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27 Jun 2018 · 1 min read

""अक्सर""

अक्सर रात के साये में हम बहुत कुछ,
ख्बाबों में लेकर सो जाते हैं..

अक्सर इन रातों कि तन्हाई में ,
हम अपना दर्द बढा़ जाते हैं..

अक्सर रात के साये में हम किसी को,
अपने दिल में बसाकर सो जाते हैं..

अक्सर रातों में हम उसी के ,
संग रहने की फरमाईश कर जाते हैं…

अक्सर रातों में ये दिल भी ना जाने कहाँ चला जाता हैं..

अक्सर रातों में हम यू ही जगा करते हैं..
महफिल उसकी हम यू ही सजा जाते हैं..

अक्सर रातों में हम कुछ उनकी ,
कुछ अपनी बातें कर लिया करते हैं..

अक्सर रातों में हम इंतजार ,
करते रह जाते हैं..

अक्सर वो आते नही ??
हम घर की कुन्दी खुली कर जाते हैं…

अक्सर रात साये में हम बहुत कुछ ,
ख्वाबों में लेकर सो जाते हैं…

Written by…..SAiNi SuNiTA

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