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3 Mar 2018 · 1 min read

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नज़र भी मेरी नज़र में तू हैं..
कभी टकराना इस नज़र से,
इस नज़र की गज़ल भी तू हैं..

हर दुआ की तकदीर है तू मेरी,
हर व़फा की तस्वीर है तू मेरी..

ख़ता करू तुझसे या मोहब्बत करू,
हर बीमारी की दवा हैं तू मेरी…

तुझसे जुदा होकर रहना अब मुमकिन नहीं,
क्योंकि हर सूरत में तस्वीर है तेरी…

तुझसे कहूँ में कैसे मोहब्बत है तू मेरी,
मेरी इबादत और इबारत है तू मेरी..
हर दुआ की तकदीर है तू मेरी..
हर व़फा की तस्वीर है तू मेरी…

Written by….. Sunita Saini

1 Like · 372 Views

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