जब अत्यधिक क्रोध के कारण सामने वाला व्यक्ति पशुवत् व्यवहार क
जब अत्यधिक क्रोध के कारण सामने वाला व्यक्ति पशुवत् व्यवहार करने लगे,तो उसके पुनः मनुष्य होने की प्रतीक्षा करना ही श्रेयस्कर है।
पारस नाथ झा
जब अत्यधिक क्रोध के कारण सामने वाला व्यक्ति पशुवत् व्यवहार करने लगे,तो उसके पुनः मनुष्य होने की प्रतीक्षा करना ही श्रेयस्कर है।
पारस नाथ झा