Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
6 May 2017 · 1 min read

आशा/उम्मीद

दामन थामे आशा का
जीवन पथ पर चलता चल l
कर्म प्रधान बना कर खुदको
भाग्य की रेखा बदलता चल l

माता और पिता को तो है
तुझसे यह उम्मीद बड़ी l
कितनी भी मुसीबत हो या
संकट की हो कोई घड़ी l
रहमत की वर्षा होगी तू
पुण्य काज को करता चल l
कर्म प्रधान बना कर खुद को
भाग्य की रेखा बदलता चल l….

अब तो तुझे गुजरना होगा
आंधी और तूफानों से l
टकराना होगा तुझको तो
पर्वत और चट्टानों से l
राह सफर की सरल बनेगी
पथ की राह पे चलता चल l
कर्म प्रधान बना कर खुद को
भाग्य की रेखा बदलता चल l…..

डॉ अनिल कुमार कोरी

Loading...