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27 Dec 2016 · 1 min read

"दो क्षणिकाएँ "

“क्षणिका”
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मैं ही निकला,
कुछ कमअक्ल;
वो आया,
और समझा गया,
मुझे! मेरी ही,
बात का मतलब?
————————-

—- “क्षणिका”——–
—————————–
वो जो
दो पल
थे ख़ुशी के;
पास मेरे,
चुरा लिये तुमने,
सदा के लिये;
———————————————-
राजेश”ललित”शर्मा———————

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