” तेरी यादें “
“हर वक्त तुम्हारी बातें, हर वक्त तुम्हारी यादें,
होश उड़ाता चेहरा और चैन चुराती तेरी आँखें,
हम खुद को जितना रोके,उतना तुझमें खो जाते,
हर वक्त उसी की बातें, हर वक्त उसी की यादें,
तेरी यादों से ज़्यादा अब कुछ भी याद नहीं है,
तुझे पाकर रब से बाकी कोई फ़रियाद नही है,
तू साँसें बन मेरी,मैं तेरी धड़कन बन जाऊं
बंदिश ये ज़माने की सब तोड़ तुझे पाऊँ,
पत्थर दिल भी प्यार में अक्सर मोम सा बन जाता है,
शमा से इश्क निभाने, को परवाना जल जाता है,
प्रेम की बगिया में खिलते हैं,फूल से ज़्यादा काटें,
हर वक्त तेरी ही बातें हर वक्त तेरी ही यादें,
होश उड़ाता चेहरा और चैन चुराती तेरी आँखें,
सागर की लहरों सी तू उमड़ के आ जाती है,
ख्वाबों में इश्क की सीढ़ी से जब भी हैं हम फिसले,
इश्क के दरिया में जो तैरने निकले हैं, कई बार वो डूबे हैं, फिर डूब के उभरे हैं,इश्क की हद ना कोई पक्के होते हैं इरादे, हर वक्त तुम्हारी बातें,हर वक्त तुम्हारी यादें,
होश उड़ाता चेहरा और चैन चुराती तेरी आँखें,
तेरी चौखट पर मैंने अपने जज़्बात बिखेरे
मैं खामोश हूँ अब भी लबों पे अल्फाज़ हैं तेरे
मेरे दिल के मंदिर में तेरी साँसों की बुनियादें
हर वक्त तुम्हारी बातें हर वक्त तुम्हारी यादें,
होश उड़ाता चेहरा और चैन चुराती तेरी आँखें”