मुक्तक
” जात की बातें ना होंगी, ना धर्म की बातें होंगी,
गर्व की बातें ना होंगी ना शर्म की बातें होंगी,
सच में हो इंसान अगर तुम अपना फर्ज निभाओ ,
दुनिया में खुशियां लायें उस कर्म की बातें होंगी “
” जात की बातें ना होंगी, ना धर्म की बातें होंगी,
गर्व की बातें ना होंगी ना शर्म की बातें होंगी,
सच में हो इंसान अगर तुम अपना फर्ज निभाओ ,
दुनिया में खुशियां लायें उस कर्म की बातें होंगी “