Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
jyoti jwala
41 Followers
Follow
Report this post
12 Aug 2018 · 1 min read
मुक्तक
अपने दिल का दर्द ये, उम्र भर हंसकर पिये,
जीना उसका जीना है जो, औरों की खातिर जीये।
Language:
Hindi
Tag:
मुक्तक
Like
Share
208 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
Effort € Strengths
Ashish Kumar chaubey
रियलिटी of लाइफ
पूर्वार्थ
धीरे धीरे उन यादों को,
Vivek Pandey
रमेशराज के 7 मुक्तक
कवि रमेशराज
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
विषय सूची
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
रीत की वात अवं किनखs भावज
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
4036.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
रास्ता उन्होंने बदला था और ज़िन्दगी हमारी बदल गयी थी,
Ravi Betulwala
“ सर्पराज ” सूबेदार छुछुंदर से नाराज “( व्यंगयात्मक अभिव्यक्ति )
DrLakshman Jha Parimal
बेशक मां बाप हर ख़्वाहिश करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर का बड़ा हूँ मैं
Kirtika Namdev
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उस देश का रहने वाला हूं
राकेश पाठक कठारा
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
Ravikesh Jha
कविता
Sonu sugandh
स्वाभिमान
Shutisha Rajput
किसी से भी कोई मतलब नहीं ना कोई वास्ता…….
shabina. Naaz
नयी कोपलें लगी झाँकने, पा धरती का प्यार ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
बच्चों के मन भाता तोता (बाल कविता)
Ravi Prakash
Every morning,we are born again.What we do today is,what mat
Ritesh Deo
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
एक मन
Dr.Priya Soni Khare
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
जब तक हम जिंदा यहाँ पर रहेंगे
gurudeenverma198
■ श्री राधाष्टमी पर्व की मंगलकामनाएं।।
*प्रणय*
जरूरी बहुत
surenderpal vaidya
प्रेरणा और पराक्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...