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31 Dec 2016 · 1 min read

आओ नव-वर्ष

आओ नव-वर्ष!
करें तुम्हारा अभिनन्दन हम
पूजन, वंदन, अर्चन करके
तिलक लगाकर मस्तक पर
खुशियों की गागर तुम रख दो
हर घर के हर आँगन में
फूलों की डलिया तुम दे दो
हर मानव के हाथों में
तन भी महके मन भी महके
रहे सुगन्धित जीवन सबका
यही दुआ है सबको मेरी
खुशियाँ खेलें हर आँगन में।

नव-वर्ष की असीम शुभकामनाओं के साथ,
डॉ चित्रा गुप्ता

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