Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Dec 2016 · 1 min read

गऱ वो कुछ पल रुके होते

गऱ वो कुछ पल रुके होते
दर्मिया यूं न फ़ासले होते
********************
करता रहम गऱ सैयाद जरा
उजड़े यूं भी न घोंसले होते
*********************
दे जाते गऱ तसल्ली थोड़ी
टूटे यूं भी न हौसले होते
********************
नर्म दिल होता गऱ उसका
सख्त इतने न फैसले होते
********************
रखते न गऱ दिले नादां कपिल
बच्चे सा यूं न बहले होते
********************
कपिल कुमार
28/12/2016

Loading...