###संत करे गोहर### छत्तीसगढ़ी गीत ###
###संत करे गोहर ###
अबड़ बछर के बात बतांवा, सुन लव ग संत सुजान ।
कट कट कट बन डोंगरी करय, दिखय ग बिरान ।।
अधीर होके आईंन महंगू बबा, गिरौद पूरी म करिन बसेरा।
आसरा रहिन सतखोजी बबा के,उंहा लगे उकर डेरा।।
ओदिन भी दोगला मन के राज रहीन, सबके आँखी म गड़गे।
देखे म अइसे लागे बबा महंगू के ,सिरबिस ह उजरगे ।।
धीरज धीर म महंगू बबा के ,होवन लागिस सनमान ।
अबड़ बछर के बात बतांवा ,सुन लव ग संत सुजान।।
चलत चलागा म जात धरम के छुवा होगे,अउ होवय जिना दूभर ग।
संत साधू अपजस होवय ,अउ धरति मार सहिस हे भर भर ग।।
कोन सत धारी आहि ,सत पंथ चलाही संत करे गोहार।
अत्याचार अब इहाँ होगे ,अउ धरती म पाप बड़गे हजार ।।
कूकरी बोकरा निस दिन काटय ,मनखे मन होगे गउखान।
अबड़ बछर के बात बतावा,सुन लव
ग संत सुजान।।
बाम्हन बनिया के रीत चलय, दलित परवार ह जुझय।
करके भेद जात पात म आगि बारय, मनखे मनखे ल पूजय।।
गोहार सुन लिस महंगू बबा के,जगत तारन गुरु घासी आगे ।
गद गद होगे नर नारी ल अउ संत साधू के मन म हंसी छागे ।।
हीनता देख शहत दाई दीदी बहिनि अउ गांव के जवान ।।
अबड़ बछर के बात बतांवा ,सुन लव ग संत सुजान।।।
जोग साधिस सतकर्मी बन के ,सत के खांम गड़ा दिस ग।
दीन दुखी के पीरा ल हरके ,सत ल सार बतादिस ग।।
मना करदिस पथरा के देवता पूजे बर,सेत गद्दी लगाके ।
जुग् जुग् बर नाम अमर करदिस ,गुरु बबा अमरीत जोत जलाके ।।
आतम गियान पायबर ,मन्दिर मस्जिद
गुरु दुवारा ये घट ल जान।
अबड़ बछर के बात बतांवा ,सुन लव ग संत सुजान ।।।।।।
अर्जुन भास्कर
भोपाल
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