Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Apr 2018 · 1 min read

खलल पड़ता है ।

उसे मेरे ख्वाब में आने में खलल पड़ता है ,
चाँद , तारे सब पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है ।

उसकी आँखों में मैंने देखा है नशा प्यार की ,
दिल ही तो है कभी भी मचल पड़ता है ।

तुम्हें याद करते करते इन आँखों से भी आंसू
कही भी ,कभी भी निकल पड़ता है ।

उसकी आँखों से कभी आँखे तो मिलाओ
दिन भी कभी कभी रातो में बदल पड़ता है ।

:-हसीब अनवर

Loading...