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10 Jul 2021 · 1 min read

अंतरजातीय प्रेम विवाह और गृह प्रवेश

“कल्पना को हम अपने घर की बहू नहीं बनने देंगे,आखिर वो हरिजन जो है” राकेश अपनी पत्नी मीरा से कह ही रहा था…..इतने में उन्हें फ़ोन पर पता चला की उनके बेटे ने कल्पना के साथ कोर्ट मैरिज कर ली है।वो दोनों ही इस खबर को सुनकर हक्के-बक्के रह गए कि किस तरह से उनका बेटा गरीब और दूसरी जाति की लड़की को ब्याह लाएगा।परंतु विवेक तो बहुत खुश था, आखिर उसने कल्पना से विवाह करके व उसका गृहप्रवेश करवा कर स्वर्ण व हरिजन के बीच की खाई को हमेशा के लिए भर ही दिया था।

✍माधुरी शर्मा मधुर
अम्बाला हरियाणा।

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 227 Views
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