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13 Sep 2024 · 1 min read

अगर हो तुम सजग

अगर हो तुम सजग
हो कर निर्भय सामना करो विपत्तियों का
वर्णन ना कर किसी से आयाम अपने साहस का,
वृष्टि हो गर घना,बादल छाए घनघोर घना
तू कभी रुक मत,तू कभी रुक मत
अगर हो तुम सजग।।..२

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