत कठिन ऊंची... Poetry Writing Challenge-3 52 Share Meenakshi Bhatnagar 4 May 2024 · 1 min read बाद मुद्दत के जो कही बाद मुद्दत के तुम मुझे मिल जाओ कैसा लगेगा तुम्हें क्या लगेगा मुझे ! ढल रही थी शाम रंग कितने बिखरे थे फिर स्याह अंधेरे मे डूब गया... Poetry Writing Challenge-3 42 Share Meenakshi Bhatnagar 10 Dec 2022 · 1 min read बेटियाँ विधा -छंदमुक्त बिटिया हम बिटिया दिवस मनाते हैं , बिटिया की रक्षा का जिम्मेदार कोई नहीं , डूब मरे हम चुल्लू भर पानी में , नवरात्रि में पूजन कन्या का... Hindi 153 Share Meenakshi Bhatnagar 22 Nov 2022 · 1 min read अंधेरे की पाती उजास ,प्रकाश , रौशनी एक ही शब्द के पर्याय तुम मानते अपने को श्रेष्ठ मुझे कमतर आँकते तुम्हारा अस्तित्व मुझसे ही तो है दीप की जलती वर्तिका मुझसे ही तो... Hindi · कविता 142 Share Meenakshi Bhatnagar 1 Nov 2022 · 1 min read निवाला लघुकथा निवाला अखबार पढ़ते हुए मनीष ने सफेदी के लिए आए हुए मजदूरों के साथ उस युवती को छिपी नज़र से देखा । वह अपने बच्चे को कितने प्यार से... Hindi 202 Share Meenakshi Bhatnagar 24 Oct 2022 · 1 min read युद्ध युद्ध के होते क्या दो ही पहलू जीत और हार इसके दरमियां होकर जो गुजरता है वह असंख्य असह्य दुखों से गुजरता पीड़ा का समंदर अनाथ होते बच्चे वेदनाओं का... Hindi 1 261 Share Meenakshi Bhatnagar 18 Oct 2022 · 1 min read मेरे कल्पना लोक में मेरे कल्पना लोक में मेरे कल्पन लोक में, संसार का यह रूप है मिटे सरहदे नफरतो की प्यार का संसार हो ईर्ष्या द्वेष नफरतों की चले नहीं ऑधिया बस चलती... Hindi 206 Share Meenakshi Bhatnagar 17 Sep 2021 · 1 min read मैं बसंत मैं बसंत मैं बसंत कठिन वक्त की ठोकर हो फिर भी आ जाता कर्तव्य बोध से हर द्वारे दस्तक दे esता हूँ मैं ऋतुराज बसंत जब यौवन की उद्दाम लहर... Hindi · कविता 341 Share Meenakshi Bhatnagar 16 Dec 2020 · 1 min read जश्न जश्न अभी यह दौर कठिन है वक्त का , मानव खड़ा ले कवच हिम्मतका , चल रहा है कोशिशों का सफर , जल्दी ही खत्म होगा यह कहर , जब... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 22 686 Share Meenakshi Bhatnagar 11 Apr 2020 · 1 min read प्रति दिन एक लौ जला रहाहूँ प्रतिदिन एक लौ जला रहा हूं । नव आशाओं के खिले कमल , उन पर गाते भंवरों के दल , सब की आकांक्षाएं प्रबल , गीत प्रीत के रचा रहा... Hindi · कविता 1 2 483 Share Meenakshi Bhatnagar 16 Jan 2020 · 1 min read चौराहा नमन मंच 9/1/2019 छंद मुक्त चौराहा इक चौराहे पर खड़ा हुआ सोच रहा था मानव मन सत्य की पकड़ूं राह या पतली गली से निकल जाऊं अपनी सुख सुविधा में... Hindi · कविता 466 Share Meenakshi Bhatnagar 6 Jan 2020 · 1 min read भीड़ 6/1/2020 भीड़ बस एक भीड़ लिए उन्माद का रूप खिलते खेलते घर को कर गई तबाह एक आह न निकल पाई हुआ सब कुछ बर्बाद । क्या था कसूर यूँ... Hindi · कविता 1 660 Share Meenakshi Bhatnagar 2 Jan 2020 · 1 min read नया साल 2/1/2020 वर्ष नवल तुम यूँ आना सावन की नन्ही बूंदो से कलुष सभी मिटा जाना खिल खिल जाए पात खुशी से निखरी निखरी धूप में वर्ष नवल तुम यूँ आना... Hindi · कविता 1 286 Share Meenakshi Bhatnagar 24 Dec 2019 · 1 min read जश्न होती ज़िंदगी यूँ कहानी अंत भी हो प्रश्न होती जिंदगी । जीत हो या हार जाएं जश्न होती जिंदगी।। प्रीत जो स्वीकार हो तो हाथ थामा कीजिए , गर निभाना साथ हो... Hindi · गीत 2 281 Share Meenakshi Bhatnagar 23 Dec 2019 · 1 min read दुलारी सिम्मी दुलारी सिम्मी . ...मां बाबा के बाद सबकी उतरन पहनकर पढ़ाई करना तक तो ठीक था। पढ़ाई के लिए सरकारी स्कूल भी ठीक था, पर वजीफा पा लेना घर में... Hindi · लघु कथा 349 Share Meenakshi Bhatnagar 12 Nov 2019 · 1 min read पहचानो तुम मन की शक्ति सृष्टि की अंधी दौड़ भाग जीवन में लगी हुई आग हो तुम मानव मन की प्रीत रच लो मौन राग का गीत छोड़ो झूठी यह आसक्ति पहचानो तुम मन की... Hindi · गीत 1 316 Share Meenakshi Bhatnagar 12 Nov 2019 · 1 min read पहचानो तुम मन की शक्ति सृष्टि की अंधी दौड़ भाग जीवन में लगी हुई आग हो तुम मानव मन की प्रीत रच लो मौन राग का गीत छोड़ो झूठी यह आसक्ति पहचानो तुम मन की... Hindi · कविता 296 Share Meenakshi Bhatnagar 12 May 2019 · 1 min read माँ मां तुम याद बहुत आती हो चूल्हे पर फुलके सेंक सेंक कंगन के खनखन करते गीतों से प्यार परोसा करती थी माँ तुम याद बहुत आती हो भीगी भीगी बरसातों... Hindi · कविता 304 Share Meenakshi Bhatnagar 12 May 2019 · 1 min read रुत भी आ कर बीत गई यह रुत भी आकर बीत गई मन की सब बतिया रीत गई गुलमोहर पर छाई बहार उस पर गर्मी का प्रहार दुल्हन ले जाए धूप कहार मौसम के संग प्रीत... Hindi · कविता 516 Share Meenakshi Bhatnagar 21 Feb 2019 · 1 min read जग सारा बाज़ार हुआ बाहर के आडंबर हैं मन का .सूना अंबर है भावों का. तो मेला है मानव .स्वयं अकेला है भाव सलीका औजार हुए जग सारा बाजार हुआ सच्चे का मुंह काला... Hindi · कविता 280 Share Meenakshi Bhatnagar 24 Jan 2019 · 1 min read माँ माँ तू दृश्य अभिराम जीवन की बहती नदिया कभी रुकी पवन सी कभी चले मन भाती पुरवाई माँ तू ममता की सीपी का मोती है माँ तू घिरती संध्या का... Hindi · कविता 572 Share Meenakshi Bhatnagar 15 Nov 2018 · 1 min read सरदार पटेल सरदार पटेल लहू में उसके देश प्रेम का उठता हुआ तूफान था मन में एक प्रगतिशील देश का सपना साकार था स्वतंत्रता सेनानी एक वीर योद्धा महान था वह देश... Hindi · कविता 1 1 520 Share Meenakshi Bhatnagar 24 Aug 2018 · 1 min read dev ho tum danav bhi tum देव हो तुम दानव भी तुम सृजन की हो आस तुम विनाश का भी भास तुम मरण जीवन चक्र तुम उद्धार का द्वार भी तुम देव भी तुम दानव भी... Hindi · कविता 370 Share Meenakshi Bhatnagar 12 Jul 2018 · 1 min read कविता हर पल की साक्ष्य बनो तुम कविता हर पल की साक्ष्य बनो तुम अनवरत यात्रा सी इक पथिक के गुनगुनाते ख्वाबों की प्यास सी इतिहास के फ़लक पर नेह संस्कृति का धनक सजा दो कविता हर... Hindi · कविता 1 292 Share Meenakshi Bhatnagar 26 Apr 2018 · 1 min read दंगख, फसाद विधा पिरामिड विषय दंगा हां आशा संदेशा परिभाषा जो मन चंगा न फसाद दंगा कठौती में हो गंगा हां दंगा उन्मादी हो फसादी करें बर्बादी रचे अवसाद जै अवसरवाद मीनाक्षी... Hindi · कविता 410 Share Meenakshi Bhatnagar 20 Apr 2018 · 1 min read यात्रा एक यात्रा नमन मानवता चार्ल्स डार्विन के विकास वाद के सिद्धांत और प्रकृति चयन से आए पहले मनुष्य के अस्तित्व की चौपाए से इंसान बनने की उन्नति की ,उत्थान की... Hindi · कविता 517 Share Meenakshi Bhatnagar 4 Apr 2018 · 1 min read यात्रा एक यात्रा नमन मानवता चार्ल्स डार्विन के विकास वाद के सिद्धांत और प्रकृति चयन से आए पहले मनुष्य के अस्तित्व की चौपाए से इंसान बनने की उन्नति की ,उत्थान की... Hindi · कविता 595 Share Page 1 Next