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19 Oct 2017 · 1 min read

“अबकी दिवाली में ” विधाता छंद

“अबकी दिवाली में ” विधाता छंद
1222 1222 1222 1222

जलाकर दीप तम को तुम जरा यारों भगा देना।
दिलों में क्लेश जो भी हो जरा उनको मिटा देना।
मिटाना भाव रज के तुम जरा अबकी दिवाली में।
दिलों में राज जो भी हो जरा सबको जता देना।

जलाना दीप मिट्टी के जरा अबकी दिवाली में।
निभाना यार से यारी जरा अबकी दिवाली में।
नफरतें हो किसी दिल में जरा उसको हटा देना।
जताना प्यार बस सबसे जरा अबकी दिवाली में।

पटाखे कम जलाना तुम जरा अबकी दिवाली में।
धरा को यूं बचाना तुम जरा अबकी दिवाली में।
फरेबी को हटाने की जरा कोशिश सभी करना।
अलख सच की जगाना तुम जरा अबकी दिवाली में।

स्वरचित
रामप्रसाद लिल्हारे “मीना ”
चिखला बालाघाट (म.प्र)

Language: Hindi
472 Views

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