Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
31 Aug 2017 · 1 min read

मैं तुम्हे नाम देती हूँ मुझे पहचान तुम देना

मैं तुम्हे नाम देती हूँ
मुझे पहचान तुम देना
मेरी इस गुस्ताखी का
तुम मुझे इनाम दे देना
मैं दर पर हूँ उसके कोई उसे पैगाम दे देना
दासी समझ मुझको राधा का श्याम दे देना
तू ही तो अब मेरे जीने का सहारा है
साक़ी बन कर तुम मुझे भी जाम दे देना
मैं राधा तेरी हूँ तू मेरा कृष्ण कन्हिया
जीवन भर तुम मेरा साथ निभा देना
मैं प्यासी हूँ कब से तुम प्यास बुझा देना
मेरे लबों को अपने हाथ से जाम पिला देना
दस्तक दूंगी मैं ख़्वाबों में तेरे
नींद चुराने का तुम मुझ पर इलज़ाम लगा देना
में खोई रहती हूँ तेरे ख़्वाबों में अक्सर
ख़्वाबों में ही तुम अपना एहसास करा देना
रातों को अपनी कभी मेरे नाम करा देना
मेरी फोटो को सीने से लगा तुम धडकन सुना देना
मैं अश्कों को अपने छुपाये रखती हूँ
अश्कों का तुम मुझे हिसाब दे देना

भूपेंद्र रावत
31/08/2017

Loading...