Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब

गलतियां हमारी ही हुआ करती थी जनाब
हम गलतफहमियों में जो रहा करते थे
हम उनके कॉल का इंतजार करते
वो किसी ओर के साथ समय बिताया करते थे
बेशक उन्हें हमारी परवाह ना थी
मगर हम उनसे और उन्ही से वेपनाह मोहब्बत किया करते थे
गलतियां हमारी ही हुआ करती जो
जो हम उनसे दिल और जान से प्यार किया करते थे

मेरे अपने विचार
📃✍️

3 Likes · 2 Comments · 228 Views

You may also like these posts

Line.....!
Line.....!
Vicky Purohit
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
10 देखो राखी का चांद....
10 देखो राखी का चांद....
Kshma Urmila
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*प्रणय*
बुरा तो वही , जिसकी नियत बुरी है...
बुरा तो वही , जिसकी नियत बुरी है...
TAMANNA BILASPURI
शून्य सा अवशेष मैं....!
शून्य सा अवशेष मैं....!
पंकज परिंदा
दौरा।
दौरा।
Kumar Kalhans
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
बड़ा ही सुकूँ देगा तुम्हें
ruby kumari
सहयोग
सहयोग
Rambali Mishra
देखा है
देखा है
RAMESH Kumar
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
हम आगे ही देखते हैं
हम आगे ही देखते हैं
Santosh Shrivastava
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
लाचार द्रौपदी
लाचार द्रौपदी
आशा शैली
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
"साहित्यकार और पत्रकार दोनों समाज का आइना होते है हर परिस्थि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जय मां ँँशारदे 🙏
जय मां ँँशारदे 🙏
Neelam Sharma
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
जनता मारेगी कोड़ा
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
मुझ सा नहीं होगा
मुझ सा नहीं होगा
विक्रम कुमार
4049.💐 *पूर्णिका* 💐
4049.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्री कृष्ण जन्म
श्री कृष्ण जन्म
Mahesh Jain 'Jyoti'
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
ख़ुदा करे ये कयामत के दिन भी बड़े देर से गुजारे जाएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
Dheerja Sharma
ज़िंदगी में तेरी कभी कोई गम न हो ।
ज़िंदगी में तेरी कभी कोई गम न हो ।
Dr fauzia Naseem shad
अयोध्या से अयोध्याधाम
अयोध्या से अयोध्याधाम
Sudhir srivastava
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
ग़ज़ल _ करी इज़्ज़त बड़े छोटों की ,बस ईमानदारी से ।
Neelofar Khan
Loading...