मुक्तक
मुददतों से खुद की कोई खबर नहीं ,
तुझसे अधिक हमको अपनी कदर नहीं ,
बस तुझे उस नजर से देखते है हम,
जिस नजर से तुझको लगती नजर नहीं,
मुददतों से खुद की कोई खबर नहीं ,
तुझसे अधिक हमको अपनी कदर नहीं ,
बस तुझे उस नजर से देखते है हम,
जिस नजर से तुझको लगती नजर नहीं,