*जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे*
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
एक में मेरी धूप होगी, दूसरी में तुम्हारी छाँव।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं सपनों का अर्थ बनूंगी, तुम उन अर्थों का प्रवाह।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं रंग भरूंगी पलकों से, तुम उन्हें समय पर उकेर देना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं धड़कन बनकर रहूंगी, तुम हर धड़कन में मुझे चुनना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं ख़ुशबू की तरह बहूंगी, तुम पवन-सा मुझ में घुल जाना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं शब्दों की कोमल लय हूं , तुम संगीत बन सुर सजाना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं पलकें झुकाकर कहूंगी , तुम मौन में भी मुझे सुन लेना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे,
मैं रातों को चाँद बना दूंगी , तुम अँधेरों में तारे चुन लेना।
जीवन की दो पंक्ति मिलकर लिखेंगे…
©® डा० निधि श्रीवास्तव “सरोद”