Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Sep 2018 · 1 min read

✍कलमकार✍

#विधा….#सार_छंद
✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍
?✍कलमकार✍?
*******************
मन के भावों को प्रदर्शित,
कलमकार करता है।
सत्य के खातिर मृत्यु से भी,
नहीं कभी डरता है।।
???
दमनकारियों के आगे वह,
कहाँ कभी झुकता है।
कांटों भरी दुरुह हो राहें,
वरन कहाँ रुकता है।।
???
लड़ना ही है फ़ितरत इसकी,
लड़ता ही जाता है।
कठिन डगर या खड़ा हिमालय,
दुस्कर ही भाता है।।
???
गद्दारों ने जब जब इसकी,
कलम पे नजर गड़ाई।
कहें गर इतिहास की बातें,
उसने मुह की खाई।।
???
कलमकार के संमुख देखा,
ताज झुका करते है।
दमनकारी दुष्ट दानव का,
स्वास रुका करते है।।
???
हमें कुचलने की बातों को,
कभी न मन में लाना।
कलम उठाया कफन बाँध ली,
“सचिन” हमें न डराना।।
*******
✍✍पं.संजीव शुक्ल “,सचिन”
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार

Loading...