सच्च ही कहा था किसी ने यूँ ही समझाते-समझाते
सच्च ही कहा था किसी ने यूँ ही समझाते-समझाते
उसने कितनी बड़ी सीख दी थी मुस्कुराते-मुस्कुराते
कहा था आज का सच्च दिखाता हूँ
जो कल होगा तुम्हे आज बताता हूँ
सब दौलत और ओहदे से बराबरी ही चाहते हैं
वरना ये वो दौर है कोई इल्ज़ाम लगाते हैं
किसी को औकात दिखाते हैं
सही मायने में दूरियां बनाते हैं