अक्सर मेरी ,तन्हाई में, लिखने की आदत हैं
अक्सर मेरी ,तन्हाई में, लिखने की आदत हैं
रात को काली स्याही बनाकर,लिखने की आदत हैं।
दूर तलक फैले सन्नाटे में,मै अक्सर जागा करता हूँ
दबे हुए अरमानों को कलम बनाकर ,लिखने की मेरी आदत हैं
आंखें थकी हुई होती है फिर भी नींद नहीं आती
झुकी हुई पलकों से होकर लिखने की मेरी आदत है.