Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
13 Apr 2017 · 1 min read

बेटियाँ

पास रहती हमेशा नहीं बेटियाँ
पर न माँ बाप को भूलतीं बेटियाँ

कहते बेटों को अपना सहारा मगर
दिल के गम अपने सँग बाँटतीं बेटियाँ

पाँव इनके जरा सी धरा क्या मिली
हौसलों से गगन छू रहीं बेटियाँ

आत्मसम्मान अपना यहाँ चाहतीं
इसलिये आत्मनिर्भर हुईं बेटियां

नाम माँ बाप का ये भी ऊँचा करें
बेटों से अब नहीं कम कहीं बेटियाँ

सोचने अब लगी ‘अर्चना’ सोच भी
रीत ऐसे बदलने लगीं बेटियाँ

डॉ अर्चना गुप्ता

Loading...