जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान( गीत)पोस्ट २८
जागो मेरे हिंदुस्तान ! बहुत हो चुका है अपमान
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तुम सोये तो भाग्य सो गया ,बहुत हो चुका है अपमान।
यह सोने क् समय नहीं है,जागो- जागो हिंदुस्तान ।।
जैसे दिनकर के चलने से होता आया दिव्य प्रकाश ।
चलते रहने से समाज का होता आया नित्य विकाश ।
अत: बढ़ो अब आगे- आगे करो जगत् का तुम कल्याण
यह सोने का समय नहीं है,जागो – जागो हिंदुस्तान ।।
मातृभूमि का आराधन हो, बढ़े सैन्यबल, कोषागार ।
भाषाएँ, संस्कृति हों उन्नत ,अर्थ- व्यवस्था और व्यापार
हो अनुशासन तथा सुशासन , विकसित भारत का निर्माण।
यह सोने का समय नहीं है, जाजागो- जागो हिंदुस्तान ।।
भारतमें घुसपैठ बंद हो, यह नष्ट हो आतंकवाद।आतंकवाद।
बहुत समय हो गया नष्ट हो है , व्यर्थव्यर्थ कुतर्कयह वादविवाद ।
अब जवाब देना ही होगा , सीमाओं पर हो प्रस्थान ।
यह सोने का समय नहीं है, जागो – जागो मेरे हिंदुस्तान।।
—– जितेंद्रकमलआनंद