Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।

हर वर्ष जलाते हो हर वर्ष वो बचता है।
फिर बैठ सबके अंदर षड्यंत्र वो रचता है।।
हर दिन किसी सीता का अपहरण हो जाता है।
हम देख के रोते हैं वो देख कर हँसता है।।

ये सिलसिला सदियों से चलता है और चलेगा।
जब तक छुपा है दिल में तब तक नहीं जलेगा।।
जिस दिन तुम अपने अंदर के रावण को मार दोगे ।
उस दिन हो शुभ दशहरा रावण भी ना बचेगा।।
“कश्यप”

3 Likes · 2 Comments · 493 Views

You may also like these posts

गीतिका
गीतिका
surenderpal vaidya
उठ जाग मेरे मानस
उठ जाग मेरे मानस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आत्महत्या
आत्महत्या
आकांक्षा राय
मीनू
मीनू
Shashi Mahajan
बात का जबाब बात है
बात का जबाब बात है
शेखर सिंह
22. *कितना आसान है*
22. *कितना आसान है*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET 143.215 – Link vào nhà cái 188BET hàng đầu tại Châu Á
88BET143215
एक बात बोलू
एक बात बोलू
Ritesh Deo
:====:इंसान की अकड़:====:
:====:इंसान की अकड़:====:
Prabhudayal Raniwal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Seema gupta,Alwar
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति
पूर्वार्थ
कब मेरे मालिक आएंगे।
कब मेरे मालिक आएंगे।
Kuldeep mishra (KD)
*
*"वो भी क्या दिवाली थी"*
Shashi kala vyas
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
वफ़ा के बदले हमें वफ़ा न मिला
Keshav kishor Kumar
कठपुतली
कठपुतली
Sarla Mehta
जय श्री राम !
जय श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
माशूक मुहब्बत में...
माशूक मुहब्बत में...
आकाश महेशपुरी
जीवन है
जीवन है
Dr fauzia Naseem shad
" सीमाएँ "
Dr. Kishan tandon kranti
धोखेबाजी का दौर है साहब
धोखेबाजी का दौर है साहब
Ranjeet kumar patre
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
जो भी आया प्रेम से,इनमे गया समाय ।
जो भी आया प्रेम से,इनमे गया समाय ।
RAMESH SHARMA
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुज़ारिश
गुज़ारिश
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2568.पूर्णिका
2568.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
*मुट्ठियाँ बाँधे जो आया,और खाली जाएगा (हिंदी गजल)* ____________
Ravi Prakash
Loading...