कह प्यासा कविराय
प्यासा जीवन
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प्यासा जीवन जीव का, जीये अपनी प्यास।
धन दौलत औलाद में, ढूंढा करे पिपास ।।
ढूंढा करे पिपास,व्यसन सा जीवन सबका।
पढ़े कोई किताब, ध्यान में रहता रब का।।
कह प्यासा कविराय,मिटे ना कभी पिपासा।
धरती का हर जीव,जी रहा जीवन प्यासा।।
— प्यासा