जयबालाजी :: परिमोहन की, परिशोधनकी करें बात:: जितेंद्रकमलआनंद ( ४५)
ताटंक छंद क्रमॉक ४६–
परिमोहनकी, परिशोधन की, करें बात सब परहित की ।
पराभक्ति जब परिवर्तन की करे बात ,खोले खिड़की ।
कहती है वह नया सबेरा, देखो अब आने वाला ।
दर्शयिता वह होगा पथ का ,अंधकार जाने वाला ।।
—— जितेन्द्र कमल आनंद