Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2021 · 1 min read

एक फरिश्ता

मिला था सपनों में एक फरिश्ता;
समझ ना आया उससे क्या है रिश्ता;
कभी मुझे यह दीपक-बाती सा नजर आया;
जैसे भक्त ने था भगवान को पाया;
कभी मुझे है चंदन- पानी सा नजर आया;
जीवन को मेरे खुशबू सा महकाया;
कभी मुझे है चांद- चकोर सा नजर आया;
दूर क्षितिज पर मिलन जिससे पाया;
कभी मुझे है फूल -धागा सा नजर आया;
माला के रूप में बंधन सा पाया;
कभी मुझे है स्वामी-दास सा नजर आया;
मीरा रूप में जिसे मैंने पाया।।
✍माधुरी शर्मा मधुर
अंबाला हरियाणा। (21.09.19)
10:23pm (शनिवार)

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 376 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3316.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
🌹 वधु बनके🌹
🌹 वधु बनके🌹
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
।। श्री सत्यनारायण कथा द्वितीय अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राम आ गए
राम आ गए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जल बचाकर
जल बचाकर
surenderpal vaidya
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
कब टूटा है
कब टूटा है
sushil sarna
लेखक कौन ?
लेखक कौन ?
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
हे मनुज श्रेष्ठ
हे मनुज श्रेष्ठ
Dr.Pratibha Prakash
लिख सकता हूँ ।।
लिख सकता हूँ ।।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
होलिडे-होली डे / MUSAFIR BAITHA
होलिडे-होली डे / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
मैंने कहा मुझे कयामत देखनी है ,
मैंने कहा मुझे कयामत देखनी है ,
Vishal babu (vishu)
"वक्त के पाँव में"
Dr. Kishan tandon kranti
वह एक हीं फूल है
वह एक हीं फूल है
Shweta Soni
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
*महाराजा अग्रसेन और महात्मा गॉंधी (नौ दोहे)*
*महाराजा अग्रसेन और महात्मा गॉंधी (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
" मुशाफिर हूँ "
Pushpraj Anant
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
“ख़ामोश सा मेरे मन का शहर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
घर-घर ओमप्रकाश वाल्मीकि (स्मारिका)
Dr. Narendra Valmiki
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
उसको फिर उसका
उसको फिर उसका
Dr fauzia Naseem shad
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
वक्त, बेवक्त मैं अक्सर तुम्हारे ख्यालों में रहता हूं
Nilesh Premyogi
"प्रेम -मिलन '
DrLakshman Jha Parimal
■ मुक्तक
■ मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं!
Rashmi Sanjay
मतदान करो मतदान करो
मतदान करो मतदान करो
Er. Sanjay Shrivastava
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
Loading...