मुक्तक
“ अधिकारॊं की खातिर मरना, सीख गये जो बलिदानी ,
स्वाभिमान की रक्षा मॆं, जिसने दे दी क़ुरबानी ,
मुक्त-हृदय सॆ उसकी गौरव,गाथा का अभिनंदन करते हैं,
भारत माँ कॆ उन बॆटों को ,सत-सत वंदन करते हैं “
“ अधिकारॊं की खातिर मरना, सीख गये जो बलिदानी ,
स्वाभिमान की रक्षा मॆं, जिसने दे दी क़ुरबानी ,
मुक्त-हृदय सॆ उसकी गौरव,गाथा का अभिनंदन करते हैं,
भारत माँ कॆ उन बॆटों को ,सत-सत वंदन करते हैं “