तुझे क्या बताऊं,
तुझे क्या बताऊं,
वफा की गहराई।
कभी डूब कर तो,
देखा होता।
गहराई का सबब ,
तेरी आंखों में होता।
समन्दर में उतरकर,
देखा होता।
तू तो तलाश में थी,
चांदनी की।
सूरज को कभी,
घूरा होता।
@श्याम सांवरा…
तुझे क्या बताऊं,
वफा की गहराई।
कभी डूब कर तो,
देखा होता।
गहराई का सबब ,
तेरी आंखों में होता।
समन्दर में उतरकर,
देखा होता।
तू तो तलाश में थी,
चांदनी की।
सूरज को कभी,
घूरा होता।
@श्याम सांवरा…