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24 Nov 2025 · 1 min read

भले ही आपके भीतर ज्ञान का अनंत सागर क्यों न हो, पर वह ज्ञान

भले ही आपके भीतर ज्ञान का अनंत सागर क्यों न हो, पर वह ज्ञान तभी सार्थक है जब वह किसी जरूरतमंद के जीवन में रोशनी बन सके।

स्वरचित,
रजनी उपाध्याय 🙏🌹

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