Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2016 · 1 min read

फूल – सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए ( ग़ज़ल) पोस्ट १९

ग़ज़ल ::: फूल – सी कोमल गुलाबी ताज़गी ले आइए
जोड़ दे जो दो दिलों को सादगी ले आइए

तब कहेंगे मत मिटो अपने वतन पे दोस्तों
जो यहॉ आकर न जाये , आदमी ले आइए

है अँधेरों को जरूरत आइने की आज भी
जो कभी बुझने न पाये रोशनी ले आइए

याद आते हों तुम्हे न वायदे हमसे किये
फेहरिश्त हो जिसमें लिखी वो डायरी ले आइए

दे सके जो ” देश के मुरझे चमन को
वो छलकते प्यार की ही शायरी ले आइए ।।

—– जितेन्द्र कमल आनंद

593 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*लू के भभूत*
*लू के भभूत*
Santosh kumar Miri
जियो हजारों साल
जियो हजारों साल
Jatashankar Prajapati
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
तू सुन ले मेरे दिल की पुकार को
gurudeenverma198
जीवन को जीवन की तरह ही मह्त्व दे,
जीवन को जीवन की तरह ही मह्त्व दे,
रुपेश कुमार
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
" मौन "
Dr. Kishan tandon kranti
कोरी किताब
कोरी किताब
Dr. Bharati Varma Bourai
गाँव का दृश्य (गीत)
गाँव का दृश्य (गीत)
प्रीतम श्रावस्तवी
*हवा कैसी चली तन·मन हुई हल·चल*
*हवा कैसी चली तन·मन हुई हल·चल*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*युवाओं की शक्ति*
*युवाओं की शक्ति*
Dushyant Kumar
#महल का कंगुरा
#महल का कंगुरा
Radheshyam Khatik
कुछ करा जाये
कुछ करा जाये
Dr. Rajeev Jain
आई है होली
आई है होली
Meera Thakur
कलम का क्रंदन
कलम का क्रंदन
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
स्त्रियां अपना सर तभी उठाकर  चल सकती हैं
स्त्रियां अपना सर तभी उठाकर चल सकती हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
बंध निर्बंध सब हुए,
बंध निर्बंध सब हुए,
sushil sarna
இந்த உலகில்
இந்த உலகில்
Otteri Selvakumar
खत
खत
Sumangal Singh Sikarwar
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सूक्तियाँ
सूक्तियाँ
Shyam Sundar Subramanian
जिंदगी की जंग
जिंदगी की जंग
Seema gupta,Alwar
4913.*पूर्णिका*
4913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि विशेष - असली पूजा
नवरात्रि विशेष - असली पूजा
Sudhir srivastava
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
रुचि शर्मा
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
“लिखने से कतराने लगा हूँ”
DrLakshman Jha Parimal
एक हसीन लम्हा
एक हसीन लम्हा
Shutisha Rajput
Loading...