Madhuri Markandy Language: Hindi 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Madhuri Markandy 27 Jan 2024 · 1 min read अनेकता में एकता 🇮🇳🇮🇳 *अनेक में एकता* एक बगिया के फूल हैं हम, एक हमारा माली है, भिन्न-2 रंग हो चाहें, एक हमारी डाली हैं। देश मेरा बड़ा रंगीला, भिन्न रंगों से सजा सजीला,... Hindi · कविता 1 114 Share Madhuri Markandy 22 Jan 2024 · 1 min read कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏 आ रहे प्रभु राम अयोध्या,तुम नजारा देख लो, राम की कृपा से मिलता, है किनारा देख लो। कमल जैसे में इनके,सरल निश्चल भाव है, शोभित गल वनमाला इनके,तुम भी आकर... Hindi · कविता 1 156 Share Madhuri Markandy 16 Jul 2022 · 1 min read *कदम* *क्षणिकाएं* पकड़ लो हाथ तुम मेरा/ मिला लो कदम से कदम / बस कुछ यूँ हमदम/ दूर क्षितिज में मिलते हो/ ज्यों धरा और गगन। *********************************** चाहत में तेरी/ बढ़... Hindi · क्षणिकाएँ 1 309 Share Madhuri Markandy 15 Jul 2022 · 2 min read *प्रेम जन्म जन्म का* ना जाने कितने जन्मों से है तेरा मेरा नाता, चाहकर भी मैं इसे समझ ना पाता, प्रेम के बंधन में बँधे हम दोनों निस्वार्थ से, फिर भी तुम्हें देख यही... Hindi · कविता 1 422 Share Madhuri Markandy 15 Jul 2022 · 2 min read *डायरी लेखन* 09 जून,2022 शाम 4:05 मिनट अम्बाला। प्रिय सखी डायरी देख आज फिर से तेरी याद आ ही गई। कभी-कभी डायरी लेखन करने वाले के साथ तो ऐसा ही होता है।वैसे... Hindi · लेख 461 Share Madhuri Markandy 15 Jul 2022 · 1 min read *जूठन* होस्टल से आज ही आई सीमा अपनी माँ-पिता के साथ विवाह समारोह में जाने के लिए तैयार हो रही थी।आज उसकी मौसेरी बहन की शादी थी।शादी में पहुँचते ही सीमा... Hindi · लघु कथा 314 Share Madhuri Markandy 15 Jul 2022 · 2 min read *पिता से जुड़ी यादें* पितृ दिवस आयोजन* *संस्मरण* बात 1994 की है जब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ती थ। पापा ने एक दिन बुलाकर कहा कि तुम मेरी बेटी नहीं बेटा हो। कोई भी... Hindi · संस्मरण 203 Share Madhuri Markandy 15 Jul 2022 · 1 min read *यूँ ही कुछ भी* यूँ ही कुछ भी तो नहीं होता, हर बात का जीवन में सबब होता है, श्रम करना पड़ता है जीवन में, तभी सब कुछ हमें कसब होता है, मेरा-मेरा करते... Hindi · कविता 326 Share Madhuri Markandy 8 Jul 2022 · 1 min read शीर्षक---पिता* शीर्षक---पिता* काँधे पर बिठा मुझको, आसमां सा ऊँचा किया, पिता तुमने हर हालात में, बस सब कुछ दिया ही दिया, सोचती रही मैं कैसे हर चीज़ कहने से पहले आ... Hindi · कविता 196 Share Madhuri Markandy 8 Jul 2022 · 1 min read "इश्क" इश्क हो तो कुछ ऐसा हो, जिसके सौरभ के समक्ष हजार फूल भी फीके पड़ जाएँ, जिसकी दीप्ति हजारों चिराग रोशन कर जाए, जिसकी पैंठ दो जहाँ में भी ना... Hindi · कविता 201 Share Madhuri Markandy 8 Jul 2022 · 1 min read "धूल" *धूल* करती रही साफ़ दीवारों पर लगा मकड़जाल, घर के कोने-कोने में छिपी धूल को, पर उस धूल का क्या? जिसने धूमिल कर दिए इन्सान के हृदय, या फिर वो... Hindi · कविता 212 Share Madhuri Markandy 7 Jul 2022 · 1 min read यूँ ही कुछ भी *यूँ ही कुछ भी* यूँ ही कुछ भी तो नहीं होता, हर बात का जीवन में सबब होता है, श्रम करना पड़ता है जीवन में, तभी सब कुछ हमें कसब... Hindi · कविता 2 173 Share Madhuri Markandy 11 Aug 2021 · 1 min read हरियाली तीज आज आई हरियाली तीज सखी री, मन होवे आज प्रफुल्लित सखी री, करुँ सोलह श्रृंगार जो पिया मन भाए, सजी-धजी देख पिया मुस्काए सखी री, रखकर व्रत माँगू आज तीज... Hindi · कविता 4 1 311 Share Madhuri Markandy 28 Jul 2021 · 1 min read बेटी की आवाज़ मां के अंदर से बोली, उसकी अजन्मी बेटी, मां !तुम कुछ तो धीरज धरा करो, जीने नहीं देंगे मुझे ये लोग, इस बात से तुम ना डरा करो। मुझे बचाने... Hindi · कविता 3 2 278 Share Madhuri Markandy 28 Jul 2021 · 1 min read एक फरिश्ता मिला था सपनों में एक फरिश्ता; समझ ना आया उससे क्या है रिश्ता; कभी मुझे यह दीपक-बाती सा नजर आया; जैसे भक्त ने था भगवान को पाया; कभी मुझे है... Hindi · कविता 2 3 412 Share Madhuri Markandy 28 Jul 2021 · 1 min read आप ही जिंदगी आप आए जिंदगी में महमा बन कर पर रहे मेरे दिल में जिंदगी बनकर; जिंदगी की राह में; जिंदगी की ही चाह थी; पर समय का फेर ही कुछ ऐसा... Hindi · कविता 3 3 527 Share Madhuri Markandy 28 Jul 2021 · 1 min read देश का गौरव हिंदी देश का गौरव है, है पहचान देश की, संस्कृति का सम्मान है, है जान देश की, हर देशवासी की धड़कन है, है शान देश की, जी हां! है यह हिंदी... Hindi · कविता 4 612 Share Madhuri Markandy 13 Jul 2021 · 1 min read मेरा गाँव ताल्लुक नहीं रहा जिन राहों से अब; उन राहों से आज भी हम वाकिफ है; हर मोड़ पर सोचते ही रहे; क्यों है हम यहाँ; कुछ तो है जो अधूरा... Hindi · कविता 3 5 311 Share Madhuri Markandy 13 Jul 2021 · 1 min read झुरमुट बादलों के झुरमुट से चाँद निकल आया है, देखकर सौंदर्य उसका मेरा भी मन हर्षाया है। ढूँढ़ती रही चाँद में अपने रुठे सजन को, छिपकर चाँद ने भी रुठा-सा किरदार... Hindi · कविता 3 3 499 Share Madhuri Markandy 12 Jul 2021 · 1 min read मंदिर की घंटी ना बजती मंदिर की घंटी, ना अजान की आवाज़ है आती, बच्चें चाहते पाठशाला की घंटी, बस उसको भी नदारद ही पाते। मंदिरों से उतार दी अब घंटियाँ, पाठशाला की... Hindi · कविता 2 4 321 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read अंतरजातीय प्रेम विवाह और गृह प्रवेश "कल्पना को हम अपने घर की बहू नहीं बनने देंगे,आखिर वो हरिजन जो है" राकेश अपनी पत्नी मीरा से कह ही रहा था.....इतने में उन्हें फ़ोन पर पता चला की... Hindi · लघु कथा 4 2 256 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 2 min read संस्मरण- प्रियजन से बिछड़ने का दुख अपने किसी प्रियजन से बिछड़ने का दुख वही समझ सकता है, जिसने कभी ना कभी अपने बहुत ही अनमोल रिश्ते को खोया हो।हाँलाकि हर व्यक्ति के जीवन में कोई ऐसा... Hindi · कहानी 2 793 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read सायली छंद ---*प्रभु* प्रभु कृपाल दयाल कृपा करें जब मानव निहाल प्रसन्नचित्त ************************************ दीपक हृदय बसा प्रभु रुपी जब तब इन्सान भवपार ************************************ अनमोल समय जीवन मृत्यु अटल सत्य सिमरण प्रभु पारावार ************************************... Hindi · कविता 1 465 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read "क्षणिकाएं"--विषय--*जीवन* 1.समझना है जीवन को जीवन एक उपहार श्वास-श्वास में बस रही संभावनाएँ अपार। 2.हे प्रभु! हर श्वास में तुम हो समाए हृदय में बसी है ज्योति तेरी उसी ज्योति से... Hindi · कविता 2 565 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read *छूट गई बेड टी* सुधा को मायके में बेड टी की आदत थी।परंतु जब उसकी शादी हुई तो उसकी ससुराल में बेड टी नहीं पी जाती थी।सबका अपने अपने घर का माहौल व आदतें... Hindi · लघु कथा 2 292 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read हाइकु--(5,7,5)--*प्रभु* जीवन चक्र, चलता निरंतर, जीव हताश। नहीं बुझती, हृदय रुपी प्यास, नर निराश। जीव अभागा, भटके निरंतर, प्रभु की आस। मन है शांत, हृदय फेरे माला, प्रभु का ध्यान। प्रभु... Hindi · हाइकु 1 480 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read सुख-दुख सुख-दुख तो जीवन में, एक ही सिक्के के दो पहलू, सुख में इंसान आराम फरमाता, दुख के पलों को भी है बिसराता। सुख में प्रभु को भूल ही जाता, दुख... Hindi · कविता 1 440 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 2 min read मेरा एकांत समय *मेरा एकांत समय* मेरा एकांत समय वो समय जब मैं खुद के लिए कुछ करना चाहती हूँ ।भागमभाग से भरी इस जिंदगी में जब भी मुझे एकांत के दो पल... Hindi · लेख 1 444 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 2 min read खुशी का अभिनय जीवन में हर पल हर कोई इंसान बस खुश रहने का अभिनय कर रहा है परंतु खुश तो कोई भी नहीं है। हर किसी को कोई ना कोई समस्या तो... Hindi · लेख 1 1 531 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read *हाय! रे पढ़ाई* भारी-भरकम बस्ते लेकर, जब जाते थे स्कूल, माँ के हाथ से खाना खाकर, थकावट जाते थे भूल, पर आज तो...... इस ऑनलाइन पढ़ाई ने धूम मचाई, घर बैठे-बैठे बच्चों को,... Hindi · कविता 1 668 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read *नारी* टूटती रही,बिखरती रही, फिर भी मैं सँवरती रही, नारी हूँ ना??? किसे कहूँ दिले-हाल अपना परिवार की खुशियों की खातिर, पल-पल बस मैं ही मरती रही। नहीं चाहिए सहानूभूति किसी... Hindi · कविता 2 2 344 Share Madhuri Markandy 10 Jul 2021 · 1 min read *बालगीत-चंदा मामा* प्यारे-प्यारे चंदा मामा, दूर गगन में रहते हो, लगते बड़े सलौने मुझको, मुझसे ना बतियाते हो। रोज़-रोज़ मैं तुम्हें बुलाता, फिर भी कभी ना आते हो, दूर-दूर से देख के... Hindi · कविता · बाल कविता 1 625 Share Madhuri Markandy 9 Jul 2021 · 2 min read "बिंदिया" "आए हाय! पति तो इसका मर गया पर आज भी पता नहीं किसके नाम की ये बिंदिया लगाती है, यह कलमुँही है कलमुँही पता नहीं कहाँ-कहाँ मुँह काला करके आती... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 343 Share Madhuri Markandy 28 Jun 2021 · 1 min read कविता--"इंतजार" *इंतज़ार* तेरे इंतज़ार में, ना जाने कितने जन्मों से, बस पलकें बिछाए बैठे हैं। अब तो आखिरी साँस भी.... जवाब देने लगी है। आओ तो देखना मेरी आँखो में, जो... Hindi · कविता 5 5 490 Share Madhuri Markandy 26 Jun 2021 · 3 min read "कहानी-जुलूस" *जुलूस(कहानी)* भारत में संतों, समाज सुधारकों, आध्यात्मिक गुरुओं व योग गुरुओं की एक लंबी परंपरा रही है। ऐसे संतों व धर्म गुरुओं की कमी नहीं है, जिन्होंने स्वस्थ समाज के... Hindi · कहानी 4 1 806 Share Madhuri Markandy 25 Jun 2021 · 1 min read मेरे राम लला....(भजन/गीत) मेरे राम लला का भवन बना, हर चेहरा खुशियों से है खिला। ये राम जन्म की भूमि है, सीता ससुराल भी प्यारी है, ये अयोध्या नगरी न्यारी है, आज शिलान्यास... Hindi · गीत 3 2 460 Share Madhuri Markandy 24 Jun 2021 · 2 min read "पिता" निशब्द! सी मैं हो जाती हूँ, शब्दों को आधार नहीं मिलता, जब भी पिता पर लिखना चाहूँ, शब्दों का भंडार नहीं मिलता। बस अश्रुपूरित सी आंखों में, सब यादें धुंधली... Hindi · कविता 3 2 689 Share Madhuri Markandy 24 Jun 2021 · 1 min read तुम मेरे स्पाइडर मैंन हर दिन एक फरमाइश, हर फरमाइश पर बस तेरा मुस्काना, मेरी हर फरमाइश फरमान सी होना, मेरे हर फरमान को तेरा पूरा कर जाना, वो अंधकार की खाई सेतु बन... Hindi · कविता 5 5 336 Share Madhuri Markandy 23 Jun 2021 · 1 min read कविता शब्दों का जाल नहीं साधन है शब्द तो, साधना है कविता, जीवन के ताने-बाने से बनी, भावना है कविता। हृदय के उद्गारों से पनपी, अभिव्यक्ति है कविता, शब्दचित्रों से बनती, आंतरिक संवेदना है कविता।... Hindi · कविता 5 7 360 Share