भले ही आपके भीतर ज्ञान का अनंत सागर क्यों न हो, पर वह ज्ञान
भले ही आपके भीतर ज्ञान का अनंत सागर क्यों न हो, पर वह ज्ञान तभी सार्थक है जब वह किसी जरूरतमंद के जीवन में रोशनी बन सके।
स्वरचित,
रजनी उपाध्याय 🙏🌹
भले ही आपके भीतर ज्ञान का अनंत सागर क्यों न हो, पर वह ज्ञान तभी सार्थक है जब वह किसी जरूरतमंद के जीवन में रोशनी बन सके।
स्वरचित,
रजनी उपाध्याय 🙏🌹