Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jun 2024 · 1 min read

गीत- किसी से प्यार हो जाए…

किसी से प्यार हो जाए दिले-इक़रार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।

हसीना रूह से माशूक़ बन जाए बड़ी क़िस्मत।
मिलन ऐसा हमारा हो नहीं हों हम कभी रुख़सत।
कि चुंबक और लोहे-सा हृदय संसार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।

हमारे प्यार का तरुवर फले-फूले कि छाया दे।
नहीं जो ख़त्म हो चाहत यही रब शौक़ माया दे।
किसी सागर सरीखा प्यार का विस्तार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।

सवालों में ज़वाबों में किसी का नाम आता हो।
जिधर देखें उधर चेहरा नज़र जो आम आता हो।
ख़रा रिश्ता दिलों का तब अदब अधिकार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।

आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 182 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all

You may also like these posts

काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
काश! हमारा भी कोई अदद मीत होता ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
राजनीति
राजनीति
विशाल शुक्ल
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
जीवन की आपाधापी में, न जाने सब क्यों छूटता जा रहा है।
Gunjan Tiwari
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
बढ़ती गयी दूरियां
बढ़ती गयी दूरियां
Surinder blackpen
मुक्त कर दो अब तो यार
मुक्त कर दो अब तो यार
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"विश्वास की शक्ति" (The Power of Belief):
Dhananjay Kumar
खो जानी है जिन्दगी खो जाने दो
खो जानी है जिन्दगी खो जाने दो
VINOD CHAUHAN
You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
4643.*पूर्णिका*
4643.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
पसंद उसे कीजिए जो आप में परिवर्तन लाये क्योंकि प्रभावित तो म
Ranjeet kumar patre
जिसमें सिमट जाती है दुनिया ही हमारी
जिसमें सिमट जाती है दुनिया ही हमारी
Dr fauzia Naseem shad
चलता समय
चलता समय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
रातें भी कटी हैं करवट बदलते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय प्रभात*
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
"महत्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
*अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगॉंठ*
*अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगॉंठ*
Ravi Prakash
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
रहने दें अभी।
रहने दें अभी।
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
माफिया
माफिया
Sanjay ' शून्य'
When a photographer can't change a scene, he changes his ang
When a photographer can't change a scene, he changes his ang
पूर्वार्थ
दौरे-शुकूँ फिर से आज दिल जला गया
दौरे-शुकूँ फिर से आज दिल जला गया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...